सर्वे टीम को ज्ञानवापी परिसर के तहखाने में मिली मूर्ति
– ज्ञानवापी के तहखाने में पहुंची एएसआई की सर्वे टीम
– तहखाने में मुस्लिम पक्ष के वकील भी मौजूद रहे
– सर्वे टीम बोली- तहखाने में महत्वपूर्ण तथ्य छुपे हैं
– दीवार पर कमल के निशान जैसी आकृतियां भी मिली
वाराणसी। ज्ञानवापी में भारतीय पुरातत्व विभाग का सर्वे शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। सर्वे में मुस्लिम पक्ष भी शामिल हुआ। शुक्रवार को सर्वे टीम ने जहां ज्ञानवापी की दीवारों पर स्वस्तिक और त्रिशूल के चिन्ह की तस्वीर ली थी वहीं शनिवार को बंद पड़ा तहखाना खोला गया। हिंदू पक्ष से जुड़े सूत्रों का दावा है कि तहखाने का ताला खुलने के बाद इसमें एक चार फीट की मूर्ति मिली है, जिस पर कुछ कलाकृतियां है।
एएसआई अपने हाईटेक औजारों के जरिये मूर्ति के काल खंड का पता लगा रही है। तहखाने में मूर्ति के अलावा एक दो फीट का त्रिशूल भी मिला है, साथ ही पांच कलश और कमल के निशान जैसी आकृतियां भी दीवार पर मिली हैं। वहीं मुस्लिम पक्ष इस प्रकार की कोई भी चीज मिलने से इनकार रहा है।
शनिवार को ज्ञानवापी के सर्वे के दौरान प्रशासन ने मुस्लिम पक्ष से तहखाने को खोलने के लिए कहा। शुरुआत में अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने तहखाने की चाबी नहीं दी लेकिन प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मस्जिद के केयरटेकर एजाज अहमद ने टीम को चाबी सौंपी। इसके बाद सर्वे टीम ने तहखाने में प्रवेश कर एक चीज की बारीकी से जांच की। सर्वे टीम का मानना है कि तहखाने में महत्वपूर्ण तथ्य छुपे हुए हैं।
बता दें कि सर्वे के लिए चार टीमें बनाई गई हैं जो फोटोग्राफी और विडियोग्राॅफी के साथ ही एक-एक बात रिकॉर्ड में दर्ज कर रही है। शनिवार को सर्वे टीम को नंदीजी के सामने स्थित तहखाने में गंदगी और मलबे का ढेर मिला। इसके बाद तहखाने की सफाई कराई गई।
फोर्स कर रही चक्रमण, कमांडो के हवाले गेट नंबर चार
ज्ञानवापी मसले को लेकर कमिश्नरेट के द्वारा खासी सतर्कता बरती जा रही है। ज्ञानवापी, काशी विश्वनाथ, गोदौलिया चैराहा, बुलानाला, मैदागिन सहित शहर के संवेदनशील इलाकों में पुलिस, आरएएफ, पीएसी, एलआईयू समेत अन्य सुरक्षा एजेंसिया चैकन्नी थीं। इधर, ज्ञानवापी सर्वे के मूवमेंट पर खुद पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन और डीएम एस. राजलिंगम नजर बनाए हुए हैं।
इसके अलावा काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार की सुरक्षा ट्रू पैरा कमांडो के हवाले की गई है। शनिवार को भी ज्ञानवापी आने-जाने वाले मार्ग पर बैरिकेडिंग कर पुलिस जवानों को तैनात कर दिया गया था। केवल पैदल यात्रियों को ही मंदिर की ओर जाने दिया जा रहा था।
आजमगढ़ से सांसद दिनेशलाल यादव निरहुआ का बयान
आजमगढ़ से सांसद दिनेशलाल यादव निरहुआ भी शनिवार को वाराणसी पहुंचे। ज्ञानवापी पर सीएम योगी के बयान पर उनसे सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि अगर आरोप लगाया है तो सच की जांच होनी चाहिए। जो ढ़ांचा पहले था, वो अब नहीं है। उसे किसी ने बलपूर्वक तोड़ दिया है। उसी की जांच सर्वे की टीम कर रही है। जांच से सच सामने आएगा, उससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
स्थानीय कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक हुई अपील
21 जुलाई को वाराणसी की स्थानीय कोर्ट ने एएसआई को सर्वे करके 4 अगस्त को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था।
24 जुलाई को सुबह 7 बजे सर्वे शुरू हुआ। मुस्लिम पक्ष रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई की शाम तक सर्वे पर रोक लगा दी और हाईकोर्ट जाने को कहा।
25, 26, 27 जुलाई को मुस्लिम पक्ष की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। 27 जुलाई को कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया और 3 अगस्त को आदेश देने की बात कही।
3 अगस्त को हाईकोर्ट के जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा, जनहित में सर्वे जरूरी है। मुझे इस तर्क में कोई दम नहीं दिखता कि बिना दीवार खोदे एएसआई नतीजे पर नहीं पहुंच सकता।
3 अगस्त को इस आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट चला गया।
4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
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