अवंतिका एक्सप्रेस में तीन टीटीई को 5 घंटे तक बंधक बनाया
-स्लीपर में वेटिंग और लोकल यात्रियों की भीड़ पर फूटा गुस्सा
– रात 11.30 से सुबह 4.20 बजे तक चला घटनाक्रम
– सूरत में जीआरपी ने शिकायत लिखी, तब टीटीई को छोड़ा
– अधिक भीड़ के कारण बाथरूम तक जाने की जगह नहीं बची
अवंतिका एक्सप्रेस के स्लीपर कोच एस-8 में रिजर्वेशन करवा कर सफर कर रहे यात्रियों ने रविवार रात तीन टीटीई को करीब पांच घंटे तक बंधक बनाए रखा। ये सभी स्लीपर कोच में वेटिंग लिस्ट और अन्य यात्रियों की बहुत ज्यादा भीड़ होने से नाराज थे। शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं करने पर यात्रियों ने टीटीई को कोच में ही घेर लिया। भरूच में समझाने आए जीआरपी और आरपीएफ जवानों को भी बैठा लिया। सूरत में जीआरपी ने शिकायत लिखी, तब यात्रियों ने टीटीई को छोड़ा।
सूरत में शिकायत लिखी गई, तब छोड़ा
घटनाक्रम की शुरुआत रात 11.30 बजे गोधरा से हुई, जब रिजर्वेशन कोच में बहुत ज्यादा अनरिजर्वड व लोकल यात्री चढ़ गए। इससे आरक्षण कराकर सफर करने वाले यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने बार-बार चेन पुलिंग करना शुरू कर दिया। तीन-चार बार ऐसा होने पर इंदौर से ड्यूटी पर चढ़े टीटीई धीरज हार्डिया, सुनील मीणा समझाने गए। यात्रियों ने उन्हें स्थिति दिखाकर परेशानी बताई, लेकिन टीटीई कुछ नहीं कर पाए। इससे यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने दोनों को कोच में ही घेर दिया। कुछ देर बाद एसी कोच में ड्यूटी कर रहे लालूराम वर्मा समझाने आए तो उन्हें भी बैठा लिया।
ड्यूटी भी चूक गए टीटीई, पुणे-ग्वालियर ट्रेन से लौटे
यात्रियों द्वारा बंधक बनाए जाने के कारण टीटीई की ड्यूटी भी छूट गई। उन्हें मुंबई सेंट्रल-इंदौर अवंतिका एक्सप्रेस में ड्यूटी करना थी, लेकिन यात्रियों ने उतरने ही नहीं दिया। ऐसे में रेलवे ने पुणे के स्टाफ को काम पर लगाया। वलसाड़ में उतरने के बाद तीनों टीटीई पुणे-ग्वालियर ट्रेन से लौटे।
जनरल के सिर्फ दो कोच थे
एस-8 कोच में अधिकांश यात्री उज्जैन में महाकाल के दर्शन कर मुंबई जा रहे थे। इसके अलावा जो दूसरे यात्री चढ़ गए थे। वे भी दर्शन करके लौट रहे थे। उज्जैन से ही भीड़ हो गई थी। गोधरा पहुंचते-पहुंचते बाथरूम तक जाने की जगह नहीं बची। इससे यात्री नाराज हो गए। ट्रेन में जनरल के दो, एसी के 10 और स्लीपर के 8 कोच थे।