राजस्थान में सत्ता वापसी के लिए भाजपा निकालेगी चार परिवर्तन यात्राएं
– 2 सितंबर को सवाई माधोपुर से शुरू होगी पहली परिवर्तन यात्रा
– यात्राओं के समापन पर पीएम मोदी करेंगे संबोधित
– 25 सितंबर को जयपुर में होगा यात्राओं का समापन
– गृहमंत्री अमित शाह 2 सितंबर को परिवर्तन यात्रा को रवाना करेंगे
– परिवर्तन यात्राओं के लिए तैयार किए जा रहे रथ
आगामी चुनावों को मद्देनजर रखते हुए राजस्थान में बीजेपी की चार परिवर्तन यात्राएं शुरू होने जा रही हैं। यह यात्राएं अलग-अलग कोनों से निकाली जाएंगी। इन यात्राओं की शुरुआत 2 सितंबर को सवाई माधोपुर के त्रिनेत्र गणेश मन्दिर से होगी जिसे गृहमंत्री अमित शाह रवाना करेंगे वहीं 25 सितंबर को जयपुर में इन यात्राओं का समापन होगा। समापन पर पीएम मोदी एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे।
यात्राओं की अनुसूची –
दूसरी यात्रा 3 सितंबर को वैनेश्वर धाम डूंगरपुर से रवाना होगी, जिसे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा रवाना करेंगे। तीसरी यात्रा 4 सितंबर को रामदेवरा जैसलमेर से शुरू होगी, जिसे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रवाना करेंगे और चैथी यात्रा 5 सितंबर को हनुमानगढ़ के गोगामेडी से शुरू होगी, जिसे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी रवाना करेंगे।
यात्रा को देखते हुए किए जा रहे रथ तैयार –
परिवर्तन यात्रा के तहत पार्टी की ओर से रथ तैयार किए जा रहे हैं। यह रथ प्रदेश की सभी 200 जिलों के हर ब्लॉक तक भ्रमण करेंगे। भगवा रंगों के इन रथों पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता सवार होकर पार्टी का प्रचार प्रसार करेंगे।
केन्द्र सरकार की उपलब्धियों के साथ राज्य सरकार की विफलताओं को लेकर पुस्तिकाएं तैयार की गई है। इनके जरिए लोगों तक पहुंच कर पार्टी को समर्थन देने का आह्वान किया जाएगा। रथों पर सवार होने वाले नेताओं के नाम फिलहाल तय नहीं किए गए हैं। आगामी दिनों में होने वाली बैठकों में नेताओं की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
वसुंधरा राजे सहित कई वरिष्ठ नेता करेंगे अगुवाई –
यह यात्राएं सामूहिक नेतृत्व में निकाली जाएंगी। राज्य के नेता बारी-बारी से यात्राओं की अगुवाई करेंगे। वसुंधरा राजे सिंधिया, गजेंद्र सिंह शेखावत, सीपी जोशी सहित राज्य के वरिष्ठ नेता इसकी अगुवाई करेंगे। साथ ही यह यात्राएं सभी विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेंगी।
भाजपा ने राज्य चुनाव प्रबंधन की बनाई कमेटी –
राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में तीन महीने से भी कम वक्त बचा है। चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी भले ही न किया गया हो, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के बीच हलचल तेज हो गई है। बीजेपी ने गुरुवार को राज्य चुनाव प्रबंधन और मेनिफेस्टो कमेटी बनाई।
कमेटी से बाहर वसुंधरा –
गौर करने वाली ये है कि पार्टी ने किसी भी कमेटी में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया को जगह नहीं दी है। वसुंधरा के मामले में पार्टी का कहना है कि राजे एक जानी-मानी नेता और राजस्थान में बड़ा चेहरा हैं। उनके लिए दूसरा रोल है।
लिहाजा उन्हें ऐसी कमेटियों में शामिल करने की जरूरत नहीं। वहीं, बीजेपी ने राजस्थान से पहले मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए भी स्टेट इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी का ऐलान किया। पार्टी के तर्क से उलट मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बड़े चेहरों को कमेटियों में शामिल किया गया है।
किस मंत्री को मिली कौन सी जिम्मेदारी –
– इलेक्शन मेनिफेस्टो कमेटी की कमान केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को दी गई है।
– राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी और किरोड़ीलाल मीणा सह संयोजक बनाए गए हैं।
– अल्का सिंह गुर्जर, राव राजेंद्रसिंह, सुभाष मेहरिया, प्रभुलाल सैनी और राखी राठौड़ को भी सह संयोजक बनाया गया है।
– स्टेट इलेक्शन मैनेजमेंट के लिए एक कमेटी बनाई गई है।
– प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को इसका संयोजक बनाया गया।
– पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ सह संयोजक बनाए गए हैं।
– ओंकार सिंह लखावत, प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा, दामोदर अग्रवाल, सीएम मीणा और कन्हैया लाल बैरवाल को सह संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है।
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