लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
-पीएम बोले, लोकमान्य तिलक सम्मान पाना सौभाग्य की बात
-अवार्ड की राशि नमामि गंगे योजना में देने का ऐलान
-एक मंच पर एकसाथ दिखे शरद पवार-अजित पवार
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (1 अगस्त) पुणे के दौरे पर आए हैं। वे सुबह 11 बजे यहां पहुंचे और सबसे पहले दगड़ूशेठ हलवाई मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की। इसके बाद वो एसपी कॉलेज मैदान पहुंचे, जहां उन्हें तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट की ओर से लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
यह कार्यक्रम इसलिए भी खास है, क्योंकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख और विपक्ष के बड़े नेता शरद पवार ने भी पीएम मोदी के साथ मंच साझा किया। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले जिस तरह विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट हो रहा है, उस बीच पीएम मोदी-शरद पवार का एक मंच पर होना अहम घटनाक्रम है।
लोकमान्य तिलक सम्मान पाना सौभाग्य की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए काफी अहम और भावुक करने वाला है। पुणे की भूमि आदर की भूमि है, मैंने यहां के मंदिर का आशीर्वाद लिया। पीएम मोदी ने कहा कि आज जो सम्मान मिला है, यह मेरे लिए काफी खास है। जब भी कोई अवॉर्ड मिलता है तो उसके साथ हमारी जिम्मेदारी भी जुड़ जाती है।
पीएम मोदी ने कहा कि जिनके नाम में गंगाधर है, उनके अवॉर्ड की जो ईनाम राशि मुझे दी गई है मैं वो नमामि गंगे प्रोजेक्ट में दे रहा हूं। लोकमान्य तिलक जी ने स्वतंत्रता आंदोलन की पूरी दिशा बदल दी थी, जब अंग्रेज कहते थे कि भारतवासी देश चलाने के लायक नहीं है, तब उन्होंने स्वराज का नारा दिया।
देश की आजादी में तिलक के योगदान को कुछ शब्दों में समेटना मुश्किल
पीएम मोदी ने कहा कि लोकमान्य तिलक भारत के स्वतंत्रता इतिहास के माथे के तिलक हैं। देश की आजादी में उनकी भूमिका, उनके योगदान को कुछ घटनाओं और शब्दों में नहीं समेटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मैं इस अवॉर्ड को 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित करता हूं।
अजित पवार भी कार्यक्रम में हुए शामिल
इस कार्यक्रम में पीएम मोदी, शरद पवार के अलावा महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेन्द्र फड़नवीस, डिप्टी सीएम अजित पवार, पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे मौजूद रहे। यानी कि चाचा से बगावत के बाद किसी सार्वजनिक कार्यक्रम के मंच पर पहली बार शरद पवार और अजित पवार आमने-सामने आए। हालांकि, अजित पवार ने शरद पवार से नजरें नहीं मिलाईं। वे शरद पवार के पीछे-पीछे चलते नजर आए।
शिंदे सरकार में शामिल हुए अजित पवार
शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने 2 जुलाई को अपने चाचा के साथ बगावत कर दी थी। इसके बाद वे शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और बीजेपी की सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। इसके अलावा 8 और विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ ली थी।
क्या है लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आयोजकों ने कहा कि यह पुरस्कार उनके सर्वोच्च नेतृत्व को मान्यता देता है, जिसके तहत भारत प्रगति की सीढ़ियां चढ़ गया है। यह पुरस्कार हर साल 1 अगस्त को लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर दिया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी से पहले यह पुरस्कार पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा और प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह के अलावा मशहूर व्यवसायी एन आर नारायणमूर्ति तथा ‘मेट्रो मैन’ ई श्रीधरन जैसे 40 दिग्गजों को प्रदान किया जा चुका है।