बीजेपी के साथ गठबंधन की सरकार में उपमुख्यमंत्री बने अजित पवार
– 40 विधायकों के साथ चाचा शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को छोड़ा
– पार्टी में कोई भी पद नहीं देने की वजह से नाराज थे अजित
– 2019 से अभी तक तीन बार ले चुके हैं उप मुख्यमंत्री पद की शपथ
मुंबई। रविवार सुबह महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से एक बड़ी हलचल हुई, जिसने पूरे देश को चैंका दिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता अजित पवार ने 40 विधायकों के साथ बीजेपी और एकनाथ शिंदे कि शिवसेना वाली सरकार के साथ हाथ मिला लिया। इसके बाद 2 जुलाई की सुबह अजित पवार ने महाराष्ट्र के राज भवन में उप मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली, वहीं उनके 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार में अजित पवार दूसरे उप मुख्यमंत्री होंगे। बता दें कि अजित पवार 2019 से अभी तक 3 बार उप मुख्यमंत्री की शपथ ले चुके हैं।
अजित ने इसलिए छोड़ा चाचा का साथ
अटकलें थी कि अजित पवार अपने चाचा और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से तब से नाराज चल रहे हैं, जब उन्हें विधानसभा में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस साल मई के महीने में शरद पवार ने एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार अजित पावर एनसीपी अध्यक्ष बनना चाहते थे, पर कुछ दिन बाद ही शरद पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।
बात तब पूरी तरह से बिगड़ी जब शरद पवार ने जून महीने में राष्ट्रवादी कांग्रेस की कार्यकारिणी की बैठक में अपनी बेटी सुप्रिया सुले और वरिष्ठ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल को संयुक्त कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया, वहीं अजित पवार को पार्टी में कोई भी पद नहीं दिया गया। इसी के तुरंत बाद अजित पवार ने स्पष्ट रूप से माना कि उन्हें विधानसभा में विपक्ष नेता का पद नहीं चाहिए था, बल्कि वो पार्टी में पद चाहते थे, जिसके बाद नाराज अजित ने बीजेपी से हाथ मिला लिया है।
समर्थकों ने अजित की तस्वीर पर पोती कालिख
अजित पवार के पाला बदलने से महाराष्ट्र में एनसीपी समर्थक भड़के हुए हैं। एनसीपी मुख्यालय में अजित पवार की तस्वीर निकाल उस पर कालिख पोत दीद्य वहीं दूसरी तरफ बीजेपी, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के समर्थकों में खुशी की लहर है, जिसके चलते पुरे महाराष्ट्र का राजनीतिक माहोल गरमाया हुआ है।
पहले भी बीजेपी से हाथ मिला चुके हैं अजित
इससे पहले भी अजित ने 2019 में देवेंद्र फडणवीस से हाथ मिलाया था, तब भी अजित अपने कुछ विधायकों को लेकर बीजेपी के साथ सरकार बनाने के लिए एनसीपी से अलग हुए थे, तब देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। पर यह सरकार दो दिन ही चली, देवेंद्र और अजित की यह सरकार अपना बहुमत साबित करने में विफल रही थी, वहीं अजित को भी एनसीपी नेताओं ने समझा बुझाकर वापस बुला लिया था।
क्या अब मुख्यमंत्री भी बन सकते हैं अजित?
महाराष्ट्र में हो रही उठापटक के बाद अब उद्धव ठाकरे का एक बड़ा बयान सामने आया है। उद्धव ने मौजूदा राजनीतिक हालातों और नव गठित सरकार पर आरोप लगाते हुए मुखपत्र सामना में कहा है कि अजित पवार सिर्फ डिप्टी सीएम बनने के लिए सरकार में शामिल नहीं हुए हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों को जल्द ही अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और पवार की ताजपोशी होगी। लेख में ये भी लिखा गया है कि राज्य की राजनीति में जो भी घट रहा है, वो लोगों को पसंद नहीं आएगा। महाराष्ट्र में ऐसी राजनीतिक परंपरा नहीं रही है और लोग कभी भी इसका समर्थन नहीं करेंगे।