Judiciary: मध्यप्रदेश में 6 महिला जजों को किया बर्खास्त
– मप्र विधि और विधायी कार्य विभाग ने की कार्रवाई
– परीविक्षा अवधि के दौरान नहीं किया था अपनी ड्यूटी का संतोषजनक निर्वहन
– तीन भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति की जाएगी राजसात
जबलपुर। मध्यप्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर पदस्थ 6 महिला जजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें एकसाथ बर्खास्त कर दिया गया है। इस कठोर निर्णय के पीछे एक बड़ी वजह सामने आई है। दरअसल, महिला जजों ने अपनी परीविक्षा अवधि यानी कि प्रोबेशन पीरियड के दौरान अपनी ड्यूटी का संतोषजनक निर्वहन नहीं किया था। इसी कारण के चलते इन सभी महिला जजों को सेवा से मुक्त कर दिया गया। मध्यप्रदेश विधि और विधायी कार्य विभाग ने हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति की बैठक और फुलकोर्ट बैठक द्वारा लिए गए फैसले के बाद यह कार्यवाही की है। इधर, मप्र सरकार ने तीन भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति राजसाज करने के आदेश भी जारी किए हैं।
मध्यप्रदेश में 6 महिला जजों को किया बर्खास्त
विधि-विधायी कार्य विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक न्यायिक सेवा की सदस्य सरिता चौधरी द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश उमरिया, रचना अतुलकर जोशी द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश त्योंथर जिला रीवा, प्रिया शर्मा प्रथम व्यवहार न्यायाधीश अंबेडकर नगर इंदौर, सोनाक्षी जोशी प्रथम व्यवहार न्यायाधीश के अधीन पंचम अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश मुरैना शामिल हैं।
इसके साथ ही अदिति शर्मा पंचम व्यवहार न्यायाधीश टीकमगढ़ और ज्योति बरवड़े व्यवहार न्यायाधीश टिमरनी जिला हरदा की सेवाएं समाप्त की गई हैं। इन्हें अच्छा परफॉर्म न करने के कारण सेवा से टर्मिनेट किया गया है। यह सभी कनिष्ठ खंड की न्यायिक सेवा की सदस्य रही हैं।
बैठक में सेवामुक्त करने के लिए की गई थी अनुशंसा
6 महिला जजों को लेकर 8 और 10 मई-2023 को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति की बैठक हुई थी। वहीं 13 मई 2023 को भी इस मामले में फुलकोर्ट मीटिंग हुई थी। इन मीटिंग में फैसला लेकर शासन को जजों को सेवा से पृथक करने की अनुशंसा की गई थी। इसके बाद 9 जून को विधि विभाग ने कार्रवाई करते हुए महिला जजों को सेवा से मुक्त कर दिया। विधि-विधायी कार्य विभाग द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि परिवीक्षा अवधि संतोषजनक और सफलतापूर्वक निर्वहन नहीं कर पाने के कारण यह निर्णय लिया गया है।
इनकी संपत्ति होगी राजसात
मध्यप्रदेश शासन ने तीन भ्रष्ट अफसरों की संपत्ति राजसात करने के आदेश दिए हैं। जिनमें इंदौर में उपायुक्त आबकारी रहे नवल सिंह जामोद, इंदौर में लोक निर्माण विभाग के टाइम कीपर पद पर पदस्थ रहे गुरुकृपाल सिंह सुजलाना और कार्यालय उपायुक्त राहत में संयुक्त आयुक्त के पद पर रहे डॉ. रविकांत द्विवेदी के खिलाफ जांच की गई थी। जांच में यह पाया गया कि इन अधिकारियों ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए थे। राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक इन अधिकारियों की वैधानिक आय के अतिरिक्त जमा संपत्ति को राजसात कर लिया जाएगा।
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