दिल्ली सर्विस बिल पर अमित शाह ने बंद की विपक्ष की बोलती
– लोकसभा में ध्वनि मत से पास हुआ दिल्ली सेवा बिल
– लोकसभा में दिल्ली सर्विस बिल पर 4 घंटे तक चली बहस
– वोटिंग के दौरान विपक्षी सांसदों ने सदन से किया वॉकआउट
– शाह ने कहा दिल्ली को लेकर कानून बनाने का अधिकार संसद को
– शाह बोले पीएम नहीं आए फिर विपक्ष चर्चा में क्यों हिस्सा ले रहा
– शाह बोले- बिल पास होते ही केजरीवाल गठबंधन को कर देंगे बाय-बाय
संसद के मानसून सत्र के 11वें दिन यानीे गुरुवार को लोकसभा में दिल्ली सर्विस बिल ध्वनि मत से पास हो गया। वोटिंग के दौरान विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया। लोकसभा में दिल्ली सर्विस बिल पर 4 घंटे तक बहस चली। अब सोमवार को राज्यसभा में यह बिल पेश किया जाएगा।
दिल्ली सर्विस बिल को पास करने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाषण दिया। इस दौरान अमित शाह ने इंडिया गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। शाह ने कहा कि अभी तक ये लोग चर्चा के लिए कह रहे थे कि पीएम आएंगे तब चर्चा होगी लेकिन आज क्या हुआ? आज तो पीएम नहीं आए फिर चर्चा में क्यों हिस्सा लिया?
दिल्ली में तीन चौथाई संपत्ति केंद्र सरकार की
अमित शाह ने कहा कि दिल्ली ना तो पूरी तरह राज्य है और ना ही पूरी तरह संघ शासित प्रदेश है। संसद को आर्टिकल 239 एए के तहत दिल्ली के मुद्दे पर संसद में कानून बनाने का अधिकार है। विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मनपसंद हिस्सा ही पढ़ा है। पं नेहरू, सरदार पटेल, सी राजगोपालाचारी, राजेंद्र प्रसाद और डॉ. अंबेडकर ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का विरोध किया था। नेहरू ने कहा था कि दिल्ली में तीन चौथाई संपत्ति केंद्र सरकार की है, इसलिए इसे केंद्र के अधीन रखा जाए।
कानून बनाने का संपूर्ण अधिकार संसद को
अमित शाह ने कहा कि राजधानी दिल्ली के किसी भी हिस्से पर और कोई भी कानून बनाने का संपूर्ण अधिकार संसद को दिया गया है। 1993 से व्यवस्था चली आ रही थी। कभी केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो दिल्ली में हमारी सरकार थी। कभी केंद्र में हमारी सरकार थी तो दिल्ली में कांग्रेस का शासन था। कभी कोई समस्या नहीं आई। असल में दोनों ही दलों का मकसद सेवा था, सत्ता हथियाना नहीं। कोई झगड़ा नहीं हुआ, सबकुछ ठीक चल रहा था।
जनता सब जानती है
विपक्ष पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा कि ये जनता सब जानती है। आज आपने अपने आप को एक्सपोज कर दिया है। सदन जनता को गुमराह करने की जगह नहीं है। शाह ने कहा कि दिल्ली में मंत्री के सिग्नेचर से कैबिनेट नोट जा रहा है। नियम के हिसाब से कुछ नहीं चल रहा है इसलिए नियम बनाने पड़ रहे हैं।
दिल्ली सेवा बिल पर बहस के दौरान अमित शाह ने कहा कि 2015 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आई, उसका मकसद सेवा नहीं, झगड़ा करना था। प्रॉब्लम ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार का नहीं था, विजिलेंस को कंट्रोल में लेकर जो बंगला अरविंद केजरीवाल ने बनाया है, उसका सत्य छिपाना है। जो भ्रष्टाचार हो रहा है, इसका सत्य छिपाना है। मेरी अपील है कि विपक्षी दलों को दिल्ली के बारे में सोचना चाहिए, गठबंधन के बारे में नहीं। विपक्ष के गठबंधन के बावजूद केंद्र में बहुमत से नरेंद्र मोदी की सरकार बन रही है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि ये विपक्षी दल सिर्फ अपना इंडिया गठबंधन बचाने के लिए एक साथ आए हैं। आपके गठबंधन को सुपारी जैसी छोटी पार्टियां छोड़कर ना चलीं जाएं, इसकी चिंता है आपको। कोई तो बोल देता कि हम इसलिए आए हैं कि केजरीवाल गठबंधन से ना चले जाएं। शाह ने कहा कि देखना ये बिल संसद से पास होते ही अरविंद केजरीवाल इस इंडिया को बाय-बाय बोलकर चले जाएंगे।
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