पीएम गतिशक्ति के तहत 6 और इन्फ्रा परियोजनाओं को मिली मंजूरी
-51700 करोड़ रूपये की छह परियोजनाओं को मिली मंजूरी
-सड़क परिवहन और रेल से जुड़ी हैं परियोजनाएं
-गुजरात और महाराष्ट्र में होगी पहली ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना
-आदिवासी जिलों को भी मिलेगा परियोजनाओं लाभ
दिल्ली। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत बुधवार को 51700 करोड़ रूपये की छह परियोजनाओं को सरकार ने मंजूरी दे दी है। पीएम गतिशक्ति के तहत हुई नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 56वीं बैठक में यह फैसला लिया गया। इन परियोजनाओं में चार सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से संबंधित हैं, जिनकी कीमत 45000 करोड़ रूपये है और दो रेल मंत्रालय की परियोजनाएं हैं, जिनकी कीमत 6700 करोड़ रूपये है।
वर्ष 2021 में पीएम गतिशक्ति एनएमपी को मिली थी मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21 अक्टूबर, 2021 को पीएम गतिशक्ति एनएमपी को मंजूरी दे दी, जिसे तीन स्तरीय संस्थागत तंत्र सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह, नेटवर्क योजना समूह और तकनीकी सहायता इकाई के माध्यम से निष्पादित किया जाता है।
आदिवासी जिलों का होगा विकास
गुजरात और महाराष्ट्र में नवसारी, नासिक और अहमदनगर जिलों को कवर करने वाली पहली ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना का लाभ मिलेगा। एक बयान में इस परियोजना के लाभ पर बात कही गई जिसमें इसके तहत नवसारी, वलसाड और नासिक जैसे आदिवासी जिलों के विकास में और सुविधाजनक कनेक्टिविटी प्रदान करने में योगदान मिलने की उम्मीद जताई गई। इसके चलते क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्र को भी लाभ होगा।
दूसरी परियोजना में गुजरात में एक ग्रीनफील्ड विकास
दूसरी परियोजना में गुजरात में एक ग्रीनफील्ड विकास भी है, जिसमें बनासकांठा, पाटन, महेसाणा, गांधीनगर और अहमदाबाद शामिल हैं। बयान के मुताबिक यह अमृतसर-जामनगर आर्थिक गलियारे को अहमदाबाद और वडोदरा से जोड़ परिवहन के अन्य साधनों के साथ एकीकृत होगा, जिससे क्षेत्र में मल्टी-मोडैलिटी के प्रचार और उपयोग में योगदान मिलेगा।
पटना-आरा-सासाराम गलियारा होगा चार लेन में तब्दील
तीसरी सड़क परियोजना बिहार में स्थित है। इसमें भारतमाला परियोजना के तहत पटना-आरा-सासाराम गलियारे को चार लेन का बनाना शामिल है। वहीं, बयान में इस परियोजना के चलते आदिवासी क्षेत्रों सहित वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिलों में विकास आने की उम्मीद जताई गई है। यह परियोजना पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के माध्यम से यूपी से आने वाले और झारखंड और पटना की ओर जाने वाले यातायात के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। इसमें कहा गया है कि यह क्षेत्र में जलमार्गों को भी एकीकृत करेगा।
राजस्थान समेत कुछ और राज्यों के बीच कनेक्टिविटी में होगा सुधार
उत्तर प्रदेश में स्थित चैथी सड़क परियोजना का उद्देश्य मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी में सुधार करना है। एनपीजी द्वारा मूल्यांकन की गई दो रेलवे परियोजनाएं ओडिशा और केरल में स्थित हैं।
पूर्वी तट के साथ मिलेगी बंदरगाह कनेक्टिविटी
पांचवी परियोजना ओडिशा की ग्रीनफील्ड रेलवे लाइन से जुड़ी हुई है। यह रेलवे लाइन गंजम, नयागढ़, खंडमाल, बौध, संबलपुर और अंगुल जिलों से होकर गुजरती है। बयान में इसके पश्चिमी ओडिशा के औद्योगिक और खनिज समूहों को पूर्वी तट बंदरगाह से जोड़ने की बात कही गई है। इसके अतिरिक्त, पूर्वी छत्तीसगढ़ के औद्योगिक समूहों को पूर्वी तट के साथ एक छोटी बंदरगाह कनेक्टिविटी भी मिलेगी। इसमें कहा गया है, इस रेलवे लाइन से कंधमाल और बौध जिलों के आदिवासी इलाकों में समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास होने की उम्मीद है और प्रस्तावित लाइन के साथ नए औद्योगिक गलियारों के अवसर खुलेंगे।
केरल में होगा रेलवे लाइनों का दोहरीकरण
छठीं परियोजना के चलते केरल में रेलवे लाइनों का दोहरीकरण होना शामिल है। इसके चलते यात्रियों का सफर कम समय में हो पाना संभव होगा और यात्रियों को काफी आसानी होगी। साथ ही, बुनियादी ढांचे के प्रस्तावित विस्तार से दक्षिणी रेलवे के अत्यधिक तनावग्रस्त गलियारे में रेल आंदोलन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
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