मजदूरों के लिए सर्वाधिक योजनाएं अमल करने वाला राज्य बना मध्यप्रदेश
– जन-कल्याण संबल योजना के तहत मजदूर परिवारों को दी सहायता
– जनसम्पर्क अधिकारी ने बताए आंकड़े
– पिछले डेढ़ दशक में 5 लाख 25 हजार मजदूरों को सहायता मिली
– मजदूरों को अब तक 4917 करोड़ रुपये की सहायता दी गई
मध्यप्रदेश के लिए गर्व का मौका सामने आया है। दरअसल, मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना सहित 22 प्रकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के संचालन के साथ मध्यप्रदेश मजदूर परिवारों के हित में सर्वाधिक योजनाएं अमल में लाने वाला राज्य बन गया है। वहीं, लोगों को इन योजनाओं का लाभ देने के लिए श्रम सेवा पोर्टल का काम जारी है। इस बात की जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी केके जोशी द्वारा दी गई।
पांच लाख 25 हजार मजदूरों को मिली मुख्यमंत्री जन-कल्याण योजना से सहायता –
जनसम्पर्क अधिकारी केके जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना में पिछले डेढ़ दशक में पांच लाख 25 हजार मजदूरों को 4917 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। उन्होंने बताया की कोविड संक्रमण के कठिन समय में श्रमिक परिवारों को इन योजनाओं से भरपूर मदद मिली थी।
श्रमिक बन्धुओं के लिए प्रदेश में चलाई जा रही सर्वाधिक योजनाएं –
जनसम्पर्क अधिकारी केके ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के निर्देशों पर श्रमिक बन्धुओं के लिए प्रदेश में सर्वाधिक योजनाएं चलाई जा रही हैं।
इनमें अनुग्रह सहायता, स्थाई एवं अस्थाई रूप से अपंग होने पर सहायता, मध्यप्रदेश श्रम कल्याण बोर्ड के अंतर्गत श्रमिकों को शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना, शिक्षा पुरस्कार योजना, रियायती मूल्य पर कॉपी वितरण योजना, कन्या विवाह सहायता योजना, कल्याणी सहायता योजना, मुख्यमंत्री जन-कल्याण प्रसूति सहायता योजना, कक्षा दसवीं और 12वीं के लिए सुपर-5000 योजना, सायकिल और उपकरण खरीदने के लिए अनुदान योजना, उत्तम श्रमिक पुरस्कार योजना, श्रमिक साहित्य पुरस्कार योजना, अनुग्रह सहायता योजना जैसी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
कल्याण मंडल की विभिन्न योजनाओं में सहायता के आंकड़े –
वित्तीय वर्ष 2022 की बात करें तो इसमें श्रम कल्याण मंडल की विभिन्न योजनाओं में 6हजार 646 श्रमिकों को चार करोड़ 30 लाख 67 हजार रुपये की सहायता दी गई थी। वहीं, चालू वित्त वर्ष में अब तक मंडल की विभिन्न योजनाओं में 2043 मजदूरों को एक करोड़ 41 लाख 18 हजार रुपये की सहायता दी गई है। इन योजनाओं के प्रारंभ से अब तक पांच लाख 86 हजार मजदूरों को 35 करोड़ 77 लाख रुपये की सहायता दी गई है।
योजनाओं के प्रारंभ से 40 लाख 17 हजार हितग्राहियों को मिले हितलाभ –
मध्यप्रदेश स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण मंडल के माध्यम से वर्ष 2008-09 से 2022-23 तक 17 हजार 274 श्रमिकों को 8 करोड़ 55 लाख रुपये की सहायता दी गई। मध्यप्रदेश भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मंडल में दर्ज सभी कामगारों को सहायता दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में मंडल की विभिन्न योजनाओं में 34500 निर्माण श्रमिकों को 275 करोड़ का लाभ दिया गया। योजनाओं के प्रारंभ से अब तक 40 लाख 17 हजार हितग्राहियों को 2,592 करोड़ रुपये के हितलाभ दिए गए।
श्रमिकों के लिए समय-सीमा में वेतन का भुगतान करना आवश्यक –
प्रदेश में श्रमिकों को ओवरटाइम के लिए उनकी सहमति जरूरी है। श्रमिकों को न्यूनतम वेतन और महंगाई भत्ता दिया जाना तथा नियम अनुसार समय-सीमा में वेतन का भुगतान किया जाना आवश्यक है। कामगारों का स्वास्थ्य नियमित परीक्षण कराया जा रहा है। हाल में 35 शिविर लगाकर 7000 श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
विवाह, शिक्षा सहायता सहित कई योजनाओं में 178 करोड़ रूपये सहायता –
विवाह सहायता, शिक्षा सहायता, सुपर 5000 कक्षा-10, सुपर 5000 कक्षा-12, आवास, सायकल अनुदान, औजार उपकरण खरीदी योजना, अनुग्रह सहायता, रैन बसेरा निर्माण, खिलाड़ी प्रोत्साहन और निर्माण श्रमिक शेड जैसी योजनाओं में 178 करोड़ रूपये सहायता 27 हजार प्रकरणों में दी गई है।
वर्ष 2008 से 2022-23 तक शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना, शिक्षा प्रोत्साहन योजना, विवाह सहायता योजना रियायती मूल्यों पर कापी, कल्याणी सहायता, उत्तम श्रमिक और श्रमिक साहित्य पुरस्कार के लिए 33 करोड़ 73 लाख की सहायता 5 लाख 83 हजार श्रमिकों को दी गई।
असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे मजदूरों के हुए 20 लाख पंजीयन –
असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे मजदूरों के लिए असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल संबल-2 में 20 लाख पंजीयन हो चुके हैं। असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे 45 लाख से ज्यादा मजदूरों को 2 हजार 510 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। इधर इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में मजदूरों के बच्चों की शिक्षा के लिए श्रमोदय विदयालयों का निर्माण तेजी से हो रहा है।
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