खुशखबरी! सहारा में डूबा पैसा अब मिलेगा वापस
-गृह मंत्री अमित शाह ने लॉन्च किया सहारा रिफंड पोर्टल
-जिनका निवेश हुआ मैच्योर उन्हें ही वापस मिलेगा पैसा
नई दिल्ली। सहारा ग्रुप की कॉरपोरेटिव समितियों में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। दरअसल, 18 जुलाई को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा सहारा रिफंड पोर्टल को लॉन्च किया गया है। सहारा रिफंड पोर्टल के शुभारंभ के कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि सहारा की सहकारी समितियों में जिन लोगों के रुपए कई सालों से डूबे हुए थे, उसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इस पोर्टल के जरिए वे निवेशक अपना पैसा क्लेम कर पाएंगे जिनकी निवेश की अवधि पूरी हो चुकी है। सहारा इंडिया में फंसे निवेशकों को यह बताना जरूरी है कि सरकार की ओर से लाॅन्च किए गए इस पोर्टल से उन निवेशकों को पैसा वापस मिल सकेगा, जिन्होंने इन स्कीम्स में निवेश किया हुआ था।
ये है रिफंड की पूरी प्रोसेस ?
– पोर्टल के जरिए आपको आवेदन करने के लिए सबसे पहले https://mocrefund.crcs.gov.in/Depositor/Register वेबसाइट पर जाना होगा।
– होमपेज पर जमाकर्ता रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें।
– आधार नंबर और इससे जुड़ा मोबाइल नंबर डालें।
– फिर सेंड ओटीपी पर क्लिक करें और ओटीपी आने पर दर्ज करें।
– रजिस्ट्रेशन पूरा होने पर जमाकर्ता लॉगिन पर क्लिक करें।
– दोबारा आधार नंबर और मोबाइल नंबर डालकर ओटीपी दर्ज करें।
– नियम और शर्तों को पढ़कर ‘मैं सहमत हूं’ पर क्लिक करें।
– पूरी डिटेल्स जैसे बैंक का नाम, जन्मतिथि आ जाएगी।
– जमा प्रमाण पत्र की प्रति के साथ दावा अनुरोध फॉर्म भरिये।
– सोसाइटी का नाम, सदस्यता नंबर, जमा राशि भरनी होगी।
– कोई ऋण लिया है या आंशिक भुगतान हुआ है, इसकी जानकारी दर्ज करनी होगी।
– क्लेम अमाउंट 50 हजार से अधिक होने पर पैन कार्ड की डिटेल्स दर्ज करनी होगी।
– दावा सफलतापूर्वक दर्ज होने के बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस आएगा।
– संबंधित सहारा सोसाइटी 30 दिन के अंदर दावे को वैरिफाई करेगी।
– फिर अगले 15 दिन में सरकारी अधिकारी इस पर कार्रवाई करेंगे।
– अनुमोदन होने पर सीधे राशि आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
10 करोड़ निवेशकों को होगा लाभ
केंद्र सरकार के इस सराहनीय कदम से सहारा इंडिया में निवेश करने वाले 10 करोड़ निवेशकों को लाभ मिलेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सहारा में निवेशकों की बात की जाए तो इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, बिहार और मध्यप्रदेश के लोग हैं। लंबे समय से ये निवेशक कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगा रहे थे। उन्होंने कई बार आंदोलन भी किए, लेकिन समस्या का कुछ भी हल होता नजर नहीं आया।
इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी भी लंबित है। इस बीच निवेशकों के एक गुट ने सरकार से मिलकर उनका फंसा हुआ पैसा वापस दिलाने की गुहार लगाई। केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा सहकारिता मंत्रालय का जिम्मा संभालने के बाद इस मामले को निपटाने की दिशा में गंभीर प्रयास शुरू हुए। बीते दिनों अमित शाह एक कार्यक्रम में कह चुके थे कि सहारा के आम निवेशकों का पैसा सरकार डूबने नहीं देगी, जिसके बाद अब वेबसाइट के जरिए निवेशकों का पैसा लौटाने की बात कही जा रही है।
इन लोगों को ही वापस मिलेगा पैसा
मिली जानकारी के मुताबिक, सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से चार को-ऑपरेटिव सोसाइटी के उन निवेशकों का पैसा लौटाया जाएगा, जिनके निवेश की समयसीमा पूरी हो चुकी है। इनमें सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड शामिल हैं।
ऐसे हुआ सहारा के साम्राज्य का पतन
साल 2009 में सहारा ने अपनी दो कंपनियों सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन का आईपीओ लाने की पेशकश की थी। जैसे ही मार्केट में आईपीओ आया सहारा की सेबी के सामने गलत तरीके से 24 हजार करोड़ रुपये की रकम जुटाने की पोल खुल गई, जिसके बाद जब जांच शुरू की गई तो सेबी ने इसमें अनियमितता पाई और वहीं से इसके पतन की कहानी शुरू हुई।
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