विपक्षी सांसदों ने मणिपुर के मुददे पर नहीं चलने दी कार्रवाई
– मानसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा
– प्रधानमंत्री से मणिपुर मुद्दे पर बयान देने की मांग पर अड़ा रहा विपक्ष
– ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ‘ का नारे लगाते रहे विपक्षी सांसद
– सभापति से तीखी बहस के बाद सांसद संजय सिंह निलंबित
– सांसद गुमान सिंह डामोर और सुधीर गुप्ता ने उठाए प्रश्न
संसद में मानसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा। विपक्षी सांसदों ने मणिपुर के मुददे पर नारेबाजी कर लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई नहीं चलने दी। आखिरकार संसद के दोनों सदनों को 25 जुलाई सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। उधर, राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ से तीखी बहस के बाद आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को सदन से पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।
मानसून सत्र शुरू होते ही विपक्षी सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर मुद्दे पर संसद में बयान देने की मांग पर अडे रहे। विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री सदन में आओ के नारे लगाए गए। खुद गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर मुद्दे विपक्ष से चर्चा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता विपक्ष यह चर्चा क्यों नहीं होने दे रहा है। मेरा आग्रह है कि विपक्ष चर्चा होने दे ताकि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर देश के सामने सच्चाई पहुंच सके। इधर, सत्र के दौरान सवाल जवाब का सिलसिला चलता रहा।
लोकसभा में सांसद गुमान सिंह डामोर ने जनजातीय क्षेत्रों में धर्मांतरण और नष्ट हो रही संस्कृति के संरक्षण पर सवाल उठाया। इस पर अर्जुन मुंडा ने जवाब देते हुए बताया कि राज्य में जनजातीय सलाहकार परिषद है जिसे ऐसे विषयों पर चर्चा करने के लिए संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। सांसद सुधीर गुप्ता ने 2 हजार की आबादी तक बैंकों का विस्तार करने की योजना पर प्रश्न किया।
हंगामे को लेकर सभापति का बड़ा एक्शन
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले को लेकर सड़क से लेकर संसद तक विरोध प्रदर्शन जारी है। संसद का मानसून सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ जा रहा है। इस बीच मणिपुर मुद्दे पर सदन में विपक्ष के विरोध के दौरान राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने आम आमदी पार्टी के सांसद संजय सिंह को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया।
हंगामा करते हुए सभापति के बेल तक पहुंच गये थे आप सांसद संजय सिंह
मणिपुर में जारी हिंसा और महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी को लेकर आप सांसद संजय सिंह सदन में हंगामा करते हुए सभापति के बेल तक पहुंच गये थे। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें बार-बार हंगामा करने से रोक रहे थे, लेकिन संजय सिंह ने उनकी बात नहीं मानी। आखिर में सभापति ने उन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया। सभापति ने कहा कि आप सदस्य सिंह ने बार-बार आसन के निर्देशों का उल्लंघन किया है, इसलिए उन्हें इस सत्र के शेष समय के लिए सदन से निलंबित किया जाता है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के प्रस्ताव पर सभापति ने कार्रवाई की
हंगामे के बीच सदन के नेता पीयूष गोयल ने आम आदमी पार्टी के संजय सिंह को वर्तमान सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। जिसके बाद आप सांसद संजय सिंह को सभापति ने पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।
राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही दोपहर स्थगित
राज्यसभा की कार्यवाही विपक्षी दलों के हंगामे के कारण एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. साथ ही सदन से आम आदमी पार्टी के संजय सिंह को वर्तमान सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। एक बार के स्थगन के बाद जब बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हुई तो सभापति जगदीप धनखड़ ने प्रश्नकाल शुरू करवाया। किंतु इसी बीच विपक्ष के सदस्य मणिपुर मुद्दे पर हंगामा और नारेबाजी करने लगे। इस बीच विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहने के कारण सभापति ने बैठक को दोपहर दो बजे के लिए स्थगित कर दिया गया।
डॉ वी शिवदासन ने मणिपुर में जातीय हिंसा पर नोटिस दिया
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के डॉ वी शिवदासन ने मणिपुर में जातीय हिंसा पर नोटिस दिया है। धनखड़ ने कहा कि आखिरी नोटिस को छोड़कर शेष सभी नोटिस पर वह गंभीरता से विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, जहां तक आखिरी नोटिस का सवाल है तो आपको याद होगा कि 20 जुलाई को मैंने इस बारे में अपनी व्यवस्था दे दी थी। मणिपुर में हिंसा को लेकर दिए गए नोटिस मैंने स्वीकार कर लिए थे। उन्होंने कहा कि उसी दिन सदन के नेता पीयूष गोयल ने सरकार की तरफ से कहा था कि उन्हें इन नोटिस पर चर्चा कराने में कोई आपत्ति नहीं है।
सभापति ने इसके बाद बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए चर्चा कराने के लिए 27 नोटिस मिले हैं। उन्हें मल्लिकार्जुन खरगे (विपक्ष के नेता), जॉन ब्रिटास, ए डी सिंह… की ओर से नोटिस मिले हैं। सदन में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने आपत्ति जताई और सभापति से पूछा कि ये सदस्य किस दल के हैं, उनका भी जिक्र किया जाना चाहिए।
इन मुद्दों पर भी संसद में दिया गया नोटिस
धनखड़ ने बताया कि भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने पंचायत चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर, भाजपा के सुशील कुमार मोदी ने पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान हुए पुलिस लाठी चार्ज पर, भाजपा के लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने तेलंगाना में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर, भाजपा के जी वी एल नरसिम्हा राव ने छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण को लेकर अनुसूचित जाति व जनजाति के युवाओं के प्रदर्शन पर, भाजपा के हरनाथ सिंह यादव ने छत्तीसगढ़ में महिलाओं की स्थिति से जुड़ी चिंता पर और भाजपा के ही घनश्याम तिवाड़ी ने राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर नोटिस दिए हैं।
सभापति ने इसी प्रकार भाजपा के अन्य सदस्यों के नोटिस का उल्लेख किया।
संसद में पीएम मोदी के बयान पर अड़ी विपक्षी पार्टियां
गौरतबल है कि संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को हुई थी। 20 और 21 जुलाई को, दोनों दिन सदन में मणिपुर हिंसा का मुद्दा छाया रहा। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के चलते राज्यसभा में दोनों दिन कामकाज बाधित रहा। विपक्षी गठबंधन श्इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने मानसून सत्र के तीसरे दिन, सोमवार को भी मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद के दोनों सदनों में बयान देने और चर्चा की मांग जारी रखी।
अपनी इस मांग को लेकर इन पार्टियों के सदस्यों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई विपक्षी सांसदों ने उच्च सदन में नियम 267 के तहत मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करने और प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग करते हुए कार्यस्थगन के नोटिस दिए।
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