फ्रांस में बेकाबू हुए हिंसक प्रदर्शन, इमरजेंसी की नौबत
– पुलिस ने एक किशोर की गोली मारकर कर दी थी हत्या
– हिंसा रोकने के लिए 45 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात
पेरिस। फ्रांस की गिनती, यूरोप के शांत देशों में होती है, लेकिन पुलिस द्वारा एक किशोर की गोली माकर हत्या के बाद तीन दिनों से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। आगजनी, लूटपाट के साथ ही करोड़ों रुपए की सार्वजनिक संपत्ति को बड़ा नुकसान हुआ है। अब देश में इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं, जल्द ही स्थिति नहीं सुधरी तो आपातकाल घोषित कर दिया जाएगा। कहा जा रहा है कि फ्रांस में हालात 2005 के दंगों से भी ज्यादा खराब हो सकते हैं।
घटना के बाद फ्रांस की सरकार बार बार प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील कर रही है, इसके बावजूद भी प्रदर्शनकारी हिंसा कर रहे हैं।
शुक्रवार को दिनदहाड़े पूर्वी शहर स्ट्रासबर्ग में एक ऐप्पल स्टोर को लूट लिया गया, पेरीस के एक शॉपिंग मॉल में एक फास्ट-फूड आउटलेट में तोड़फोड़ की गई। प्रदर्शनकारियों ने बंद स्टोर में घुसने की कोशिश की। मगर पुलिस ने उन लोगों को खदेड़ दिया। प्रदर्शनकारियों की भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़ रहे हैं।
45 हजार जवान तैनात
पुलिस ने बताया कि मार्सिले सिटी जो शुरू में हिंसा की चपेट से बाहर था, लेकिन दूसरे दिन प्रदर्शनकारियों ने वहां भी धावा बोल दिया। गोले फेंके। आगजनी की और दुकानें लूट लीं। बाकी शहरों का भी यही हाल है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें कीं। हिंसा को काबू में करने के लिए 45 हजार पुलिस जवानों को तैनात किया गया है।
917 प्रदर्शनकारियों को किया गिरफ्तार
घटना के बाद फ्रांस में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़क उठे और जगह-जगह आगजनी की घटनाएं हुईं। वहीं इस मामले में अब तक 917 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 200 से अधिक पुलिस अधिकारी भी घायल हुए हैं फ्रांस की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने कहा कि हिरासत में लिए गए 917 लोगों में से लगभग आधे पेरिस क्षेत्र से हैं।
पेरिस में भी बढ़ी हिंसा
पेरिस और उसके आसपास के क्षेत्रों में आग, गोलीबारी और लूटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही है। एक अधिकारी ने बताया कि फ्रेंच गयाना में सबसे ज्यादा हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। यहां एक पुलिस अधिकारी आग की चपेट में आ गया तो वहीं, राजधानी केयेन में गुरुवार देर रात एक गोली से 54 वर्षीय सरकारी कर्मचारी की मौत हो गई।
इसलिए सुलग उठा फ्रांस
घटना मंगलवार की है। दरअसल, राजधानी पेरिस के उपनगर नानतेरे में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर पुलिसकर्मी ने एक किशोर को गोली मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई। किशोर को पॉइंट ब्लैंक रेंज से छाती में गोली मारी गई। पहले पुलिस ने बताया कि किशोर ने पुलिसकर्मियों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने गोली चलाई। हालांकि घटना का वीडियो सामने आने के बाद साफ हो गया कि पुलिस झूठ बोल रही है।
इससे लोगों का गुस्सा भड़क गया और देखते ही देखते पूरे फ्रांस में दंगे भड़क गए। हालांकि, अरोपी पुलिस को जेल भेज दिया गया है। वहीं, पूरे फ्रांस में फैल रहे दंगों को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर बैन लगाने का प्रस्ताव सामने आया है।
क्यों नहीं रुक रही हिंसा?
फ्रांस में जारी हिंसा न रुकने की बड़ी वजह नस्लवाद मानी जा रही है। प्रदर्शनकारियों को यह लगता है कि युवक को नस्लवादी सोच के चलते पुलिस वालों ने गोली से मारा है। पुलिस ने युवक पर गोली चलाने वाले अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरु करने की बात कही है। वहीं, राष्ट्रपति मैक्रों ने भी इस हमले के लिए पुलिस पर सवाल उठाए थे और पुलिस द्वारा हुई युवक की हत्या को अक्षम्य बताया था।
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