जी-20 के मेहमानों को दिए भारतीय संस्कृति से जुड़े तोहफे
-दिल्ली में हुआ दो दिवसीय जी-20 सम्मलेन
– मेहमानों को कश्मीरी पश्मीना से लेकर कन्नौज का इत्र तक किया गया गिफ्ट
-ऋषि सुनक की पत्नी को बनारसी स्टोल भेंट किया
– शीशम की लकड़ी से बनाए गए संदूक को गिफ्ट किया
दिल्ली। भारत ने भव्य रूप से जी-20 समिट का सफल आयोजन किया। देश की राजधानी दिल्ली में हुए इस दो दिवसीय सम्मलेन ने पूरी दुनिया का ध्यान भारत की और आकर्षित कर लिया। इस समिट में वैश्विक मुद्दों अपर चर्चा के साथ भारत की विश्वगुरु की छवि को और भी ज्यादा ताकत दी है। वहीं जी-20 समिट के समापन के बाद दुनियाभर से आए नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे तोहफे दिए की सबका डील जीत लिया।
बता दें कि जी-20 के मेहमानों को कश्मीरी पश्मीना से लेकर कन्नौज में बनने वाला जिगराना इत्र तक अनेक शानदार गिफ्ट दिए गए हैं। तोहफे देते समय इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि सभी तोहफे भारत की संस्कृति को दर्शाते हों।
आइए जानतें हैं इन तोहफों के बारे में
पीतल की पट्टी के साथ शीशम की लकड़ी का संदूक
जी-20 के मेहमानों को पीएम मोदी ने शीशम की लकड़ी से बनाए गए संदूक को गिफ्ट किया। इस पर पीतल की पट्टी लगाई गई थी। संदूक भारत की संस्कृति और लोक कथाओं में एक विशेष स्थान रखता है। पहले इसका इस्तेमाल खजाना रखने के लिए होता था।
दुनिया का सबसे महंगा मसाला केसर
जी-20 नेताओं को कश्मीरी केसर भी दिया गया है। केसर दुनिया का सबसे महंगा मसाला है। इसे फारसी में जाफरान के नाम से भी जाना जाता है। केसर एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। ये सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।
दुनिया की सबसे कीमती चाय
दार्जिलिंग चाय दुनिया की सबसे कीमती चाय है। इसे 3000-5000 फीट की ऊंचाई पर तैयार किया जाता है। वहीं, नीलगिरि चाय की खेती दक्षिण भारत में होती है। इसे 1000-3000 फीट की ऊंचाई पर उगाया जाता है।
कन्नौज मशहूर इत्र
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में सबसे अच्छा जिगराना इत्र मिलता है। इसे सदियों पुरानी परंपरा के हिसाब से तैयार किया जाता है। कारीगर इस इत्र को चमेली और गुलाब जैसे फूलों से तैयार करते हैं।
खादी का स्कार्फ
इस स्कार्फ को कपास, रेशम, जूट या ऊन से बनाया जाता है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सबसे महत्वपूर्ण प्रतीकों में से एक खादी भी है। महात्मा गांधी ने भारतवासियों को वेस्टर्न कपड़ों को छोड़कर खादी के इस्तेमाल की लिए प्रेरित किया था।
सरकार की तरफ से जारी किए गए कॉइन-बॉक्स
पीएम मोदी ने 26 जुलाई 2023 को विशेष जी-20 डाक टिकट और सिक्के जारी किए थे। इसे भारत की जी-20 अध्यक्षता के उपलक्ष्य में किया गया था। इनके डिजाइन भारत के जी-20 लोगो और श्वसुधैव कुटुंबकमश् की थीम पर हैं।
सुंदरबन का शहद
जी-20 के मेहमानों को गिफ्ट में सुंदरबन का शहद भी दिया है। बता दें कि सुंदरबन दुनिया का सबसे बड़ा सदाबहार वन है। यहां जंगली मधुमक्खियां होती हैं। सुंदरबन का शहद 100 फीसदी शुद्ध होने के साथ ही बहुत स्वादिष्ट होता है। इसमें फ्लेवोनोइड्स की मात्रा अधिक होती है। ये शहद सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है।
फेमस कश्मीरी पश्मीना शॉल
कश्मीरी पश्मीना शॉल पूरी दुनिया में अपनी शानदार कपडे के लिए प्रसिध्द है। इस शॉल को बेहद दुर्लभ ऊन से बनाया जाता है। यह ऊन चांगथांगी भेड़ से मिलता है। इसके लिए भेड़ के बालों की कटाई नहीं की जाती। उसे कंधी किया जाता है। चांगथांगी भेड़ सिर्फ 14,000 फीट की ऊंचाई पर पाई जाती है। पश्मीना शॉल को कुशल कारीगर सदियों पुरानी प्रक्रियाओं से तैयार करते हैं। इसे पूरी तरह हाथ से बनाया जाता है।
आंध्र प्रदेश में उगाई जाने वाली अराकू कॉफी
अराकू कॉफी दुनिया की पहली टेरेइर मैप्ड कॉफी है। यह आंध्र प्रदेश की अराकू घाटी में जैविक बागानों में उगाई जाती है। इसकी खेती बिना रसायनों के इस्तेमाल से की जाती है। अराकू कॉफी की सुगंध बेहद खास होती है। यह अपने स्वाद के लिए प्रसिद्ध है।
ब्राजील के राष्ट्रपति की पत्नी को दिया पश्मीना स्टोल
पीएम मोदी ने दौरे पर आए जी20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों, नेताओं और उनके परिवार को भी भारत की समृद्ध संस्कृति की प्रतीक हस्तनिर्मित कलाकृतियां भेंट कीं गई। बता दें कि भारत सरकार ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा की पत्नी रोजांगेला दा सिल्वा को पपीयर माचे बॉक्स में कश्मीरी पश्मीना स्टोल भेंट किया।
राजशाही का प्रतीक रहा है पश्मीना
सदियों से पश्मीना राजशाही का प्रतीक रहा है। साम्राज्ञियों की पसंदीदा होने से लेकर आधुनिक फैशनपरस्तों की शोभा बढ़ाने तक। इन स्टोल की उत्कृष्ट सुंदरता और एहसास को पीढ़ियों से महिलाओं द्वारा पसंद किया गया है। इसके अलावा, स्टोल को पेपर माचे बॉक्स में प्रस्तुत किया गया था जो जम्मू और कश्मीर के सबसे नाजुक, सजावटी और प्रसिद्ध शिल्पों में से एक है। शिल्प कौशल की उत्कृष्ट कृति, यह कागज की लुगदी, चावल के भूसे और कॉपर सल्फेट के मिश्रण से बनाई गई है।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की पत्नी को भेंट किया असम स्टोल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो की पत्नी इरियाना जोको विडोडो को कदम वुड बॉक्स में असम स्टोल उपहार में दिया। असम स्टोल पूर्वोत्तर राज्य असम में बुने जाने वाले पारंपरिक कपड़े हैं। इस स्टोल को मुगा रेशम का उपयोग करके कुशल कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है। ये स्टोल अपने जटिल डिजाइन और रूपांकनों के लिए जाने जाते हैं जो अक्सर क्षेत्र के प्राकृतिक परिवेश से प्रेरणा लेते हैं, जो अक्सर वनस्पतियों और जीवों जैसे तत्वों को प्रदर्शित करते हैं।
बता दें कि असम स्टोल सिर्फ परिधान नहीं हैं, वे असमिया लोगों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उनकी बुनाई परंपराओं का प्रतीक हैं। यह एक शानदार सांस्कृतिक विरासत और कलात्मक विरासत के बराबर है। असम स्टोल कदम लकड़ी के बक्से में प्रस्तुत किया गया था। कदम (बर्फ्लावर पेड़) की लकड़ी को भारतीय संस्कृति में शुभ माना जाता है और भारतीय धर्मों और पौराणिक कथाओं में इसकी विशेषता है। इस बॉक्स को कर्नाटक के कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है।
जापान की पत्नी को कांजीवरम स्टोल
पीएम मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की पत्नी युको किशिदा को कांजीवरम स्टोल भी भेंट किया। कांजीवरम रेशम रचनाएं भारतीय बुनाई की एक सच्ची कृति हैं, जो अपने समृद्ध और जीवंत रंगों, जटिल डिजाइनों और अद्वितीय शिल्प कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं। कांजीवरमश् का नाम तमिलनाडु के एक छोटे से गांव कांचीपुरम से लिया गया है, जहां से इस शिल्प की उत्पत्ति हुई थी।? यह स्टोल शुद्ध शहतूत रेशम के धागों से कुशल बुनकरों द्वारा हस्तनिर्मित किया जता है। यह बहुत टिकाऊ और मजबूत कपड़ा है। साथ ही, इसमें रानी जैसी सुंदरता, परिष्कार और अनुग्रह झलकता है। यह स्टोल कदम लकड़ी जाली बॉक्स में पेश किया गया था।
ऋषि सुनक की पत्नी को बनारसी स्टोल भेंट किया
इसके अलावा, पीएम मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति को कदम वुड बॉक्स में एक खूबसूरत बनारसी स्टोल भेंट किया। बनारसी रेशम के स्टोल भारत के खूबसूरत खजाने हैं। वाराणसी में हस्तनिर्मित, वे सपनों की तरह नरम हैं। शानदार रेशम के धागे जटिल पैटर्न बनाते हैं, जो शहर की सांस्कृतिक समृद्धि और इसकी बुनाई विरासत को दर्शाते हैं। बनारसी रेशम के स्टोल शादियों और विशेष अवसरों के लिए पसंद किए जाते हैं।
वे पहनने वाले पर राजसी अनुग्रह जोड़ते हैं। उनकी चमकदार बनावट और जीवंत रंग उन्हें प्रतिष्ठित फैशन सहायक उपकरण बनाते हैं। चाहे कंधों पर लपेटा जाए या हेडस्कार्फ के रूप में पहना जाए, ये स्टोल कालातीत आकर्षण दर्शाते हैं। श्बनारसीश् उपमहाद्वीप में हर अच्छी तरह से तैयार महिला की अलमारी में सबसे बेशकीमती संपत्तियों में से एक है। यह स्टोल कदम लकड़ी के बक्से में पेश किया गया था। कदम की लकड़ी को भारतीय संस्कृति में शुभ माना जाता है और भारतीय धर्मों और पौराणिक कथाओं में इसकी विशेषता है। इस बॉक्स को कर्नाटक के कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है।
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