हंगामे के बीच लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल पेश
– जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र से संबंधित विधेयक को भी मिली मंजूरी
– लोकसभा की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित
– बीजद ने किया दिल्ली सेवा विधेयक का समर्थन
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में अब तक दोनों ही सदनों में मणिपुर की घटना को लेकर विपक्ष हंगामा करता रहा है। आज 1 अगस्त को भी सदन में हंगामा हुआ। हंगामे के बीच ही सरकार की ओर से दिल्ली सेवा विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया गया। कयास थे कि सोमवार को ही बिल पेश कर दिया जाएगा, लेकिन संसदीय कार्य मंत्री ने बताया था यह बिल सूची में नहीं था।
इस विधेयक के खिलाफ विपक्ष भी एकजुट हो गया है। आम आदमी पार्टी पहले से ही विधेयक का विरोध कर रही है। बता दें कि इस बार सत्र शुरू होने के बाद से ही विपक्ष सदन में मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री का जवाब मांग रहा है। इसको लेकर कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव भी पेश कर चुकी है, जिस पर चर्चा कराई जानी है।
लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल पेश
लोकसभा की कार्यवाही के दौरान 2 बजे तक बिल पेश नहीं हो पाया, वहीं दो बजे के बाद कार्यवाही फिर शुरू हुई और सरकार ने दिल्ली सेवा विधेयक लोकसभा में पेश किया। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह बिल पेश किया, लेकिन तभी विपक्ष के सांसदों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद तीन बजे तक लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
ये है दिल्ली सेवा बिल
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023, मई में केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश को बदलने का प्रयास है, जो दिल्ली विधानसभा की विधायी क्षमता से सेवाओं को बाहर कर देगा। यह अध्यादेश दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ दिनों बाद लाया गया था। कोर्ट ने आदेश दिया था कि पुलिस, भूमि और कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों को छोड़कर सभी विभागों की बागडोर चुनी हुई सरकार के पास रहेगी। आम आदमी पार्टी इस विधेयक के विरोध में है।
दिल्ली के अध्यादेश और विधेयक में तीन बड़े अंतर
रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली सरकार के लिए लाए गए अध्यादेश और अब पेश किए जा रहे सेवा विधेयक में कई अंतर हैं। इसमें सेक्शन 3ए में बदलाव किया गया है। इसमें कहा गया था कि दिल्ली विधानसभा सेवाओं को लेकर कानून नहीं बना सकती है। हालांकि इसे अब विधेयक से बाहर कर दिया गया है। एनसीसीएसए को हर साल दिल्ली विधानसभा और संसद में अपने कार्यों की रिपोर्ट देनी होती थी।
इसे भी विधेयक से बाहर रखा गया है। इसके अलावा 45डी के तहत ऑथॉरिटी, बोर्ड, कमीशन और दिल्ली की अन्य संस्थाओं में नियुक्तियों के प्रावधान को हटाया गया है। इसके तहत पहले उपराज्यपाल या मुख्यमंत्री के सामने प्रस्ताव रखने से पहले ही केंद्र को भेजना होता था।
दिल्ली सेवा बिल पर बोले अमित शाह
लोकसभा में दिल्ली विधेयक पेश होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संविधान इस सदन को अधिकार देता है कि दिल्ली राज्य से संबंधित कोई भी विधेयक पेश किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भी स्पष्ट किया गया था कि संसद में दिल्ली राज्य से संबंधित कोई भी विधेयक लाया जा सकता है। जो भी आपत्तियां हैं वह राजनीति से इतर कुछ नहीं है। हमें यह बिल लाने की अनुमति दी जाए।
सरकार को मिला बीजद का साथ
बीजू जनता दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ. सस्मित पात्रा कहते हैं कि बीजू जनता दल ने दिल्ली विधेयक (दिल्ली सेवा विधेयक) को पारित करने का समर्थन करने का फैसला किया है और हम विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करेंगे। इस संबंध में पार्टी की ओर से तीन लाइन का व्हिप जारी किया गया है। राज्यसभा और लोकसभा दोनों सांसदों को सदन में उपस्थित रहना होगा और आवश्यक कार्य करना होगा।
कांग्रेस का दिल्ली सेवा बिल का विरोध – अधीर रंजन चैधरी
लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल पेश होने के बाद नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चैधरी ने कहा कि यह संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि सेवा के मामले राज्य सरकार के अधीन होते हैं। विपक्ष के अन्य नेताओं ने भी समर्थन किया और कहा कि यह बिल गैरकानूनी है। तभी बीच में टोकते हुए स्पीकर ने कहा कि संसद में बोलते हुए शब्दों को संभालें। आपने कहा कि आपको भी पता है, अगर मुझे पता होता तो मैं इसे इंट्रोड्यूस क्यों करता?
देश के संघीय ढांचे के साथ खिलवाड़ कर रही सरकार- राघव चड्ढा
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने दिल्ली विधेयक को लेकर कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट पर अटैक करने की कोशिश कर रही है। यह देश के संघीय ढांचे के साथ खिलवाड़ है। लोकतंत्र और संविधान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश का भी विरोध किया था। अब इसे कानून का रूप दिए जाने की तैयारी है।
अरविंद केजरीवल समझें, यह भी चुनी हुई सरकार- प्रह्लाद जोशी
सदन की कार्यवाही से पहले विपक्ष के नेताओं ने बैठक की। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, हम संविधान के अंतर्गत ही फैसला लेंगे। गृह मंत्रालय ने अच्छी तरह से इस विधेयक को तैयार किया है। पीएम मोदी और बीजेपी की सरकार को पूरे देश ने चुनाव है। अरविंद केजरीवाल की टीम को समझना चाहिए कि यह भी एक चुनी हुई सरकार है।
जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र से संबंधित विधेयक को मंजूरी दी
लोकसभा ने मंगलवार को विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ‘जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023’ को मंजूरी प्रदान की, जिसमें लोगों की सुविधा एवं फायदे के लिए जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र के डिजिटल पंजीकरण और इलेक्ट्रॉनिक निष्पादन का प्रावधान किया गया है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में संक्षिप्त चर्चा का जवाब दिया और विधेयक को सदन ने ध्वनिमत से अपनी स्वीकृति दी।
चर्चा का जवाब देते हुए राय ने कहा कि इस विधेयक में किसी तरह की शंका की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि मोदी सरकार इस विधेयक को बहुत ही पवित्र मन से लाई है। उन्होंने कहा कि लोगों के लिए सुविधाओं को सुगम बनाने के मसकद से यह विधेयक लाया गया है और यह जनहित में लाया गया विधेयक है।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख तय, पीएम मोदी देंगे जवाब
कांग्रेस द्वारा लोकसभा में पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख तय कर दी गई है। 8 से 10 अगस्त तक इस पर चर्चा होगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी 10 तारीख को अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे। बता दें कि कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने यह प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया था। अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद 10 दिन के भीतर इस पर चर्चा करवानी होती है। विपक्ष लगातार मांग कर रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी सदन में उपस्थित रहें।
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