दिल्ली : प्रगति मैदान लूट केस में 50 लाख तक हो सकती है रकम
-अब तक आरोपियों से 5 लाख बरामद
– कई स्थानों पर दबिश देकर आरोपियों को पकड़ा
दिल्ली। प्रगति मैदान सुरंग में एक डिलीवरी एजेंट और उसके सहयोगी से बंदूक दिखाकर लूटपाट करने के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। आरोपियों से पूछताछ के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है कि बदमाशों द्वारा लूटी हुई रकम 2 लाख नहीं बल्कि 50 लाख रुपये तक हो सकती है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से अब तक 5 लाख रुपये बरामद भी किए हैं। इतना ही नहीं इस लूटकांड का मास्टरमाइंड उस ओमिया एंटरप्राइजेज कंपनी में काम कर चुका है, जिसके डिलीवरी एजेंट से लूट हुई।
नकदी से भरा बैग लूटा
विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज में मोटरसाइकिल सवार चार बदमाश चांदनी चैक स्थित ओमिया इंटरप्राइजेज के डिलीवरी एजेंट और उसके सहयोगी की कैब को रोककर बंदूक के दम पर नकदी से भरा बैग लूटते नजर आए थे। पिछले शनिवार को लूट की इस घटना को उस समय अंजाम दिया गया था, तब दोनों नकदी पहुंचाने के लिए कैब से गुरुग्राम जा रहे थे।
यादव ने बताया कि मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्राथमिक जांच से पता चला है कि आरोपियों ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार को रेकी भी की थी। गिरफ्तार किए गए लोगों में उस्मान अली उर्फ कल्लू, इरफान, अनुज मिश्रा उर्फ सनकी (भलस्वा डेयरी निवासी), कुलदीप उर्फ लंगड़ (जहांगीरपुरी निवासी), सुमित उर्फ आकाश (बुराड़ी निवासी), प्रदीप उर्फ सोनू (बागपत निवासी) और अमित उर्फ बाला (गाजियाबाद में लोनी निवासी) शामिल हैं। आरोपियों को कई स्थानों पर दबिश देकर पकड़ा गया है।
22 सेकेंड के सीसीटीवी फुटेज ने खोला राज
यादव ने बताया कि उस्मान और प्रदीप की पहचान मुख्य साजिशकर्ता के रूप में की गई है। मिश्रा पेशे से मैकेनिक है जो दिल्ली जल बोर्ड में संविदा पर कार्यरत है। सुमित और कुलदीप सब्जी की दुकान चलाते हैं, कुलदीप ने पिस्टल और गोली की व्यवस्था की। इरफान नाई का काम करता है। कुलदीप इसके पहले लूट और छिनैती के 16 मामलों में शामिल रहा है, जबकि मिश्रा पर पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से प्रदीप पर सबसे अधिक 37 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
प्रदीप फिरौती वसूलने के मामले में आठ सालों तक जेल में रहा और जेल से दो साल पहले रिहा हुआ था। प्रदीप के जरिये अमित भी उस्मान के संपर्क में आया। 22 सेकेंड की इस सीसीटीवी फुटेज में चार लोग दो मोटरसाइकिल पर सवार होकर कार का पीछा करते और अन्य वाहनों के गुजरने पर कार को सुरंग के अंदर रोकते हुए दिखाई देते हैं।
वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि जैसे ही कार रुकती है, हेलमेट पहने दो व्यक्ति मोटरसाइकिल से उतरते हैं और उनमें से एक चालक की तरफ जाता है, जबकि दूसरा व्यक्ति दूसरी तरफ के पिछले दरवाजे की तरफ गया। इसके बाद दोनों ने अपनी-अपनी पिस्तौल निकाल ली। फुटेज में दिख रहा है कि कार के दोनों दरवाजे खुले हैं और पीछे की तरफ के व्यक्ति को एक काले रंग का बैग सौंपा जा रहा है संभवत जिसमें नकद रुपया था। इसके बाद दोनों मोटर साइकिल पर सवार होकर भाग जाते हैं। पुलिस ने बताया कि अपराध में शामिल फर्जी नंबर प्लेट लगी दो मोटरसाइकिल, 4.98 लाख रुपये नकद, एक पिस्तौल और दो कारतूस जब्त की गई हैं।
Alguns softwares detectarão as informações de gravação da tela e não poderão fazer uma captura de tela do celular. Nesse caso, você pode usar o método de monitoramento remoto para visualizar o conteúdo da tela de outro celular.