संपत्ति के लालच में इनायत ने मां को पीट-पीटकर मार डाला
– संपत्ति के लालच में मां को गर्म बर्तनों से दागता था
– वामपंथी प्रचार पोर्टलों के लिए लेखन का काम कर चुका है आरोपी
– पड़ोसियों ने पुलिस को बताई इनायत की करतूत
– बेटे की प्रताड़ना से तंग आकर बहन के घर लेना पड़ा आश्रय
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के धुले में मां-बेटे के रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई हैं। एक बेटे ने संपत्ति के लालच में अपनीे मां को न केवल गर्म बर्तनों से दागा बल्कि पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस से बचने के लिए उसने यह दिखाने की कोशिश की थी कि उसकी माँ की मौत स्वाभाविक है। ऐनवक्त पर राजफाश होने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी कोई सिरफिरा नहीं बल्कि इनायत परदेशी है जो ‘द इंडी जर्नल’ और ‘द वायर मराठी’ सहित विभिन्न वामपंथी प्रचार पोर्टलों के लिए लेखन का काम करता था। मार्क्सवादी नेता रंजीत परदेशी की मार्क्सवादी पत्नी सरोज कांबले का 5 जून 2023 को महाराष्ट्र के धुले में उनके आवास पर निधन हो गया था। इस बीच 22 जून 2023 को यह पता चला कि उनके बेटे इनायत रंजीत परदेशी ने कथित तौर पर उन्हें पीट-पीटकर मार डाला है। सरोज कांबले धुले में 80 फुट रोड के पास काजी प्लॉट इलाके में अपने पति रंजीत परदेशी और अपने बेटे इनायत के साथ रहती थीं।
सरोज कांबले पंजाब नेशनल बैंक में कार्यरत थीं वहीं रंजीत एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे। पति-पत्नी दोनों पाँच साल पहले ही सेवानिवृत्त हुए थे। दुर्भाग्य से रंजीत परदेशी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के कारण बिस्तर पर हैं। इसी दौरान मार्क्सवादी दंपत्ति के बेटे इनायत को पता चला कि उनकी माँ दोबारा शादी करने की योजना बना रही हैं। इनायत परदेशी को अपनी माँ के चरित्र पर संदेह होने लगा। इनायत परदेशी ने यह सोचकर अपनी माँ को परेशान करना शुरू कर दिया कि अगर वह दोबारा शादी करेगी तो शायद उसे पूरी संपत्ति विरासत में नहीं मिलेगी। 5 जून 2023 को इनायत ने कथित तौर पर उन पर हमला कर दिया।
संपत्ति मांगी तो मां ने इनकार कर दिया
सरोज कांबले और रंजीत परदेशी के सेवानिवृत्त होने के बाद इनायत परदेशी ने उनकी देखभाल की जिम्मेदारी ली, क्योंकि घर का खर्च मार्क्सवादी दंपति को मिलने वाली पेंशन से चलता था। हालाँकि, इनायत परदेशी तब व्यथित हो गए जब उन्हें एहसास हुआ कि उनके माता-पिता की संपत्ति उन्हें नहीं दी जाएगी। संपत्ति के स्वामित्व की माँग करते हुए उन्होंने अपनी माँ से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इनायत की माँगों को मानने से इनकार कर दिया।
मां द्वारा इनकार करने के बाद इनायत परदेशी ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। यह उत्पीड़न तीन महीने तक जारी रहा, जब तक कि सरोज कांबले इससे तंग नहीं आ गईं। अप्रैल में सरोज ने कल्याण में रहने वाली अपनी बहन सुधा काटकर के घर में शरण ली। पीड़ा से बचने के लिए सरोज ने पूरा महीना वहीं बिताया।
अमानवीय अत्याचार करता रहा इनायत
इनायत परदेशी की क्रूरता की कोई सीमा नहीं थी। वह कल्याण गया और अपनी माँ को परेशान करना जारी रखा। परिणामस्वरूप, सरोज कांबले धुले में अपने घर लौट आईं। धुले में भी इनायत अपनी माँ पर अमानवीय अत्याचार करता रहा। वह अक्सर उस पर शारीरिक हमला करता था। उन्हें थप्पड़ मारता था और भयानक चोटें पहुँचाता था।
गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज
यह पाया गया कि सरोज कांबले की मृत्यु स्वाभाविक नहीं थी और उनके बेटे इनायत रंजीत परदेशी ने उन्हें प्रताड़ित किया था। 17 जून 2023 को धुले शहर की आजाद नगर पुलिस ने 12 दिनों के बाद इनायत परदेशी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। यह शिकायत सरोज कांबले की बहन सुधा काटकर ने दर्ज कराई थी।
आजाद नगर पुलिस स्टेशन में दी गई अपनी शिकायत में सुधा ने कहा कि इनायत जानता था कि सरोज कांबले एक बुजुर्ग महिला हैं और अगर उसे पीटा गया तो उसकी मृत्यु हो सकती है। इसके बावजूद इनायत ने अपनी माँ को बार-बार लात और घूंसों से पीटा। उन्होंने कहा कि सरोज कांबले की मौत के लिए इनायत परदेशी जिम्मेदार है।
अंतिम संस्कार खत्म करने की थी जल्दी
इनायत परदेशी ने यह दिखाने की कोशिश की थी कि उसकी माँ की मौत स्वाभाविक है। उसे अपनी माँ के शव का अंतिम संस्कार खत्म करने की भी जल्दी थी। हालाँकि, वहाँ मौजूद कुछ कार्यकर्ताओं ने सरोज कांबले की मौत पर संदेह जताया और इसे अप्राकृतिक मौत बताया। इसके बाद इन लोगों ने पुलिस को सूचित किया। इसके बाद पुलिस सरोज कांबले का शव पोस्टमार्टम के लिए ले जाने लगी। हालाँकि, इनायत परदेशी अपनी माँ के शव के पोस्टमार्टम का विरोध कर रहे थे।
ऐसे में पुलिस ने सरोज कांबले के शव को शवगृह से जबरन नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनायत परदेशी ने रसोई घर में बर्तन को गर्म करता था और उससे अपनी माँ की त्वचा को जला देता था। वह अपने अपाहिज पिता रंजीत परदेशी का मूत्र पीने के लिए भी मजबूर करता था। जब सरोज कांबले की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई तो धुले के नटराज टॉकीज के सामने काजी प्लॉट स्थित अपने घर में अपने पिता के साथ मौजूद था।
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