पहली बार भारत से बाहर तंजानिया में खुलेगा आईआईटी कैंपस
नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) अब भारत की सीमा को पार कर चुका है। इस वर्ष के अंत तक आईआईटी तंजानिया में अपना पहला विदेशी कैंपस खोलने जा रहा है। इसके लिए भारत के शिक्षा मंत्रालय, आईआईटी मद्रास और जांजीबार के शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण मंत्रालय के बीच एक-एक एमओयू साइन किया गया हैं। अक्टूबर में इस पर कोर्स लॉन्च किए जाएंगे।
आईआईटी कैंपस की स्थापना से विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा और उसके राजनयिक संबंधों में भी वृद्धि होगी और आईआईटी मद्रास के अंतरराष्ट्रीय पदचिह्न का विस्तार होगा। अंतर्राष्ट्रीय कैंपस से छात्र और फैकल्टी विविधता के कारण, इससे आईआईटी मद्रास की शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता में और वृद्धि होने की भी संभावना है। यह दुनिया के लिए भारतीय उच्च शिक्षा और नवाचार के महत्वाकांक्षी गुणों का एक उदाहरण बनेगा।
ये कहा विदेश मंत्रालय ने
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार को कहा कि भारत के बाहर पहला आईआईटी परिसर तंजानिया के जांजीबार में बनेगा। इस समझौते पर बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और जांजीबार के राष्ट्रपति हुसैन अली म्विनी की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत के बाहर स्थापित होने वाला पहला आईआईटी परिसर जांजीबार में होगा। इसमें कहा गया कि भारत के शिक्षा मंत्रालय, आईआईटी मद्रास और जांजीबार के शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस साल अक्टूबर से संचालन शुरू होने की उम्मीद
भारत के बाहर जांजीबार में आईआईटी परिसर का संचालन अक्टूबर, 2023 से शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। शुरुआत में यहां स्नातक कोर्स में 50 और स्नातकोत्तर कोर्स में 20 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। इसके खुलने से भारतीय संस्थानों में पढ़ाई के इच्छुक छात्रों को बहुत फायदा होगा। बताया जा रहा है कि ये पूर्वी अफ्रीकी देश में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत की विशेष सौगात होगी।
भारतीय छात्र भी इस कैंपस से कर सकते हैं पढ़ाई
जांजीबार पूर्वी अफ्रीका में मौजूद एक द्वीप समूह है। साल 1964 में यह तंजानिया के साथ मिला और तंजानिया गणराज्य का गठन हुआ। अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस कैंपस में प्रवेश के नियम आईआईटी मद्रास तय करेगा और संस्था के द्वारा ही डिग्री दी जाएगी। बता दें इस परिसर में भारतीय छात्र भी पढ़ाई के लिए आवेदन कर सकते हैं और दाखिला प्राप्त कर सकते हैं। एडमिशन प्रक्रिया आईआईटी मद्रास की ओर से संपन्न की जाएगी। वहीं बजट आदि तंजानिया-जांजीबार सरकार की ओर से दिया जाएगा। यहां पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को आईआईटी मद्रास की डिग्री दी जाएगी।
भारत और तंजानिया के रिश्तों को मजबूत करेगा ये समझौता
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, विदेश मंत्री ने इस समझौते को ऐतिहासिक कदम बताया है। ये कदम भारतीय सीमाओं से परे प्रतिष्ठित आईआईटी प्रणाली के महत्वपूर्ण विस्तार और क्षेत्र में शैक्षिक सहयोग और अवसरों को बढ़ावा देगा। विदेश मंत्रालय ने कहा, यह परिसर भारत और तंजानिया के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती को दर्शाता है और भारत द्वारा पूरे अफ्रीका और वैश्विक दक्षिण में लोगों के बीच संबंध बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की याद दिलाता है।
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