भारत की बड़ी उपलब्धि, जी20 में मिली नई दिल्ली घोषणा पत्र को मंजूरी
-जी20 समिट में दिल्ली घोषणा पत्र पर बनी सहमति
-जी20 का संयुक्त घोषणा पत्र कल जारी होगा
-घोषणा पत्र की स्वीकृति पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर
-अफ्रीकन यूनियन जी20 का बना स्थायी सदस्य
-हरित विकास समझौते पर लगी मुहर
दिल्ली: दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के समूह जी20 का आज (9 सितम्बर) दिल्ली में सम्मेलन हो गया है। भारत की अध्यक्षता में जी20 सम्मेलन का जो आयोजन दुनिया देख रही है, उससे पूरे विश्व में भारत का रुतबा विश्व-गुरु के तौर पर बढ़ा है। भारत ने जी20 सम्मेलन के जरिये पूरी दुनिया को एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के वसुधैव कुटुम्बकम् का वो मंत्र दिया है जिसका विश्व की महाशक्तियां दिल खोलकर स्वागत कर रही हैं।
दिल्ली में आयोजित जी20 समिट में अगले दो दिनों तक दुनिया के सुपर पावर महामंथन करेंगे। जी20 की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी के भाषण से हुई. सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 1 बजकर 30 मिनट तक बैठक का पहला सत्र चला। अब पीएम मोदी की द्विपक्षीय वार्ता का दौर शुरु हो गया है। सबसे पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ वार्ता हो रही है। जिसके बाद राष्ट्रपति राष्ट्रपति मुर्मू दुनियाभर के जी20 के नेताओं को डिनर देंगी। खास बात ये है कि पीएम मोदी ब्रिटेन, जापान और इटली के प्रधानमंत्रियों से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे।
अफ्रीकन यूनियन जी20 का बना स्थायी सदस्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समिट का उद्घाटन करते हुए सभी मेहमानों का स्वागत किया। उन्होंने सबसे पहले मोरक्को में हुए भूंकप हादसे से मृत्यु को प्राप्त हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा दुख की घड़ी में हम मोरक्को के साथ हैं, और लोगों की हरसंभव मदद करेंगे। समिट के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री ने अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाने का प्रस्ताव रखा। बतौर अध्यक्ष पीएम ने जैसे ही इसे पारित किया, अफ्रीकन यूनियन के हेड अजाली असोमानी ने पीएम मोदी को गले लगा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने आगे कहा कि अब जी-20 आगे से जी-21 कहा जाएगा।
जी20 शिखर सम्मेलन का पहला सत्र ख़त्म
जी20 का पहला सत्र वन अर्थ ख़त्म हो गया है पहला सत्र तय समय दोपहर 1:30 तक चला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले सत्र के दौरान कहा कि यूक्रेन युद्ध ने दुनिया में विश्वास की कमी को गहरा कर दिया है और भारत पूरी दुनिया से इसे एक-दूसरे पर भरोसे में तब्दील करने की अपील करता है। पीएम मोदी ने कहा कि कोविड-19 के बाद दुनिया में विश्वास की कमी का बड़ा संकट पैदा हो गया है।
युद्ध ने भरोसे की इस कमी को और गहरा कर दिया है। यदि हम कोविड-19 को हरा सकते हैं, तो हम विश्वास में कमी के इस संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि वैश्विक भलाई के लिए हम सब साथ मिलकर चलें। भारत जी20 के अध्यक्ष के रूप में पूरी दुनिया से विश्वास की कमी को एक-दूसरे पर भरोसे में तब्दील करने की अपील करता है।
जी-20 समिट में दिल्ली घोषणा पत्र पर बनी सहमति
पहले सत्र की वार्ता के बाद अब सम्मेलन का दूसरा सत्र ‘वन फैमिली’ शुरू हो गया है। जी20 बैठक के दूसरे सत्र की शुरुआत के दौरान पीएम मोदी ने एक बड़ी घोषणा की। दूसरे सत्र की शुरुआत में पीएम मोदी ने मेहमान देशों के राष्ट्रप्रमुख को संबोधित करते हुए कहा कि नई दिल्ली जी20 डिक्लेरेशन पर सहमति बनी है।
पीएम मोदी ने संयुक्त घोषणा को संभव बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए जी20 शेरपाओं, मंत्रियों और सभी अधिकारियों को धन्यवाद दिया। बता दें कि इस घोषणा पत्र में कुल 112 मुद्दे शामिल किए गए हैं. नई दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र को अब तक का सबसे विस्तृत और व्यापक घोषणा पत्र बताया जा रहा है। पिछली बैठक की तुलना में इस बार ज्यादा मुद्दों पर सहमति बनी है।
इन मुद्दों परे केंद्रित घोषणापत्र
नई दिल्ली नेताओं की घोषणा पर जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि घोषणापत्र मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास, एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाना, सतत भविष्य के लिए हरित विकास समझौता, 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान, बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करने पर केंद्रित है। जी20 बैठक के पहले दिन की जानकारी देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि समिट में एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य पर जोर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस बार बैठक का मेन फोकस सतत और ग्रीन विकास पर है। इसके साथ-साथ आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम के लिए कदम उठाएंगे। घोषणापत्र के बारे में बताते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि इसमें इस मुद्दे को उठाया गया है कि किसी भी राष्ट्र की संप्रभुता पर हमला नहीं किया जाए। इसके साथ-साथ बहुपक्षवाद को फिर से जीवित करने को लेकर सहमति और मजबूत, टिकाऊ और समावेशी विकास के मुद्दे पर मुहर लगी है।
हरित विकास समझौते पर लगी मुहर
वहीं, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत की अध्यक्षता से कई मुद्दों के समाधान मिले हैं। सतत विकास के लिए हरित विकास समझौते पर मुहर लगी है। उन देशों पर ध्यान देने की बात की गई है जो विकासशील हैं। 21 सदी की वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा हुई है। इसके साथ-साथ दुनियाभर में क्रिप्टो के बढ़ते चलन को लेकर और उसके असर को लेकर भी जी20 नेताओं के बीच में चर्चा हुई है।
बता दें कि जी20 का संयुक्त घोषणा पत्र कल जारी होगा। नई दिल्ली जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा है कि पिछले घोषणा पत्रों के मुकाबले इस बार ज्यादा मुद्दों पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि यह अब तक का सबसे व्यापक और विस्तृत घोषणा पत्र है। भारत के लिए इस घोषणा पत्र को काफी अहम माना जा रहा है। वहीं, जी20 की संयुक्त घोषणा पत्र कल यानी रविवार को जारी किया जाएगा।
कल हो सकती हैं ये द्विपक्षीय बैठकें
शनिवार यानी 10 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के साथ वर्किंग लंच मीटिंग करेंगे। वह कनाडा के प्रधानमंत्री के साथ एक अलग बैठक करेंगे। इसके साथ ही, पीएम मोदी कोमोरोस, तुर्किये, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण कोरिया, ईयू/ईसी, ब्राजील और नाइजीरिया के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
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