ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में जिनपिंग से नहीं मिलेंगे पीएम मोदी
–पीएम ने साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक की
-मोदी ने कहा, वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर के लिए सबका साथ जरूरी
-जिनपिंग बोले, ग्लोबल पावर बनने की रेस में शामिल होने की कोई इच्छा नहीं
-पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका के बाद 25 अगस्त को ग्रीस जाएंगे
जोहान्सबर्ग। साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो गई है। समिट में अपने शुरुआती भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि- हम विकास यात्रा में सहयोग कर सकते हैं। ब्रिक्स के सभी देशों को साझा प्रयास करना चाहिए। ट्रेडिशनल मेडिसिन की दिशा में ब्रिक्स देशों को सहयोग करना चाहिए। यह समय की जरूरत भी है। वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर के लिए हम सभी देशों के साथ काम कर रहे हैं। बता दें कि इससे पहले साउथ अफ्रीका दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति रामाफोसा से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई।
इससे पहले मंगलवार को 15वीं ब्रिक्स समिट के तहत बिजनेस फोरम इवेंट आयोजित किया गया। हालांकि, इसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल नहीं हुए। इस दौरान फोरम में चीन के प्रतिनिधि ने कहा कि- जिनपिंग ने ब्रिक्स के विस्तार की बात कही है, जिससे इंटरनेशनल बॉर्डर को और मजबूत किया जा सके। चीन वर्चस्व यानी हर जगह अपने दबदबे की चाहत नहीं रखता है। ये हमारे डीएनए में नहीं है।
जिनपिंग बोले, ग्लोबल पावर बनने की रेस में शामिल होने की कोई इच्छा नहीं
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि, हमारी ग्लोबल पावर बनने की रेस में शामिल होने की कोई इच्छा नहीं है और न ही हम गुटबाजी करना चाहते हैं। शी जिनपिंग ने मैसेज भेजा है कि हर तरह की बाधाओं के बीच भी ब्रिक्स हमेशा विकास करता रहेगा। उन्होंने कहा कि चीन इतिहास के सही ओर खड़ा है। इस वक्त समय, दुनिया और इतिहास में कुछ ऐसे बदलाव हो रहे हैं, जो पहले कभी नहीं हुए और ये समाज को एक नए मोड़ पर पहुंचा रहे हैं।
वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन समिट में शामिल होने के लिए जोहान्सबर्ग नहीं पहुंचे हैं। हालांकि, वो वर्चुअली इस समिट में हिस्सा ले सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार दोपहर जोहान्सबर्ग पहुंचे थे। यहां उनका स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया। उन्हें रिसीव करने के लिए साउथ अफ्रीका के उपराष्ट्रपति पॉल शिपोकोसा मैशाटाइल वाटरक्लूफ एयरबेस पहुंचे।
डिजिटल ट्रांजैक्शन में अव्वल भारत
बिजनेस फोरम में 3 मिनट के भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा कि- डिजिटल ट्रांजैक्शन के मामले में भारत अव्वल है। ब्रिक्स देशों को इकोनॉमिक फ्रंट पर सहयोग करना होगा। भारत बहुत जल्द 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बन जाएगा और हम वर्ल्ड का ग्रोथ इंजन बन जाएंगे। भारत ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में जबरदस्त सुधार किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि ब्रिक्स देशों के इनवेस्टर्स को भारत में निवेश का न्योता देता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी और जिनपिंग की मुलाकात पर सस्पेंस
बेशक प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग ब्रिक्स की बैठक में शामिल हो रहे हैं। फिर भी दोनों देशों में बॉर्डर पर चल रहे तनाव के बीच ये नहीं माना जा सकता है वो आपस में कोई बैठक करेंगे। इधर, साउथ अफ्रीका में चीन के राजदूत चेन शियाओडांग ने कहा है कि मुझे भरोसा है कि दोनों राष्ट्रों के प्रमुखों की सीधी बातचीत और बैठक होगी। फिलहाल, भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है।
भारत के लिए बेहद अहम है ब्रिक्स शिखर सम्मेलन
भारत की विदेश नीति दुनिया पर किसी एक देश के दबदबे के खिलाफ है। भारत एक मल्टीपोलर दुनिया का समर्थन करता है। ऐसे में भारत के लिए ब्रिक्स जरूरी है। इसका बड़ा कारण ये भी है कि इसके मंच से भारत पश्चिमी देशों के दबदबे के खिलाफ खुलकर बोल सकता है और उसे दूसरे सदस्य देशों का समर्थन मिलता है। इस संगठन से जुड़कर भारत कई बड़े संगठनों जैसे डब्लूटीओ, वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ में विकसित देशों के दबदबे को खुलकर चुनौती देता है।
ग्रीस जाएंगे पीएम मोदी
उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका के बाद 25 अगस्त को ग्रीस जाएंगे, जहां वह ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस से मुलाकात करेंगे।
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