पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली के विरोध में सड़कों पर उतरे हजारों विद्यार्थी
– भोपाल में व्यापमं और इंदौर में कलेक्टर कार्यालय घेरा
– इंदौर में प्रदर्शनकारी छात्र तीन घंटे तक सड़क पर ही बैठे रहे
– इंदौर में कलेक्टर को ज्ञापन देने की जिद पर अडे़ रहे विद्यार्थी
– कलेक्टर के आश्वासन के बाद चेतावनी देकर लौट गए प्रदर्शनकारी
भोपाल। पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली के खिलाफ गुरुवार को इंदौर और भोपाल में विद्यार्थी सड़क पर उतर आए। उन्होंने नारेबाजी कर पटवारी भर्ती में फर्जीवाड़े की सीबीआई जांच कराने और कानून बनाकर पेपर लीक के दोषी को उम्रकैद की सजा कराई जाने की मांग की।
इंदौर में नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के नेतृत्व में हजारों की संख्या में विद्यार्थियों ने दोपहर करीब 12.30 बजे कलेक्टर ऑफिस का घेराव कर दिया। भीड़ को देखते हुए पुलिस ने निगरानी के लिए वीडियो कैमरे से लैस ड्रोन उड़ाया। इंदौर में प्रदर्शनकारी छात्र तीन घंटे तक सड़क पर ही बैठे रहे। घेराबंदी के चलते कलेक्टर ऑफिस इलाके में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। जाम लग गया। एसडीएम अंशुल खरे ज्ञापन लेने पहुंचे, लेकिन प्रदर्शनकारी कलेक्टर इलैयाराजा टी को ज्ञापन देने की मांग पर अडे रहे। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर ऑफिस के गेट पर रघुपति राघव राजा राम भजन गाया।
विद्यार्थियों ने कहा कि कलेक्टर से मिलने के लिए इंतजार करेंगे। जब तक कलेक्टर नहीं आएंगे तब तक यहीं बैठे रहेंगे। हम बैरिकेड के बाहर ही रहेंगे, किसी तरह का उपद्रव नहीं करेंगे, लेकिन कोई सुनने तो आए। हालांकि दोपहर तीन बजे कलेक्ट्रेट के सामने की सड़क पूरी तरह खाली हो गई। प्रदर्शनकारी आश्वासन के बाद चेतावनी देकर लौट गए हैं। नेतृत्व कर रहे राधे जाट ने बताया कि ईमानदारों पर ही कार्रवाई होती है, इस सरकार में भ्रष्टाचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
कांग्रेस बोली- 500 से 600 करोड़ रुपये का घोटाला
इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीसिंह चड्ढा ने इस मामले में कहा कि भाजपा के शासन काल में मप्र के व्यापमं घोटाले में एक सीरीज और जुड़ गई। विद्यार्थियों का कहना है कि यह ऑनलाइन घोटाला है जिसके आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं। लाखों बच्चों ने परीक्षा दी है और 1200 रु. से 1500 रु. प्रति परीक्षार्थी से फीस ली गई है। यह 500 से 600 करोड़ रु. का घोटाला है। भाजपा के विधायक अजब सिंह कुशवाह जिनके एनआरआई कॉलेज के 10 में से 7 ने टॉप किया है, उन्हें 100 प्रतिशत नंबर आए हैं यह कैसे संभव है। ऐसा लगता है कि उन्हें जैसे पेपर ही दे दिया गया था। इसकी सीबीआई से जांच होना चाहिए।
टॉप टेन में आए सात विद्यार्थी ग्वालियर के एक ही कॉलेज से
छात्रों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में दावा किया है कि व्यापमं द्वारा पटवारी ग्रुप-2, सबग्रुप-4 एग्जाम की जो टॉप टेन लिस्ट बनाई है, उनमें से सात कैंडिडेट ग्वालियर के एक ही कॉलेज से हैं। इन टॉपर्स की आंसर-की देखने पर पता चला है कि इन्होंने अपने परीक्षा फॉर्म में साइन अंग्रेजी में किए थे, जबकि इन लोगों को अंग्रेजी विषय के पेपर में 25 में से 25 नंबर दिए गए हैं। इनमें से कुछ छात्र तो ऐसे हैं जिन्होंने पहली ही बार में एग्जाम में टॉप किया है।
प्रियंका गांधी बोलीं, सरकार जांच करवाए
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मध्यप्रदेश सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट में कहा, मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के शासन में एक बार फिर भर्ती में घोटाले की खबरें आ रही हैं। नौकरियों के लिए पदों की लाखों रुपए में बोली लगाए जाने की खबरें हैं। सरकार जांच कराने से क्यों कतरा रही है? भर्ती घोटालों से जुड़े होने के आरोप में भाजपा नेताओं का नाम ही क्यों सामने आता है? नौकरी के लिए भर्तियों में केवल घोटाले ही घोटाले हैं। भाजपा सरकार लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में क्यों डाल रही है?
जंबूरी मैदान पर आंदोलन करने की चेतावनी
भोपाल में भी कर्मचारी चयन मंडल के सामने बड़ी संख्या में पटवारी अभ्यर्थी जमा हुए। पटवारी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए 400 से ज्यादा अभ्यर्थी दफ्तर के गेट पर बैठ गए। मध्यप्रदेश बेरोजगार संघ के वाइस प्रेसिडेंट अजय पांडे ने कहा कि 2017 के बाद से लगातार समस्याएं हो रही हैं। हमने शांतिपूर्ण तरीके से कलेक्टर को आवेदन दिया है। सात दिन का समय दिया है। अगर इस मामले में जांच नहीं हुई, तो हम एक सप्ताह बाद जंबूरी मैदान पर आंदोलन करेंगे। हम भोपाल से दिल्ली तक जाएंगे।
कैंडिडेट को आंसर-की पहले ही मिल गई थी
इंदौर में प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स ने बताया ऐसी महिला कैंडिडेट जिन्होंने पटवारी के पद पर जॉइनिंग दी है, जबकि उनके सर्वाधिक नंबर होने से वे पटवारी से भी ऊपर के पद के लिए पात्र हैं। परीक्षा में उत्तर देते समय इन्होंने सिर्फ वे ही ऑप्शन चुने जो व्यापमं द्वारा गलती से कुछ प्रश्नों के उत्तर में दे दिए थे। इससे ऐसा लगता है कि इन कैंडिडेट को व्यापमं द्वारा जारी आंसर शीट पहले ही मिल गई थी। इनके अलावा और भी कुछ बातें ऐसी हैं, जिनसे समय में आता है कि ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज में पटवारी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक किए गए हैं।
ये हैं प्रमुख मांगें…
– पूरी परीक्षा की सीबीआई जांच हो
– सभी दस टॉपर्स की पूरी वीडियो ग्राफी, जिसमें उनका रिस्पॉन्स टाइम पता चलता हो, जारी किया जाए।
– सभी दस टॉपर्स का सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स की मौजूदगी में मीडिया ट्रायल कराया जाए।
– सभी जांच समय सीमा में दस दिन में पूरी की जाए।
– जांच पूरी होने तक डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन और पोस्टिंग की प्रक्रिया को लंबित रखा जाए।
– आगामी सभी परीक्षाओं को ऑफलाइन मोड़ में कराया जाए।
– दिव्यांग कोटे में पात्रता के लिए कई कैंडिडेट फर्जी प्रमाण-पत्र बनवा रहे हैं। उनकी जांच कर कार्रवाई की जाए।
– पेपर लीक के खिलाफ कानून बनाकर दोषियों को उम्र कैद की सजा दी जाए।
इंदौर में ये बोले स्टूडेंट्स
सपना राठौर ने कहा कि पटवारी भर्ती में हुए फर्जीवाडा को लेकर हम आंदोलन कर रहे हैं। इसमें एक संस्था से 10 परीक्षार्थी टॉप पर निकले हैं। जो बच्चे पढ़ाई गंभीरता से पढ़ाई करके निकले हैं उनके मार्क्स बहुत कम आए हैं और जो नहीं पढ़े हैं उनके मार्क्स ज्यादा हैं। उनके सिग्नेचर भी मैच नहीं हो रहे हैं। यह भर्ती खारिज कर दोबारा परीक्षा आयोजित की जाए।
दीपक शर्मा ने बताया कि पटवारी के अलावा जेल प्रहरी, कृषि यांत्रिकी की भर्ती में भी काफी फर्जीवाड़ा हुआ है। उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उस सॉफ्टवेयर कंपनी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जिसे अन्य राज्यों ने बैन करके रखा है। कंपनी ने ये पेपर दूसरे कंपनी को कैसे दे दिए। जो भी लोग इसमें लिप्त हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। कॉलेज राजसात करके वहां बुलडोजर चलाया जाए।
जबलपुर से आईं कल्पना सिंह ने बताया मामला सिर्फ पटवारी भर्ती का नहीं है बल्कि पुलिस और संविदा वर्ग को लेकर भी है। पटवारी परीक्षा में किसी के नंबर 126 हैं, उसके 53 कैसे हो सकते हैं। तीन-चार नंबर कम ज्यादा हो सकते हैं लेकिन इतने नंबर कैसे हो सकते हैं। सरकार की यह प्रक्रिया समझ से परे है।
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