पाकिस्तान में विशेष कमांडो ग्रुप की निगरानी में हुआ कोकेरनाग हमला
– पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का आतंकवादी संगठनों पर जम्मू-कश्मीर में बड़ी वारदात करने का था दबाव
-आतंकवादियों के घटते मनोबल को देखते हुए पाकिस्तानी सेना ने कराया हमला
– हमले के लिए विभिन्न आतंकवादी संगठनों की बैठक आतंकवादी संगठन लश्कर के कैंप में हुई थी
नई दिल्ली। कश्मीर में अनंतनाग जिले के कोकेरनाग में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किया गया ऑपरेशन पूरी एक साजिश के तहत किया गया टारगेट प्लान था। इस तरह के टारगेट प्लान पाकिस्तान सेना के विशेष कमांडो यूनिट की देखरेख में साल 2021 और 2022 में भी किए गए थे। खुफिया दस्तावेजों के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का आतंकवादी संगठनों पर दबाव था कि वह जम्मू-कश्मीर में कोई बड़ी वारदात करें। आतंकवादियों के घटते मनोबल को देखते हुए पाकिस्तानी सेना ने उन्हें अपने विशेष कमांडो ग्रुप की सेवाएं भी देने के लिए कहा था।
लश्कर के कैंप में हुई बैठक
खुफिया दस्तावेजों के मुताबिक पाकिस्तान सेना के दबाव में विभिन्न आतंकवादी संगठनों की एक बैठक आतंकवादी संगठन लश्कर के पाकिस्तान स्थित नकियाल कैंप में हुई। दस्तावेज बताता है कि इस बैठक में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के मेजर हमजा, लश्कर कमांडर वालिद खान और कश्मीर की गहन जानकारी रखने वाला रफीक नई उर्फ सुल्तान भी शामिल हुआ था। रफीक उर्फ सुल्तान जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है और पिछले काफी समय से वह पाकिस्तान में रहकर अपने संबंधों के सहारे भारतीय सीमा में बड़े पैमाने पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिलाता आया है।
फिदायीन अटैक का दिया गया आदेश
खुफिया दस्तावेज के मुताबिक इस बैठक में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने आतंकवादी संगठनों को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए कि बड़े पैमाने पर आतंकवादियों को भारतीय सीमा में भेजा जाए और इसके लिए उनके विशेष कमांडो ग्रुप उनकी पूरी सहायता करेंगे। साथ ही बैठक में यह भी कहा गया कि भारतीय सुरक्षा बलों पर जम्मू-कश्मीर और भारत-पाकिस्तान लाइन ऑफ कंट्रोल के पास के इलाकों में फिदायीन अटैक और बैट एक्शन किए जाएं।
पाकिस्तान सेना किसी बड़े हमले को करने के लिए इस कदर बेताब थी कि उसने हमला करने वाले आतंकवादियों को अपनी सेना के लिए चीन से मंगाए गए उच्च क्वालिटी के नाइट विजन डिवाइस भी दिए, जिससे आतंकवादियों को रात में ऑपरेशन करने या किसी इलाके की रेकी करने या किसी बड़ी सफलता के बाद इधर-उधर भागने में किसी तरह की कोई परेशानी ना आए।
एसएसजी कमांडो ग्रुप ने पहले भी की थीं वारदात
खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान सेना के एसएसजी कमांडो ग्रुप की देखरेख में इसके पहले भी साल 2021 और साल 2022 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने बड़ी आतंकवादी वारदातों को अंजाम दिया था। खुफिया सूत्रों का दावा है कि आतंकवादियों के बारे में स्थान ने पुलिस और खुफिया तंत्र को पुख्ता जानकारी मिली है जिसके आधार पर जल्द ही बड़ी सफलता हाथ लग सकती है। विभिन्न इलाकों में सेना और पुलिस के साथ मिलकर लगातार ऑपरेशन अंजाम दिए जाने का काम जारी है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां बढ़ाएगा पाकिस्तान
यह पता चला है कि एलओसी पर आतंकवादियों का प्रवेश आईएसआई के लिए “बोनस” होगा। हालांकि, पाकिस्तान ने पहले से ही हाइब्रिड किलिंग के लिए श्रीनगर और उसके आसपास ड्रोन के माध्यम से लगभग 300 छोटे हथियार पहुंचा दिए हैं। शीर्ष भारतीय खुफिया सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन पाकिस्तानी सेना पर सीजफायर तोड़ने का दबाव बना रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि एक बड़ा प्रशिक्षित कैडर है, उनमें से अधिकांश को अफगानिस्तान में तालिबान ने वापस पाकिस्तान लौटने के लिए मजबूर किया था, जो पेशावर, बहावलपुर और मुजफ्फराबाद में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने के लिए तैयार बैठे थे। भारतीय खुफिया सूत्रों का कहना है कि कैडर घुसपैठ का मतलब है कि पाकिस्तानी सेना एलओसी पर आतंकवादियों का समर्थन करेगी।
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