राष्ट्रपति ने 75 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया
-प्रधानमंत्री आवास पर शिक्षकों से मिले पीएम मोदी
-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया शिक्षकों का सम्मान
-शिक्षकों को मिला 50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार
-डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है शिक्षक दिवस
दिल्ली। 5 सितम्बर यानि आज का दिन पूरा देश शिक्षक दिवस के रूप में मना रहा है। इसी उपलक्ष्य में शिक्षा मंत्रालय ने देश भर से कुल 75 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना है। इन सभी शिक्षकों को मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
बता दें कि चयनित पुरस्कार विजेताओं में 50 स्कूल शिक्षक, उच्च शिक्षा संस्थानों के 13 शिक्षक और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के 12 शिक्षकों शामिल किया गया हैं। शिक्षक दिवस के मौके पर देश में शिक्षकों के अद्वितीय योगदान को प्रोत्साहित करना और उन सभी शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है।
शिक्षकों से मिले प्रधानमंत्री मोदी
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के विजेताओं से बातचीत की और युवाओं को आकार देने में उनके योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री अवासा पर पुरस्कार विजेताओं से बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित अन्य लोग भी शामिल हुए।
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश में शिक्षकों के अद्वितीय योगदान का जश्न मनाना और उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है।’
75 शिक्षकों को किया सम्मानित
5 सितंबर को दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 75 चयनित पुरस्कार विजेताओं को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षकों को पुरस्कृत किया। इनमें 50 स्कूली शिक्षक, उच्च शिक्षा के 13 शिक्षक और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के 12 शिक्षक शामिल हैं।
50 हजार रुपये से किया सम्मानित
शिक्षा मंत्रायल के अनुसार, चुने गए शिक्षकों को योग्यता प्रमाण पत्र, 50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार और रजत पदक से सम्मानित किया गया। पुरस्कार विजेताओं को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करने का भी मौका मिला। शिक्षकों के चयन के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा प्रतिष्ठित व्यक्तियों से युक्त तीन अलग-अलग स्वतंत्र राष्ट्रीय जूरी का गठन किया गया था। शिक्षण, अनुसंधान, सामुदायिक आउटरीच और काम की नवीनता में नवाचार को मान्यता देने के लिए भागीदारी को अधिकतम करने के लिए नामांकन ऑनलाइन मांगे गए थे।
क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?
स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर पूरा देश हर साल शिक्षक दिवस मनाता है। आपकों बता दें कि डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था। डॉ राधाकृष्णन एक शिक्षक, दार्शनिक और विद्वान के रूप में अपने उल्लेखनीय कार्य के लिए जाने जाते हैं। इसके पीछे की कहानी यह है कि उनके छात्र डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व से काफी प्रभावित थे और उनका जन्मदिन मनाना चाहते थे।
इसपर राधाकृष्णन ने कहा कि मेरा जन्मदिन मनाने से बेहतर है कि आप लोग इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाएं। तभी से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत साल 1962 में डॉ राधाकृष्णन के राष्ट्रपति बनने के साथ हुई थी।
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