भारत में 85 करोड़ से अधिक लोग कर रहे इंटरनेट का उपयोग
– जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की हुई बैठक
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली किया संबोधित
– पारदर्शता के लिए तकनीक का लाभ उठाने की कही बात
– 200 करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने की जानकारी दी
– वित्तीय लेनदेन में जन धन खाते और आधार से आई क्रांति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलूरू में चल रही जी 20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज भारत में 85 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं जो दुनिया में सबसे सस्ती डाटा लागत का आनंद ले रहे हैं। भारत का डिजिटल सार्वजनिक आधारभूत ढांचा वैश्विक चुनौतियों के लिए सुरक्षित और समावेशी समाधान पेश करता है।
हमने शासन को और अधिक कुशल, समावेशी, तेज और पारदर्शी बनाने के लिए तकनीक का लाभ उठाया है। उन्होंने जन धन खाते, आधार और मोबाइल फोन ने वित्तीय लेनदेन में क्रांति लाने की भी बात कही। प्राचीन परंपराओं से नवीनतम तकनीक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा की भारत में हर किसी के लिए कुछ न कुछ मौजूद है।
भारत की विविधताओं को बताया समाधान का कारण
पीएम ने भारत को अपनी विविधताओं के कारण समाधान के लिए एक आदर्श परीक्षण प्रयोगशाला बताया। उन्होंने भारत के दर्जनों भाषाओं वाले देश होने का उदाहरण दिया जिसमें उन्होंने भारत में दुनिया के सभी धर्म पाए जाने और असंख्य सांस्कृतिक प्रथाओं का पालन होने की बात कही।
कोविड पोर्टल और भारत के टीकाकरण अभियान ने 200 करोड़ लोगों तक पहुंचाई वैक्सीन
इंटरनेट माध्यम पर बात करते हुए पीएम ने बताया कि इस सुविधा के लिए 45 फीसदी से अधिक वैश्विक रियल टाइम भुगतान भारत में होते हैं। वहीं, कोरोना काल के दौरान कोविड पोर्टल के भारत के टीकाकरण अभियान का समर्थन करने से 200 करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने में मदद करने की जानकारी भी पीएम ने दी।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की मदद से 33 अरब डॉलर से ज्यादा की हुई बचत
पीएम ने बताया कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने में मदद मिली और इसकी मदद से सरकार ने 33 अरब डॉलर से ज्यादा की बचत की। पीएम मोदी ने डिजिटल कौशल की क्रॉस कंट्री तुलना की सुविधा के लिए रोडमैप विकसित करने के प्रयासों का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि जो समाधान भारत में सफल होता है उसे दुनिया में कहीं भी आसानी से लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे डिजिटल अर्थव्यवस्था बढ़ेगी इसके सामने सुरक्षा संबंधी खतरे आएंगे, चुनौतियां आएंगी। उनका मानना था कि सुरक्षित डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए सर्वसम्मति बनाए जाने की जरूरत है।
जन धन खातों की संख्या 50 करोड़ के पार
प्रधानमंत्री ने जन धन खातों पर बात करते हुए उन्होंने इसकी संख्या 50 करोड़ के पार पहुंचने की जानकारी दी साथ ही इसे एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताते हुए इसकी सराहना की। मोदी ने एक्स पर ट्वीट कर कहा कि यह देखकर खुशी हुई कि इनमें से आधे से अधिक खाते महिलाओं के हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि देश में जनधन खातों की कुल संख्या 50 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है, जिनमें से 56 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं।
67 प्रतिशत खाते ग्रामीण क्षेत्रों में खोले गए
इधर, मंत्रालय ने एक बयान में इनमें से लगभग 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले जाने की पुष्टि की। वित्त मंत्रालय ने कहा कि जन धन खातों में कुल जमा राशि 2.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि इन खातों से लगभग 34 करोड़ रुपे कार्ड मुफ्त जारी किए गए हैं। मोदी सरकार ने 2014 में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए जन धन बैंक खाते खोलने के लिए बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी कवायद शुरू की थी। इसका उद्देश्य प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण सहित कई वित्तीय सेवाओं को गरीबों के लिए सुलभ बनाना था।
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