पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने की मोदी सरकार की सराहना
– केंद्र सरकार के वित्तीय, राजनैतिक और कूटनीतिक फैसलों का किया समर्थन
-रूस-यूक्रेन युद्ध पर केंद्र सरकार के रुख की तारीफ की
-यूपीए कार्यकाल के दौरान विदेश नीतियां थी ज्यादा महत्पूर्ण
-आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर भारत- डॉ. मनमोहन सिंह
दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने एक साक्षात्कार में केंद्र सरकार की तारीफ की है। डॉ. मनमोहन सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा लिए गई वित्तीय, राजनैतिक और कूटनीतिक फैसलों का समर्थन किया है। वहीं उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध पर केंद्र सरकार के रुख का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि- ‘भारत ने शांति की अपील करते हुए अपने संप्रभु और आर्थिक हितों को पहले स्थान पर रखकर सही कदम उठाया है। साथ ही उन्होंने देश में चल रही राजनैतिक उठापटक पर टिप्पणी करते हुए घरेलू राजनीति के लिए विदेश नीति का उपयोग करने पर चेतावनी भी दी।
इस साल भारत जी-20 देशों के समिट की अध्यक्षता कर रहा है। इसी के चलते 9 और 10 सितंबर को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में विश्व के प्रमुख नेताओं के साथ कई और नेता शामिल होंगे। हालांकि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं। वहीं सूत्रों के मुताबिक, साल 2004 और 2014 के बीच कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के दो कार्यकालों के दौरान प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह को शनिवार को जी-20 के नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में आमंत्रित किया गया है।
जी-20 देश इन चुनौतियों से निपटने पर लगाए ध्यान
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि सुरक्षा संबंधी विवादों से निपटाने के लिए जी-20 की एक मंच के रूप में कभी कल्पना नहीं की गई थी। जी-20 के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह सुरक्षा मतभेदों को दूर रखे और जलवायु, असमानता और वैश्विक व्यापार में विश्वास की चुनौतियों से निपटने के लिए नीति समन्वय पर अपना ध्यान केंद्रित करे।
यूक्रेन-रूस युद्ध में केंद्र सरकार का पक्ष सही
मनमोहन सिंह ने यूक्रेन-रूस के बीच जारी युद्ध पर भारत सरकार द्वारा अपनाया गए रुख का भी समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि- ‘सरकार की सख्त कूटनीतिक स्थिति से निपटने का तरीका बिल्कुल सही है। जब दो या दो से अधिक देशों में जंग होती है तो अन्य देशों पर पक्ष चुनने का दबाव होता है। मेरा मानना है कि भारत ने शांति की अपील करते हुए हमारे संप्रभु और आर्थिक हितों को पहले रखकर सही काम किया है।‘
यूपीए कार्यकाल के दौरान विदेश नीतियां थी ज्यादा महत्वपूर्ण
डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत की जी-20 अध्यक्षता और विदेश नीतियों से उनके कार्यकाल की तुलना करते हुए कहा कि उनके समय में विदेश नीति घरेलू राजनीति से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई थी। उन्होंने आगे कहा कि पार्टियों को राजनीति के लिए कूटनीति का इस्तेमाल करते समय संयम बरतना अति आवश्यक है। वहीं दूसरी तरफ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि- ‘मुझे बहुत खुशी है कि भारत को जी-20 की अध्यक्षता मेरे जीवनकाल में मिली और मैं जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत द्वारा विश्व नेताओं की मेजबानी करने का गवाह बनूंगा।’
पीएम को सलाह देने से इनकार
चीन से चल रहे विवाद और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शिखर सम्मेलन में शामिल न होने पर जब मनमोहन सिंह से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की क्षेत्रीय और संप्रभु अखंडता की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। साथ ही उन्होंने मौजूदा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई सलाह देने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि- ‘जटिल राजनयिक मामलों को संभालने के तरीके पर प्रधानमंत्री को सलाह देना मेरे लिए सही नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने का फैसला किया है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री भारत की क्षेत्रीय और संप्रभु अखंडता की रक्षा करने और द्विपक्षीय तनाव को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।‘
चंद्रयान हमारे लिए गर्व की बात
मनमोहन सिंह ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग पर खुशी जताते हुए इसरो की क्षमताओं की तारीफ की। उन्होंने कहा- यह बहुत गर्व की बात है कि भारत का वैज्ञानिक प्रतिष्ठान एक बार फिर अपनी क्षमता साबित कर रहा है। पिछले सात दशकों में विज्ञान के प्रति समाज में रुचि पैदा करने और संस्थानों का निर्माण करने के हमारे प्रयासों से जबरदस्त लाभ हुआ है और हम सभी को गौरवान्वित किया है। मुझे वास्तव में खुशी है कि चंद्रयान मिशन ने नए आयाम गढ़े हैं और वह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला मिशन बन गया है। इसरो के सभी वैज्ञानिकों को मेरी हार्दिक बधाई।
मनमोहन बोले, आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर भारत
स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि भारत अगले पांच वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा कि- ‘भारत अगले दशकों में सर्विसेज के साथ-साथ मैन्युफैक्चरिंग और प्रॉडक्शन पर जोर देकर दुनिया की एक आर्थिक महाशक्ति बन सकता है। उन्होंने आगे कहा कि कुल मिलाकर, मैं भारत के भविष्य के बारे में चिंतित से अधिक आशावादी हो गया हूं।
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