दिल्ली सेवा बिल को लेकर बीजेपी सांसदों को व्हिप जारी
– संसद में मणिपुर मुद्दे पर हंगामा जारी
– दोनों पक्षों के नेताओं ने लोकसभा स्पीकर से की मुलाकात
– लोकसभा स्पीकर से सदन का संचालन करने की अपील की
– गुरुवार को स्पीकर की कुर्सी पर सासंद राजेंद्र अग्रवाल बैठे
दिल्ली। गुरुवार को मानसून सत्र का 11वां दिन रहा। मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में आज दिल्ली सेवा बिल पर संसद में चर्चा जारी रही। चर्चा के बाद इस बिल पर वोटिंग होगी। बता दें कि बुधवार को भी इस बिल को लेकर दोनों ही सदन में चर्चा होनी थी, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया था।
दोनों सदनों में मणिपुर को लेकर विपक्ष जमकर हंगामा कर रहा है जिसकी वजह से संसद का काम ठप पड़ा है। 20 जुलाई से शुरु हुए इस सत्र में विपक्ष लगातार पीएम मोदी को संसद में बुलाने की मांग कर रहा है। आईए जानते है आज पूरे दिन की लोकसभा की कार्यवाही में क्या-क्या हुआ।
ओम बिरला ने कहा- उनके लिए सदन की गरिमा सर्वोच्च है
मानसून सत्र शुरू होने के साथ ही संसद में हंगामा हो रहा है। मंगलवार (1 अगस्त) को लोकसभा में हुए हंगामे के वजह से स्पीकर ओम बिरला संसद भवन में होते हुए भी स्पीकर की कुर्सी पर नहीं बैठे। लोकसभा अध्यक्ष ने पक्ष और विपक्ष के सदस्यों से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब तक सदन में अनुशासन बहाल नहीं होता है, वे अध्यक्ष के आसन पर नहीं जाएंगे।
स्पीकर बिरला ने कहा उनके लिए सदन की गरिमा सर्वोच्च है। सदन में मर्यादा कायम करना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। सदन में कुछ सदस्यों का व्यवहार सदन की उच्च परपराओं के विपरीत है। वहीं आज दोपहर 2 बजे के बाद ओम बिरला सदन में आने को तैयार हुए।
ओम बिरला से कुर्सी पर बैठने की अपील की
स्पीकर ओम बिरला की जगह स्पीकर की कुर्सी पर मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के सासंद राजेंद्र अग्रवाल बैठे। सत्र की शुरुआत होते ही कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चैधरी ने सभापति से आग्रह किया कि वह अध्यक्ष से लोकसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता फिर से शुरू करने का अनुरोध करें।
साथ ही विनती की कि सभापति ओम बिरला लोकसभा कार्यवाही का संचालन करें। चैधरी ने कहा कि वह हमारे संरक्षक हैं। इस पर आसन पर बैठे राजेंद्र अग्रवाल ने चैधरी से कहा कि वह उनका संदेश सभापति तक पहुंचा देंगे।
सांसदों ने की सभापति से मुलाकात
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चैधरी, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, एनके प्रेमचंद्रन, बसपा के रितेश पांडे, भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल, टीएमसी सांसद सौगत राय, एनसीपी सांसद फारुख अब्दुल्ला और डीएमके सांसद कनिमोझी ने आज लोकसभा सभापति ओम बिरला से मुलाकात की। इस मुलाकात में सांसदों ने लोकसभा स्पीकर से सदन की कार्यवाही का संचालने करने की अपील की।
हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित
लोकसभा की कार्यवाही आज फिर शुरू होते ही स्थगित हो गई। सदन में विपक्ष के हंगामे के चलते कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित की गई। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरने में जुटा है। विपक्षी दल जहां सदन में पीएम मोदी के बयान की मांग पर अड़े हैं तो वहीं सरकार चर्चा की बात कह रही है।
हंगामे के चलते संसद की कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ रहा है। इस बीच बीते दिन सरकार ने लोकसभा में दिल्ली सेवा अधिकार से संबंधित राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक-2023 पेश किया। विधेयक पर आज सदन में चर्चा की जानी है, जिसके लिए बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया।
डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल किया पेश
दोपहर दो बजे के बाद दोबारा शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल पेश किया। इस विधेयक को केंद्रीय कैबिनेट पिछले दिनों अपनी मंजूरी प्रदान कर चुकी है। केंद्र सरकार ने दिसंबर 2019 में संसद में पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2019 पेश किया था। इसके बाद बिल को विचार के लिए संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया था।
वहीं इस बिल को लेकर सांसद असदुद्दीन ओवैसी, टीएमसी सांसद सौगत रॉय और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विरोध किया। साथ ही कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चैधरी ने कहा कि मैं लोकसभा में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2023 का विरोध करता हूं।
इस विधेयक के माध्यम से सरकार सूचना का अधिकार अधिनियम और निजता के अधिकार को कुचलने जा रही है। इसलिए हम सरकार द्वारा पेश किए जा रहे इस भयावह इरादे का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए।
दिल्ली सेवा बिल को लेकर विपक्ष का विरोध
दिल्ली सेवा बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष के ओर से कांग्रेस नेता अधीर रंजन बिल के खिलाफ बोले कि अगर दिल्ली में ऐसी छेड़खानी होती रहेगी तो आप अन्य राज्यों के लिए भी ऐसे बिल लाते रहेंगे। अगर आपको लगता है कि यहां घोटाला होता है तो उसके लिए आपको यह बिल लाना जरूरी था? आपके पास ईडी, सीबीआई है, आप उसका इस्तेमाल क्यों नहीं करते?
गृह मंत्री अमित शाह ने केजरीवाल पर साधा निशाना
गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली सेवा बिल को दिल्ली के हित में बताते हुए कहा कि संविधान में ऐसे प्रावधान हैं जो केंद्र को दिल्ली के लिए कानून बनाने की अनुमति देते हैं। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली सेवा बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। शाह ने कहा कि केजरीवाल के साथ कांग्रेस केवल गठबंधन के लिए बिल का विरोध कर रही है।
साल 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आई जिसका मकसद सिर्फ लड़ना था, सेवा करना नहीं। समस्या ट्रांसफर पोस्टिंग करने का अधिकार हासिल करना नहीं, बल्कि अपने बंगले बनाने जैसे भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सतर्कता विभाग पर कब्जा करना है।
दिल्ली के बारे में सोचें विपक्षी सांसद
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि विपक्ष के गठबंधन बनाने के बाद भी नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा पीएम बनेंगे। लोकसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर अमित शाह ने कहा कि मैं विपक्षी सांसदों से अपील करता हूं कि वे दिल्ली के बारे में सोचें, अपने गठबंधन के बारे में नहीं।
दिल्ली अध्यादेश विधेयक पर लोकसभा में अमित शाह के भाषण की प्रमुख बातें
– दिल्ली ना तो पूरी तरह राज्य है और ना ही पूरी तरह संघ शासित प्रदेश। संसद को आर्टिकल 239 के तहत दिल्ली के मु्द्दे पर संसद में कानून बनाने का अधिकार है। विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मनपसंद हिस्सा ही पढ़ा।
– पं नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी (सी राजगोपालाचारी), राजेंद्र प्रसाद और डॉ. अंबेडकर ने इस बात का विरोध किया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए। नेहरू ने कहा था कि दिल्ली में तीन चैथाई संपत्ति केंद्र सरकार की है, इसलिए इसे केंद्र के अधीन रखा जाए।
– राजधानी दिल्ली के किसी भी हिस्से पर और कोई भी कानून बनाने संबंधी संपूर्ण अधिकार संसद को दिया गया है। 1993 से व्यवस्था चली आ रही थी। कभी केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो दिल्ली में हमारी सरकार थी। कभी केंद्र में हमारी सरकार थी तो दिल्ली में कांग्रेस का शासन था। कभी कोई समस्या नहीं आई। असल में दोनों ही दलों का मकसद सेवा था, सत्ता हथियाना नहीं। कोई झगड़ा नहीं हुआ, सबकुछ ठीक चल रहा था।
– 2015 में दिल्ली में जिस दल (आप) की सरकार आई, उसका मकसद सेवा नहीं, झगड़ा करना था। प्रॉब्लम ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार की नहीं थी। विजिलेंस के कंट्रोल में लेकर जो बंगला (अरविंद केजरीवाल का बंगला विवाद) बना दिया है, उसका सत्य छिपाना है। जो भ्रष्टाचार हो रहा है, इसका सत्य छिपाना है।
– मेरी अपील है कि विपक्षी दलों को दिल्ली के बारे में सोचना चाहिए, गठबंधन के बारे में नहीं। अलायंस के बावजूद केंद्र में बहुमत से नरेंद्र मोदी की सरकार बन रही है। जिस तरह से यूपीए ने शासन चलाया, उसी के कारण विपक्ष में बैठे हैं।
अमित शाह ने की नेहरू जी की तारीफ?
संसद में बिल पर बोलते हुए शाह ने कहा कि दिल्ली न पूर्ण राज्य है और न ही संघ शासित प्रदेश है। विपक्ष को निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि विपक्ष गठबंधन की नहीं, दिल्ली की भी सोचें। उन्होंने कहा कि नेहरू जी ने कहा था कि दिल्ली में तीन चैथाई संपत्ति केंद्र की है। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा का विरोध नेहरू जी ने किया था।
अधीर रंजन चैधरी ने अमित शाह पर साधा निशाना
लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चैधरी ने अमित शाह से कहा कि जब आपको जरूरत होती है तो आप पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की मदद लेते हैं। अगर आपने वास्तव में नेहरू की मदद ली होती तो देश को मणिपुर और हरियाणा नहीं देखना पड़ता। कल सदन में ये बिल आना था लेकिन नहीं आया। आज अमित शाह जी के मुंह से नेहरू जी की तारीफ सुनी तो लगा कि दिन में ये कैसे हो गया? उनके मुंह में घी शक्कर।
दिल्ली सेवा बिल को वायएसआर कांग्रेस, बीजेडी और टीडीेपी का समर्थन
दिल्ली सेवा बिल के लिए बीजेपी ने अपने लोकसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है और आज सदन में मौजूद रहने को कहा था। इस बिल को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था। दिल्ली सेवा बिल पर सरकार को वायएसआर कांग्रेस, बीजेडी और टीडीेपी का समर्थन मिल चुका है।
सांसद राघव चड्ढा ने कसा तंज
बीजेडी और वाईएसआरसीपी के दिल्ली अध्यादेश विधेयक के समर्थन पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने दोनों दलों पर तंज कसा है। उन्होंने बीजेपी पर राजनीतिक नेताओं को डराने-धमकाने और अपने हितों की पूर्ति के लिए अन्य पार्टियों को बरगलाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में राज्य सरकारों के साथ प्रमुख दल होने के बावजूद वाईएसआरसीपी और बीजेडी भाजपा द्वारा प्रस्तावित एक अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक विधेयक का समर्थन कर रही है। साथ ही सांसद राघव चड्ढा ने तंज कसते हुए कहा कि कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता।
हमारा YOUTUBE चैनल- https://www.youtube.com/@VyasMediaNetwork