मोदी पर शाह ने कह दी इतनी बड़ी बात
– अमित शाह ने बताया मणिपुर दंगों का असली कारण
– भाजपा ने म्यांमार सीमा पर शुरू किया तार फेंसिंग का काम
– मणिपुर में भाजपा के छह साल में नहीं हुआ कोई दंगा
– मणिपुर में फैली एक अफवाह से 3 मई के बाद शुरू हुए दंगे
– कोर्ट के फैसले के बाद कुकी और मैतेयी में फैला असंतोष
– म्यांमार में सत्ता परिवर्तन के बाद बार्डर पार कर आए हजारों शरणार्थी
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दूसरे दिन बुधवार को लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर मुद्दे पर जवाब दिया। उन्होंने मणिपुर में भाजपा के छह साल के शासन की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि मणिपुर में जब से भाजपा की सरकार बनी तब से 3 मई तक कर्फ्यू नहीं लगाना पड़ा। मणिपुर एक भी दिन बंद नहीं रहा वहीं उग्रवादी हिंसा लगभग-लगभग समाप्त हो गई थी। ये छह साल के भाजपा के शासन का इतिहास रहा हैं।
अमित शाह ने का कि 2021 में हमारे देश की सीमा से लगे म्यांमार में सत्ता परिवर्तन हुआ। म्यांमार में डेमोक्रेटिक सरकार गिर गई और सेना का शासन आया। जब वहां के कुकी डेमोक्रेटिक फ्रंट ने लोकतंत्र के लिए आदोलन शुरू किया तो वहां की सेना ने इन पर दबाव बनाया। इसके बाद मणिपुर और मिजोरम में कुकी भाइयों का बड़ी तादाद में शरणार्थियों के नाते यहां आना शुरू हुआ।
आजादी के बाद से ही म्यांमार की बार्डर पर तार फेंसिंग नहीं है। ये परिवार सहित जंगल में बसने लगे इससे मणिपुर के हिस्सों में असुरक्षा की भावना आने लगी की इससे हमारी जनसंख्या प्रभावित होगी। भाजपा सरकार ने उसी वक्त 2022 में निर्णय किया है खुली पड़ी म्यांमार की बार्डर पर फेंसिंग करनी पडे़ेगी। सरकार ने 10 किमी की तार फेंसिंग पूर कर दी है वहीं सात किमी का काम चालू हैं। अभी बार्डर पर 600 किमी का सर्वे चल रहा है।
कांग्रेस ने म्यांमार की बार्डर पर नहीं की तार फेंसिग
अमित शाह ने कहा कि कांगे्रस ने 2014 तक म्यांमार की बार्डर पर तार फेंसिग नहीं की। भाजपा ने दूरदर्शिता रखते हुए तार पफेंसिंग का काम शुरू किया। घाटी में मैतेयी रहते हैं और पहाड़ियों पर कुकी और नागा ट्रायबल भाई रहते हैं। जनवरी महीने से भाजपा ने शरणार्थियों को परिचय पत्र देने की शुरुआत की। उनका थम्ब और आई इम्प्रेशन लेकर उन्हें वोटर लिस्ट से जोड़ा। शरणार्थियोें की संख्या बढने से मैतेयी लोगों में असुरक्षा की भावना आ गई।
1968 में भारत और बार्डर से लगी सरकारों के बीच समझौता हुआ कि बार्डर से 40 किमी अंदर आने और जाने पर किसीे तरह के पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी। हजारों किमी की बार्डर में उस समय तार फेंसिंग भी नहीं थी। शरणार्थियों की संख्या बढ़ती गई और इसी के साथ असुरक्षा भी बढ़ती गई।
अफवाह से बिगड़ गई बात
अमित शाह ने कहा कि 29 अप्रैल को अफवाह फैल गई कि 58 शरणार्थियोे की बसाहटों को गांव घोषित कर दिया गया है। इस अपफवाह से ही घाटी में अनदेशा शुरू हो गया। इसे रोकने के लिए हमने माइक वाली जीपें चलाकर लोगों को बताया कि ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। लोगों को अंदेशा हुआ कि ये लोग परमानेंट यहीं बस जाएंगे।
इस दौरान आग में तेल डालने का काम हाईकोर्ट मणिपुर के अप्रैल महीने में आए एक फैसले में सालों से बंद पड़ी एक पिटीशन को अचानक चलाया गया। इसके लिए न तो भारत सरकार के ट्रायबल आयोग का शपत्र लिया, न भारत सरकार के ट्रायबल डिपार्टमेंट का, न गृह मंत्रालय और न ही मणिपुर सरकार से शपथ पत्र लिया गया।अचानक ही कह दिया कि 29 अप्रैल से पहले मैतेयी जाती को ट्रायबल घोषित कर दिया गया है। इससे पहाड पर बसे ट्रायबल में अंदेशा हुआ कि जब मैतेयी ट्रायबल बन जाएंगे तो फिर हमें नौकरियां नहीं मिलेंगी।
किसी कानूनी प्रक्रिया के बगैर एक आर्डर पास कर दिया गया जिससे पहाडी के उपर और नीचे कलेश पैदा हो गया। इसके बाद 3 मई को दंगे शुरू हो गए जो अब तक स्थिति को अशांत बनाए हुए है। ये परिस्थिति जन्य दंगे है। कोर्ट के फैसले के विरोध में एक जुलूस निकला और इसी जुलूस में दोनों समुदाय आमने सामने आ गए और स्थिति बिगड गई।
किसानों के मुद्दे पर यूपीए सरकार को घेरा
लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों के मुद्दे पर यूपीए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक कांग्रेस की यूपीए सरकार रही लेकिन इस सरकार ने किसानों के लिए कुछ भी काम नहीं किया। हर चुनाव में कांग्रेस कहती है कि हमने किसानों का 70 हजार करोड़ का कर्जा माफ किया। इसमें से भी 35 हजार करोड़ का तो कोई हिसााब ही नहीं है।
मोदी सरकार ने किसानों को बनाया कर्ज मुक्त
अमित शाह ने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार किसान का कर्ज माफ करने में विश्वास नहीं रखती है बल्कि किसान को कर्ज लेना ही नहीं पडे़ ऐसी व्यवस्था करती है। मोदी सरकार ने देश के साढे़ 14 करोड़ किसानों के खाते में 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपया डाला। देश के किसान को तय करना है कि एक और 70 हजार करोड़ रुपए के कर्ज का लाली पाप देने वाली यूपीए सरकार है वहीं दूसरी ओर किसान को सम्मान के साथ 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपया देेने वाली मोदी सरकार।
किसानों को लेकर मोदी सरकार ने सर्वे किया। इस सर्वे में सामने आया की ढाई एकड़ से कम जमीन वाले किसान को सिंचाई, बिज और खाद पर 6 हजार रुपया खर्च करना पड़ता है। इसके बाद मोदी सरकार ने किसानों के खाते में छह हजार रुपया पहुंचाना शुरू किया। कांग्रेस की यूपीए सरकार ने किसान को एक बार ऋण मुक्त किया वहीं मोदी सरकार ने किसान को पूरे जीवन के लिए ऋण मुक्त करने का काम किया है।
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