पबजी एडिक्ट युवक ने मां-बाप को तवा मारकर मौत के घाट उतारा
– झांसी में डबल मर्डर से फैली दहशत
– पुलिस को देख हंसते हुए बोला- हाँ मैंने हत्या की है
– तीन बहनों में अकेला भाई है आरोपी अंकित
– आरोपी हत्या के बाद नहाया और कपड़े बदले
कोरोना काल के बाद से हर किसी की जिंदगी में कई बड़े और छोटे बदलाव आए। कोरोना ने फिजिकल हेल्थ के साथ लोगों की मेंटल हेल्थ को भी काफी प्रभावित किया। अपनों का साथ तो छुटा ही वहीं कई लोगों को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा। कोरोना काल में लोगों ने टाइम पास के लिए पबजी गेम खेलना शुरु कर दिया। इस गेम ने लोगों पर इतना प्रभाव डाला की आए दिन पबजी एडिक्ट लोगों से जुड़े मामले हमे सुनाई देते है। ऐसा ही एक मामला झांसी से सामने आया है जहां एक सिरफिरे पबजी एडिक्ट बेटे ने अपने मां-बाप की बेरहमी से हत्या कर दी।
हत्या के बाद शव के पास बैठा रहा युवक
मामले की जांच कर रही पुलिस ने बताया कि युवक पबजी एडिक्ट था। आरोपी की बहन नीलम ने पुलिस को पुछताछ में बताया कि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी। पिता उसको गेम नहीं खेलने देते थे। इसको लेकर वह घर में अक्सर लड़ाई करता था। वहीं पुलिस को देखकर युवक जोर-जोर से हंसने लगा और बोला की मैंने ही इनकी हत्या की है। आरोपी का नाम अंकित है।
छह महीने से कमरे से बाहर नहीं निकला
वारदात नवाबाद थाना क्षेत्र के पिछौर में हुई। मृतक लक्ष्मी प्रसाद (58), पत्नी विमला (55) के साथ रहते थे। वह पलरा के सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल थे। बेटा अंकित (26) साथ रहता था। जबकि तीन बेटियों में बड़ी बेटी नीलम और सुंदरी की शादी हो चुकी थी। नीलम का ससुराल पड़ोस की कॉलोनी में है। छोटी बेटी शिवानी उरई में रहकर पढ़ाई कर रही है। अंकित घर पर ही मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता था।
बहन नीलम ने बताया कि वो मोबाइल पर गेम बहुत ज्यादा खेल रहा था। छह महीने तो कमरे से ही नहीं निकला था। इसी में वह डिस्टर्ब हो गया था। उसका व्यवहार भी बदल गया था। मम्मी-पापा से मारपीट भी करता था। उससे सभी परेशान थे।
बहन ने पड़ोसी को फोन किया, तब वारदात का पता चला
बहन नीलम ने बताया कि शनिवार सुबह वह पिता लक्ष्मी प्रसाद को फोन कर रही थी, लेकिन उनका फोन नहीं लगा। इसके बाद नीलम ने पड़ोस में रहने वाले काशीराम को कॉल किया और घर जाकर देखने के लिए कहा। जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला तो जमीन पर खून फैला था। पिता की सांसें थम चुकी थीं जबकि मां विमला कराह रही थीं। पड़ोसी काशीराम ने नीलम और पुलिस को सूचना दी। पुलिस पहुंची तो मां विमला को तुरंत मेडिकल कॉलेज ले गई। वहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।
आरोपी को मां-बाप की हत्या का कोई अफसोस नहीं
पुलिस ने बताया कि अंकित को इस हत्या का कोई अफसोस नहीं था। मानसिक तौर पर वह ठीक नहीं लग रहा था। हत्या के बाद उसने भागने की कोशिश नहीं की। जख्मी हालत में मां फर्श पर पड़ी कराहती रही। पुलिस को शक है कि 12 से 2 बजे के बीच उसने हत्या की है। लाशों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
कोरोना काल में रेलवे हॉस्पिटल की जॉब करता था अंकित
आरोपी की बहन नीलम ने बताया कि कोरोना के वक्त अंकित की जॉब छूट गई थी। वो रेलवे हॉस्पिटल में कंपाउंडर था। लॉकडाउन के दौरान वो घर में ही रहा। इस दौरान मोबाइल और लैपटॉप पर कई-कई घंटे गेम खेलता था। उसने मां-पिता से पहले भी मारपीट की थी। वो उसे गेम खेलने से मना करते थे और दोबारा जॉब करने को कहते थे। माना जा रहा है कि इसी विवाद में उसने दोनों की हत्या कर दी।
आखिर क्यो होती है ऐसी घटनाएं
जिस प्रकार एक अच्छा जीवन जीने के लिए फिजिकल हेल्थ का सही होना जरूरी है, उसी प्रकार मेंटल हेल्थ का सही होना भी जरूरी है। लेकिन आजकल लोगों के लाइफस्टाइल के वजह से मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लगातार बढ़ रहा काम का प्रेशर, वित्तीय संकट और जिम्मेदारियां आपको मानसिक रोगी बना रहे हैं।
लेकिन इन सब के अलावा एक ऐसी चीज है, जो आपको सबसे ज्यादा मेंटल इलनेस का रोगी बना रही है और वह है अकेले रहने की आदत। कोरोना की बीमारी के बाद से लोगों ने आपस में ओर भी दूरी बना ली जिसके बाद से लोगों में अकेलेपन की समस्याएं होने लगी। खासतौर पर जो लोग अकेले रहते हैं वे अपनी भावनाएं किसी के साथ शेयर नहीं कर पाते हैं और इस कारण से उनके मन का तनाव यानी मेंटल स्ट्रेस बढ़ता रहता है।
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