भारतीय वायुसेना के बेड़े में जुड़ेंगे 100 नए अत्याधुनिक तेजस फाइटर जेट्स
-‘तेजस’ सेना के विमान बेड़े के स्वदेशीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम
-अगले साल फरवरी में मिलेगी तेजस के पहले संस्करण की डिलीवरी
-15 वर्षों में 180 से अधिक तेजस एमके-1ए होंगे भारतीय वायुसेना के पास
दिल्ली। भारतीय वायु सेना ने 23 अगस्त को बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल ‘अस्त्र’ का सफल परीक्षण कर अपनी ताकत में इजाफा किया था। दो दिन बाद ही भारतीय वायु सेना की ओर से एक और बड़ी खबर आई है। वायु सेना अपने मौजूदा बेड़े में मिग-21 विमानों की जगह 100 नए हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके-1ए से बदलने की योजना बना रही है। बता दें कि तेजस एक मेड इन इंडिया फाइटर जेट है।
एक समाचार एजेंसी के हवाले से पता चला है कि रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठान इन विमानों को जल्द से जल्द खरीद कर सेना को सोपने की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस विषय पर चर्चा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा आयोजित स्वदेशी लड़ाकू जेट की समीक्षा बैठक कार्यक्रम में की गई। इस बैठक की अगुआई आईएएफ एयर मार्शल वीआर चैधरी ने की।
रक्षा अधिकारियों ने दिए अच्छे संकेत
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा आयोजित स्वदेशी लड़ाकू जेट की समीक्षा बैठक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए रक्षा अधिकारयों ने बताया कि “भारतीय वायु सेना ने फैसला किया है की वह एचएएल से लगभग 100 और तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमानों की खरीदी करेगी। इस संबंध में प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को सौंप दिया गया है। निजी रक्षा एयरोस्पेस क्षेत्र को अब तक का सबसे बड़ा बढ़ावा देने के लिए परियोजना को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।” इस परियोजना समीक्षा बैठक के दौरान, भारतीय वायुसेना प्रमुख ने कहा कि तेजस सेना के विमान बेड़े के स्वदेशीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अगले साल फरवरी में मिलेगी डिलीवरी
समीक्षा बैठक के दौरान एचएएल ने यह भी बताया कि तेजस एमके-1 के सभी तय लड़ाकू वेरिएंट भारतीय वायुसेना को सौंप दिए गए हैं। समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एचएएल ने एयर मार्शल चैधरी को आने वाले महीनों में तय कन्साइनमेंट के दो-सीटर तेजस फाइटर जेट्स की समय पर डिलीवरी का आश्वासन दिया। इस कन्साइनमेंट का आर्डर फरवरी 2021 में 48,000 करोड़ रुपए में दिया गया था। तेजस एमके-1ए के लिए आखिरी ऑर्डर 83 लड़ाकू विमानों का था और विमानों का पहला बेड़ा अगले साल फरवरी के आसपास वायुसेना को सौंप दिया जाएगा।
बीईएल के साथ मिलकर एचएएल बना रहा है तेजस
16 दिसंबर, 2021 को, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने तेजस एमके-1ए के लिए 20 प्रकार के नए सिस्टम के विकास और डिलीवरी के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के साथ एक समझौता किया था। यह समझौता पांच साल (2023 से 2028) तक के लिए किया गया है।
इस समझौते के तहत एवियोनिक्स लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स, फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर और नाइट फ्लाइंग एलआरयू जैसी टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिस कारण इस समझौते की कीमत 2400 करोड़ रुपये है। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देते हुए एचएएल द्वारा किसी भारतीय कंपनी को दिया गया अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है।
इस सौदे से सेना को क्या फायदा?
भारतीय वायु सेना ने एचएएल से लगभग 100 तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमानों को खरीदने का फैसला किया है। इस सौदे का मतलब यह होगा कि तेजस लड़ाकू विमान का एक विशाल बेड़ा जल्द ही भारतीय वायु सेना को मिलेगा यानी की अगले 15 वर्षों में भारतीय वायुसेना के पास 40 तेजस, 180 से अधिक तेजस एमके-1ए और कम से कम 120 तेजस एमके-2 विमान होंगे। तेजस एमके-1ए का आखिरी ऑर्डर 83 विमानों के लिए था जो फरवरी 2021 में 48,000 करोड़ का दिया गया था।
इस आॅर्डर के पहले विमान की डिलीवरी फरवरी 2024 के आसपास होगी और यह तेजस विमान का सबसे उन्नत संस्करण है। तेजस एमके-1ए विमान वायु सेना को डिलीवर किए जा रहे शुरुआती 40 तेजस जेट्स की तुलना में अधिक उन्नत एवियोनिक्स और रडार से लेस होगा। वहीं, नए तेजस एमके-1ए में स्वदेशी सामग्री का उपयोग 65 प्रतिशत से अधिक किया जाएगा।
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