जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले बाइडेन-मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता
-लैंड करते ही अमेरिकी राष्ट्रपति पहुंचे पीएम आवास
-पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच चली एक घंटे तक बातचीत
-यूएनएससी में स्थायी सीट को लेकर अमेरिका ने किया भारत का समर्थन
-आईआईटी और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के बीच हो रहा कोलेबरेशन
दिल्ली। जी-20 के शिखर सम्मेलन के लिए विश्वभर के राष्ट्राध्यक्ष भारत आ चुके हैं। आज और कल चलने वाले इस शिखर सम्मेलन पर पूरी दुनिया की नजरे बनी हुई हैं। ऐसे में जी-20 के शिखर सम्मेलन से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल हुई द्विपक्षीय मुलाकात पर पूरी दुनिया गौर कर रही है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में यूएनएससी में स्थायी सीट, क्वांटम एंटैंगलमेंट, स्पेस, एआई, रणनीतिक साझेदारी, न्यूक्लियर एनर्जी और इंडो-पैसिफिक जैसे बड़े मुद्दों पर चर्चा हुई है।
दरअसल शनिवार शाम दिल्ली लैंड करते ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन एअरपोर्ट से सीधे नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने पीएम आवास पर पहुंच गए। यहां पर दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस वार्ता के बाद दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने साझा बयान जारी कर बताया कि भारत और अमेरिका के बीच कई पक्षों में साझेदारी आगे बढाने को लेकर सहमती बनी है। वहीं बाइडेन ने मीडिया से बातचीत करते हुए भारत को जी-20 की अध्यक्षता और चंद्रयान-3 की चांद की सतह पर सफल लैंडिंग के लिए बधाइयां दी और अभिनन्दन भी किया। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने जो बाइडेन को क्वाड समिट 2024 के लिए आमंत्रित किया।
इस बैठक में सबसे खास मुद्दा रहा भारत के लिए यूएनएससी में स्थायी सीट, जिस पर अमेरिका ने भी सहमती जताई है। वहीं क्वांटम एंटैंगलमेंट टेक्नोलॉजी के विस्तार पर भी दोनों पक्षों के बीच सहमती बनी है।दरअसल, क्वांटम एंटैंगलमेंट एक्सचेंज प्रोग्राम कार्यक्रम के तहत क्वांटम टेक्नोलॉजीज के क्षेत्र में छात्रों, रिसर्चर्स और प्रोफेशनल्स के आदान-प्रदान आसान बनाने का उदेश्य है। बता दें कि अमेरिका ने क्वांटम इकोनॉमिक डेवलपमेंट कंसोर्टियम के सदस्य के रूप में भारत के एसएन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज कोलकाता की भागीदारी का स्वागत किया है।
गौरतलब है कि साझा बयान में आगे बताया गया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे अमेरिका से अंतरराष्ट्रीय भागीदार के रूप में शिकागो क्वांटम एक्सचेंज में शामिल हुआ है। वहीं इस बात पर भी जोर रहा की बायो टेक्नोलॉजी और बायो मैन्युफैक्चरिंग में दोनों देश जल्द एक व्यवस्था समझोते पर हस्ताक्षर करेंगे। इस दौरान सेमी कंडक्टर, नेक्स्ट जनरेश कम्युनिकेशन, साइबर सिक्योरिटी, ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे उपक्रमों पर दोनों देस्ख साथ आकर काम करेंगे।
टेक्नोलॉजी में साथ आगे बढ़ेंगे दोनों देश
जी-20 के शिखर सम्मेलन से पहले हुई भारत और अमेरिका की इस द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों की टेक्नोलॉजीकल ताकत को और बढ़ावा देने पर जोर रहा। बयान में बताया गया कि सेमीकंडक्टर अनुसंधान, अगली पीढ़ी की संचार प्रणालियों, साइबर सुरक्षा, स्थिरता और हरित प्रौद्योगिकियों और बुद्धिमान परिवहन प्रणालियों में अकादमिक और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एनएसएफ और भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी प्रस्तावों के आह्वान का स्वागत किया है। सेमी कंडक्टर के साथ अकादमिक, इंडस्ट्रियल कोलेबरेशन और इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम के बारे में भी व्यापक बातचीत हुई है।
आईआईटी और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के बीच हो रहा कोलेबरेशन
जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देशों के शिक्षण संस्थानों के बीच एक व्यापक और महत्पूर्ण कोलेबरेशन की जानकारी दी गई। बताया गया कि किस तरह क्रिटिकल और इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज के क्षेत्र में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी-टंडन और आईआईटी कानपुर एडवांस्ड रिसर्च सेंटर और बफेलो की स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के संयुक्त अनुसंधान केंद्र और आईआईटी दिल्ली, कानपुर, जोधपुर और बीएचयू के बीच साझेदारी में अनुसंधान और शैक्षणिक कार्य प्रगति पर है।
मीटिंग के बाद पीएम मोदी ने किया सोशल मीडिया पोस्ट
पीएम आवास पर हुई बाइडेन से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट कर इस बैठक के बारे में कहा कि- ‘हमारी बैठक काफी प्रोडक्टिव थी। हमने कई मुद्दों पर चर्चा की। जो भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ाएंगी। यह वैश्विक भलाई और दोनों देशों की दोस्ती में अहम भूमिका निभाएगी।’ वहीं यह स्पष्ट था की दोनों नेताओं ने इस बात पर फिर से जोर दिया कि स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानवाधिकार, समावेशन, बहुलवाद और सभी नागरिकों के लिए समान अवसर के साझा मूल्य दोनों देशों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं और ये मूल्य हमारे रिश्ते को और भी ज्यादा मजबूती देंगे।
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