पीएम मोदी के दौरे के बाद अमेरिका ने भारत को लौटाई 105 प्राचीन धरोहर
-दूसरी-तीसरी से लेकर 18वी-19वीं शताब्दी से जुड़ी दुर्लभ कलाकृतियां हैं
-अब तक 278 सांस्कृतिक कलाकृतियां लौटा चुका है अमेरिका
-दोनों देश तस्करों को रोकने के लिए कठोरता से कर रहे हैं काम
न्यूयाॅर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले महीने अमेरिका की राजकीय यात्रा पर गए थे, जहां उन्होंने भारत की विरासत और संस्कृति से जुड़ी प्राचीन धरोहरों को सौंपने की पहल की थी। इसी के चलते अमेरिका ने पहल कर विदेश में रखी पुरातन कलाकृतियों को वापस भारत को सांैपने का निर्णय लिया है। इसी के तहत अमेरिका ने न्यूयार्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास को तस्करी कर, वहां लाई गईं 105 प्राचीन वस्तुओं को वापस लौटा दिया हैं। इसमें दूसरी-तीसरी से लेकर 18वीं और 19वीं शताब्दी से जुड़ी कई दुर्लभ कलाकृतियां हैं।
मेनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटर्नी कार्यालय के अधिकारी एल्विन ब्रैग और उनकी एंटी-ट्रैफिकिंग यूनिट और होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन टीम के साथ इस कार्यक्रम में मौजूद थे। भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि ‘भारत के लोगों के लिए ये केवल कला के टुकड़े नहीं हैं, बल्कि उनकी जीवंत विरासत और संस्कृति का हिस्सा हैं। इन पुरावशेषों को जल्द ही भारत ले जाया जाएगा।’
वहीं मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ जॉर्डन स्टॉकडेल ने कहा कि एक दशक से अधिक समय से, एजेंसी ने होमलैंड सिक्योरिटी के साथ मिलकर दुनियाभर से कलाकृतियों को अवैध रूप से लूटने और बेचने के लिए तस्कर सुभाष कपूर और उसके सह-साजिशकर्ताओं की जांच की है। स्टॉकडेल ने कहा कि उनके पास अभी भी 1,400 से अधिक बरामद वस्तुएं हैं, जिन्हें अभी तक आधिकारिक तौर पर वापस नहीं लाया गया है।
दूसरी-तीसरी शताब्दी की कलाकृतियां
अमेरिका से भारत को लौटाई जाने वाली 105 कलाकृतियां भारत में उनकी उत्पत्ति के संदर्भ में एक व्यापक भौगोलिक प्रसार का प्रतिनिधित्व करती हैं। इनमें पूर्वी भारत से 47, दक्षिणी भारत से 27, मध्य भारत से 22, उत्तरी भारत से 6, पश्चिमी भारत से 3 दूसरी-तीसरी शताब्दी ईस्वी से लेकर 18वीं-19 वीं शताब्दी ईस्वी तक की अवधि की कलाकृतियां हैं। यह कलाकृतियां टेराकोटा, पत्थर, धातु और लकड़ी से बनी हुई हैं। लगभग 50 कलाकृतियां धार्मिक विषयों से संबंधित हैं और बाकी सांस्कृतिक महत्व रखती हैं।
अमेरिका अब तक 278 सांस्कृतिक कलाकृतियां लौटा चुका है भारत को
पिछले कुछ वर्षों में, भारत और अमेरिका के बीच प्राचीन वस्तुओं की वापसी पर काफी काम हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी की 2016 की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिका ने 16 प्राचीन वस्तुएं सौंपी थीं। वहीं, 2021 में अमेरिका की सरकार ने 157 कलाकृतियों को सौंपा जो सितंबर 2021 में पीएम की अमेरिका यात्रा के बाद भारत लौट आईं। इन 105 पुरावशेषों के साथ, अमेरिका ने 2016 से भारत को कुल 278 सांस्कृतिक कलाकृतियां लौटाई हैं।
भारत और अमेरिका के बीच सांस्कृतिक संपत्ति समझौता
दरअसल, पिछले दिनों पीएम मोदी की राजकीय यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका एक सांस्कृतिक संपत्ति समझौते के लिए काम करने पर सहमत हुए हैं, जो प्राचीन कलाकृतियों की अवैध तस्करी पर रोक लगाएगा। इससे दोनों देशों की आंतरिक सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच तेजी से काम होगा।
एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करने से मजबूत होते हैं रिश्ते-मोदी
पिछले महीने पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में मूर्ति चोरी का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि वर्षों पहले भारत की 100 से ज्यादा मुर्तियां चोरी हुई थी और अलग-अलग तरीकों से इंटरनेशनल मार्केट में पहुंच गई थी। इसे लौटाने का फैसला किया गया है। इसके लिए मैं अमेरिकी सरकार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसी दूसरे देश की भावनाओं का सम्मान करने से दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूती देते हैं। पिछली बार भी मुझे बहुत सारी ऐतिहासिक चीजें लौटाई गई थीं।
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