सावधान! दिमाग खाने वाला अमीबा ले रहा है जान
– केरल में अमीबा के संक्रमण से 15 साल के लड़के की मौत
– स्वास्थ्य विभाग ने दी चेतावनी- दूषित पानी में नहाने से बचें
तिरुवनंतपुरम। केरल के अलाप्पुझा जिले में दुर्लभ मस्तिष्क संक्रमण से एक 15 साल के लड़के की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि उसे दिमाग खाने वाले अमीबा से इन्फेक्शन हुआ था, जिसके बाद हफ्ते भर से उसे तेज बुखार था। यह इन्फेक्शन धीरे-धीरे उसके पूरे शरीर में फैल गया था।
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अलप्पुझा जिले के पनावल्ली में रहने वाला 15 साल का लड़का प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (पीएएम) से संक्रमित था। उन्होंने बताया कि राज्य में इसके पहले भी इस दुर्लभ बीमारी के पांच मामले सामने आ चुके हैं। किशोर की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को दूषित पानी में नहाने से बचने की सलाह दी है।
इन स्थानों पर पाया जाता है अमीबा
अमेरिका के सेंटर ऑफ डिसीज कंट्रोल के अनुसार, प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (पीएएम) एक ब्रेन इंफेक्शन है जो अमीबा या नेगलेरिया फाउलेरी नामक एकल-कोशिका वाले जीव से होता है। यह अमीबा मिट्टी और गर्म ताजे पानी जैसे झीलों, नदियों और गर्म झरनों और खराब रखरखाव वाले स्विमिंग पूलों में पाया जाता है। यह इतना छोटा होता है कि इसे सिर्फ माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है। नेगलेरिया की केवल एक ही जाति नेगलेरिया फोउलेरी इसानों को संक्रमित कर सकती है।
ये हैं मुख्य लक्षण, 100 प्रतिशत है मृत्यु दर
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि बुखार, सिर दर्द, उल्टी और दौरे पड़ना इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। इस दुर्लभ मस्तिष्क संक्रमण में मृत्यु दर 100 प्रतिशत है। यह संक्रमण रुके हुए पानी में पाए जाने वाले मुक्त-जीवित अमीबा से होता है। विशेष रूप से गर्मी का महीना अमीबा के विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाता है।
नाक के जरिए दिमाग में घुसता है अमीबा
जब व्यक्ति स्विमिंग, डाइविंग या प्रदूषित जल का प्रयोग करता है तो ये दिमाग खाने वाला अमीबा नाक के जरिये दिमाग तक पहुंच जाता है। इसके बाद यह ब्रेन टिशू में गंभीर सूजन और विनाश का कारण बनता है। अमीबा इंसान के दिमाग को संक्रमित कर मांस खा जाता है। ये कोई आम अमीबा नहीं हैं, जिसके संक्रमण को एंटीबायोटिक दवाओं से खत्म किया जा सके। ये इतना घातक है कि समय रहते संक्रमण को नहीं रोका जाए तो 5 से 10 दिन में इंसान की मौत हो जाती है।
केरल में 2016 से अब तक पांच मामले आए
राज्य में इससे पहले ऐसे 5 मामले सामने आ चुके हैं। सबसे पहला केस 2016 में आया था। इसके बाद 2019, 2020 और 2022 में एक-एक केस मिला था। इन सभी संक्रमित मरीजों की मौत हो गई थी।