नई दिल्ली। 1912 में समंदर में डूबे टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए 5 अरबपतियों को ले जाने वाली टाइटन पनडुब्बी दुर्घटना का शिकार हो गई और, उसमें सवार पांचों अरबपति यात्रियों की मौत हो गई है। पिछले कई दिनों से कई देशों के बचाव-दल उस लापता हुई पनडुब्बी को खोजने में जुटे थे। यूएस कोस्टगार्ड्स ने बताया कि गुरुवार, 22 जून को उसका मलबा टाइटैनिक के पास मिला, जिसके बाद पनडुब्बी की ऑनर कंपनी ओशनगेट ने हादसे की पुष्टि की।
रिपोर्ट के अनुसार, ओशनगेट कंपनी ने अपने बयान में कहा- हमने टाइटन पनडुब्बी में सवार सभी यात्रियों को खो दिया है। इस हादसे पर हम शोक व्यक्त करते हैं। दुख की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं उन पांचों यात्रियों के परिवारों के साथ हैं। हालांकि, यह दुखद हादसा हुआ कैसे, इस बारे में कंपनी ने अभी विवरण नहीं दिया। कुछ खोजकर्ताओं का मानना है कि जो पनडुब्बी रविवार, 18 जून की सुबह छह बजे उत्तर अटलांटिक महासागर में अपनी यात्रा के दौरान लापता हुई थी, उसके चालक दल के पास 4 दिन के लायक ही ऑक्सीजन थी। गुरुवार सुबह वो ऑक्सीजन खत्म हो गई थी।
टाइटैनिक से 1600 फीट दूर मिला पनडुब्बी का मलबा
अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने गुरुवार को कहा कि टाइटन पनडुब्बी में सवार सभी पांच लोग मारे गए हैं। लापता पनडुब्बी का मलबा टाइटैनिक के मलबे से 1600 फीट की दूरी पर मिला। यह जगह उत्तरी अटलांटिक महासागर में करीब 13000 फीट की गहराई पर स्थित है। यूएस कोस्ट गार्ड के फर्स्ट कोस्ट गार्ड डिस्ट्रिक्ट कमांडर एडमिरल जॉन माउगर ने बताया कि मलबा जहाज के विनाशकारी विस्फोट के अनुरूप है। अमेरिकी नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नौसेना को रविवार को मलबे वाले क्षेत्र में एक विस्फोट के अनुरूप आवाज सुनाई दी थी। यह वही जगह थी, जहां टाइटन पनडुब्बी गोता लगा रही थी।
गोता लगाने के 45 मिनट बाद टूट गया था संपर्क
टाइटन पनडुब्बी ने भारतीय समयानुसार रविवार शाम 7.30 बजे उत्तर अटलांटिक महासागर में गोता लगाना शुरू किया था। इसके ठीक 45 मिनट बाद टाइटन पनडुब्बी का संपर्क उसकी मदरशिप से टूट गया था। तब से ही इस पनडुब्बी की खोजबीन जारी थी। अमेरिका और कनाडा की नौसेनाएं और कई देशों के एक्सपर्ट्स इस पनडुब्बी की खोज में जुटे हुए थे। इस पनडुब्बी में 96 घंटे का ऑक्सीजन था। ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि शायद इस पनडुब्बी में मौजूद यात्री सुरक्षित हों।
5 दिनों तक चली खोज, नहीं बचा पाए खोजी
टाइटन पनडुब्बी के लापता होने की सूचना मिलते ही अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा समेत कई देशों के खोजकर्ताओं की टीम सर्च-ऑपरेशन में जुट गई थीं। हालांकि, 4 दिनों तक किसी को समुद्र में वो पनडुब्बी नहीं मिली। सर्च-ऑपरेशन को 96 घंटे बीत चुके थे और जैसा कि पहले बताया गया था- पनडुब्बी में 4 दिन के लायक ही ऑक्सीजन थी, वो खत्म हो चुकी थी। यूएस कोस्ट गार्ड ने एक बयान जारी किया, कि मध्य अटलांटिक महासागर में जहां 1912 में टाइटैनिक जहाज डूबा था, उसी के पास उन्हें पनडुब्बी का मलबा मिला है।
हादसे की कारणों को तलाश रहे
विशेषज्ञों के अनुसार मलबे के शुरुआती विश्लेषण से पता चला है कि टाइटन पनडुब्बी में विस्फोट हुआ और जिसके कारण वह डूब गई। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि विस्फोट इसके उपकरणों या ऑक्सीजन टैंक में हो सकता है। यह पनडुब्बी 4000 मीटर की गहराई तक गोता लगाने में सक्षम थी। इतनी गहराई पर दबाव सतह से 296 गुना ज्यादा होता है। अगर पनडुब्बी बहुत तेजी से नीचे गई होगी, तो भी विस्फोट की पूरी संभावना है। और, ये भी हो सकता है कि वो टाइटैनिक जहाज के मलबे से टकराकर फंस गई हो। ओशनगेट ने भी कहा है कि वह मलबे का विस्तृत विश्लेषण करने के बाद ही दुर्घटना के कारणों का खुलासा करेंगे ।
जुटाए गए सबूतों का किया जा रहा मूल्यांकन
अमेरिकी अधिकारियों ने 22 जून को एक ट्वीट कर हादसे के बारे में बताया- उन्होंने कहा कि ओशनगेट की टाइटन पनडुब्बी को खोजने का अभियान समाप्त हो गया है, उसमें 5 अरबपति यात्री सवार थे, दुर्भाग्य से वो अब जिंदा नहीं हैं। बहरहाल, वहां से जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर, जानकारी का मूल्यांकन किया जा रहा है। पनडुब्बी के ऑनर ने हादसे पर दुख जताते हुए उसमें सवार लोगों को सच्चा खोजकर्ता बताया और कहा कि उन यात्रियों में अद्भुत साहस और महासागरों की खोज के लिए खासा जुनून था।
कौन थे पनडुब्बी में सवार पांच अरबपति यात्री?
पनडुब्बी में सवार पांचों अरबपति यात्री टाइटैनिक जहाज के अवशेष को देखने के लिए गए थे। उस पनडुब्बी में ब्रिटिश-पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद (एंग्रो कोर्प के उपाध्यक्ष) और उनका बेटा सुलेमान, ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग, फ्रांसीसी पर्यटक पॉल-हेनरी नार्गियोलेट और ओशनगेट के सीईओ स्टॉकटन रश सवार थे।
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