नाइजर में तख्तापलट के बाद हिंसा के आसार के चलते भारतीयों को जल्द देश छोड़ने की सलाह
– पश्चिमी अफ्रीकी देशों के संगठन ईसीओडब्ल्यूएस ने नाइजर पर सैन्य कार्रवाई का ऐलान किया
– मदद के लिए नियामी स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करने का कहा
– हालात बिगड़ने के कारण नाइजर का हवाई क्षेत्र बंद
नाइजर। नाइजर में सेना के तख्तापलट के बाद पश्चिमी अफ्रीकी देशों के संगठन ईसीओडब्ल्यूएस (इकनोमिक कम्युनिटी ऑफ वेस्ट अफ्रीकन स्टेट्स) ने नाइजर के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का ऐलान किया है। भारत ने नाइजर में जारी हिंसा के मद्देनजर शुक्रवार को वहां रहने वाले भारतीयों को देश को छोड़ने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि जिन भारतीयों का नाइजर में रहना अत्यंत जरूरी नहीं है, उन्हें जल्द से जल्द देश छोड़ देना चाहिए।
इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि- “भारत सरकार नाइजर में चल रहे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही है। मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, जिन भारतीय नागरिकों की उपस्थिति आवश्यक नहीं है, उन्हें जल्द से जल्द देश छोड़ने के लिए कहा गया है। नाइजर हवाई क्षेत्र फिलहाल बंद है। जमीनी सीमाओं से प्रस्थान करते समय सतर्क रहने की जरूरत है। मदद के लिए नियामी स्थित भारतीय दूतावास के टेलीफोन नंबर 227-99759975 पर संपर्क कर सकते हैं।”
नाइजर में 250 भारतीय
वर्तमान में 250 भारतीय नाइजर में रह रहे हैं। वहीं, विदेश मंत्रालय ने सलाह दी कि जो लोग नाइजर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें स्थिति सामान्य होने तक अपनी यात्रा को स्तगित करना चाहिए। भारतीय दूतावास भारतीयों को नाइजर से बाहर निकलने की सुविधा मुहैया कराने के लिए विदेश मंत्रालय से लगातार बातचीत कर रहा है। दरअसल, जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी ने 26 जुलाई को नाइजर में तख्तापलट करके राष्ट्रपति मोहम्मद बजूम को हटाकर सत्ता पर कब्जा कर लिया था।
हाल ही में हुआ था तख्तापलट
बता दें कि नाइजर में दो हफ्ते पहले सेना ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को हटा कर तख्तापलट कर दिया था. हालांकि, बजौम ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है और वह नजरबंद हैं। तख्तापलट के बाद वहां युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। गौरतलब है कि तख्तापलट से पश्चिमी अफ्रीकी देश नाराज हैं और वे नाइजर को सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दे रहे हैं।
सेना भेजने के लिए आपात बैठक
नाइजर में फिर से लोकतंत्र को बहाल करने के लिए ईसीओडब्ल्यूएस (इकनोमिक कम्युनिटी ऑफ वेस्ट अफ्रीकन स्टेट्स) ने नाइजीरिया की राजधानी अबूजा में एक आपात बैठक की। बैठक में नाइजर के सैन्य शासन के खिलाफ संयुक्त सैन्य अभियान चलाकर वहां राष्ट्रपति मोहम्मद बजूम की सत्ता को बहाल करने का संकल्प लिया गया। वहीं, नाइजर के सैन्य शासक अब्दुल रहमान तियानी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने नाइजर के खिलाफ युद्ध छेड़ा, तो बजूम की हत्या कर दी जाएगी।
नाइजर की सेना से टकराना आसान नहीं
ईसीओडब्ल्यूएस (इकनोमिक कम्युनिटी ऑफ वेस्ट अफ्रीकन स्टेट्स) 15 देशों का समूह है। हालांकि, इन देशों में सिर्फ नाइजीरिया ही है, जिसके पास मजबूत सेना है। नाइजर की सेना में 33 हजार जवान हैं। इसके अलावा सेना के पास फ्रांस और अमेरिका से मिले आधुनिक हथियार भी हैं। ऐसे में ईसीओडब्ल्यूएस का नाइजर की सेना से टकराना आसान नहीं होगा। इसके अलावा पड़ोसी देश माली व बुर्किना फासो के सैन्य शासकों का भी नाइजर को समर्थन प्राप्त है।
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