तीन साल बाद आई पुरुषोत्तमा एकादशी क्यों है खास
– शुभ योग में आज मनाई जा रही है पुरुषोत्तमा एकादशी
– एकादशी पर भगवान नारायण की पूजा करने से पूरी होती हैं मनोकामनाएं
– इस दिन की गई पूजा और व्रत का मिलता है विशेष पुण्य
– विष्णु मंदिरों में आज होगी विशेष पूजा-अर्चना
– पुरुषोत्तमा एकादशी को कमला या पद्मिनी एकादशी भी कहते हैं
प्रत्येक तीसरे वर्ष पुरुषोत्तम मास में पड़ने वाली पुरुषोत्तमा एकादशी को कमला या पद्मिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। सनातन धर्म में पुरुषोत्तम माह की कमला (पद्मिनी) एकादशी का बहुत महत्व बताया गया है। इस बार पद्मिनी एकादशी का व्रत 29 जुलाई यानी आज रखा जा रहा है। अधिकमास में पड़ने के कारण इस एकादशी का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से यश और कीर्ति में वृद्धि होती है। एकादशी के दिन भगवान नारायण की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
पद्मिनी एकादशी शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचाग के अनुसार, सावन मास की दूसरी एकादशी, पद्मिनी एकादशी 29 जुलाई यानी आज मनाई जा रही है। एकादशी तिथि का प्रारंभ 28 जुलाई यानी कल दोपहर 2 बजकर 51 मिनट पर शुरू हो चुका है और इसका समापन 29 जुलाई यानी आज दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर होगा। पद्मिनी एकादशी के पारणे का समय 30 जुलाई यानी कल सुबह 5 बजकर 41 मिनट से लेकर 8 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।
पद्मिनी एकादशी शुभ योग
इस साल पद्मिनी एकादशी पर दो बड़े ही शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन ब्रह्म और इंद्र योग रहेंगे। 28 जुलाई को सुबह 11.56 बजे से 29 जुलाई की सुबह 09.34 बजे तक ब्रह्म योग रहेगा। इसके बाद 29 जुलाई को सुबह 09.34 बजे से 30 जुलाई को सुबह 06.33 बजे तक इंद्र योग रहेगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भक्तों द्वारा इस दिन की जाने वाली पूजा एवं व्रत का विशेष पुण्य प्राप्त होगा।
इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी संताप नष्ट होते है एवं भगवान विष्णु के साथ श्रीमहालक्ष्मी जी की अनुकूल कृपा प्राप्त होती है। इस दिन व्रत रखने से रुके हुए कार्यों में सफलता मिलती है तथा जिन लोगों को बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है उनके लिए यह व्रत शुभफलदायी बताया गया है। लेकिन एकादशी व्रत में कुछ नियमों का पालन करना भी जरूरी है।
एकादशी पर करें इन नियमों का पालन
– एकादशी के दिन नमक का सेवन नहीं किया जाता है। ऐसा करने से व्रत खंडित हो जाता है। बहुत अधिक आवश्यकता हो तो सेंधा नमक का उपयोग कर सकते हैं।
– न केवल पद्मिनी एकादशी बल्कि किसी भी अन्य एकादशी पर अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। इसके बजाय दिन में एक बार फलाहार ले सकते हैं। भगवान को भी नैवेद्य में फल ही चढ़ाए जाते हैं।
– एकादशी के दिन व्यक्ति को बाल तथा नाखून नहीं काटने चाहिए। मान्यता है कि इस दिन व्यक्ति को बाल तथा नाखून नहीं काटने चाहिए। ऐसा करने से दोष लगता है और पुण्यों की समाप्ति होती है।
– इस दिन पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। यहां तक कि अपने जीवनसाथी के साथ भी नियमपूर्वक ही रहना चाहिए। अन्यथा व्रत खंडित हो जाता है।
– एकादशी के दिन मांस, मछली, अंडा, शराब, तंबाकू, जर्दा आदि किसी भी प्रकार के तामसिक या नशीले पदार्थों का स्पर्श भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करना व्यक्ति को सैकड़ों जन्मों के लिए नर्क में पटक देता है।
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