बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट पर लगी भ्रष्टाचार की दीमक
गंगा नदी पर 1710 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा पुल टूटा
– भागलपुर के सुल्तानगंज को खगड़िया से जोड़ने के लिए किया जा रहा निर्माण
– 14 महीने पहले भी निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिर गया था
– मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
भागलपुर। बिहार में गंगा नदी पर 1710 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा फोरलेन सुल्तानगंज-अगुआनी घाट पुल रविवार शाम को एक बार फिर ताश के पत्तों की तरह ढह गया। दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट का ये हाल पहली बार नहीं हुआ है, करीब 14 महीने पहले भी इस निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया था, जिसके बाद इसके निर्माण कार्य को लेकर कई सवाल खड़े किए गए थे, साथ ही सरकार ने जांच के आदेश भी दिए थे, लेकिन इसकी जांच रिपोर्ट आज तक सामने नहीं आई।
इसी बीच रविवार शाम को सुल्तानगंज को खगड़िया से जोड़ने वाले इस पुल पर सुपर स्ट्र्क्चर फिर ढह गया। मुख्यमंत्री नितिश कुमार ने एक बार फिर जांच के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि इस पुल को बनाने का ठेका एसपी सिंगला कंस्ट्र्क्शन कंपनी को 1710.77 करोड़ रुपए में दिया गया है।
गंगा नदी में समाए अगवानी.सुल्तानगंज महासेतु के तीन पिलर
जानकारी के मुताबिकए पिलर नंबर 9 से 11 के बीच पुल निर्माण में कम से कम 30 स्लैब ध्वस्त हो गए। इनकी लंबाई करीब 100 फीट थी। इस पुल की अनुमानित लागत 1ए710 करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुल गिरने की जांच के आदेश दिए हैंए साथ ही इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं।
14 महीने में दूसरी बार गिरा पुल का हिस्सा
इसी निर्माणाधीन पुल के गिरने की यह दूसरी घटना है। 29 अप्रैल 2022 में इसके पिलर नंबर 4, 5 और 6 ढह गए थे। इस घटना के पीछे ढीले केबल स्टैंड को कारण बताया गया था। हालांकि उस समय लोगों के एक वर्ग ने 2022 में हुए हादसे के लिए घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल को जिम्मेदार ठहराया था।
पुल गिरने पर मुख्यमंत्री नाराज, जांच के आदेश
पुल के गिरने की लाइव तस्वीरें लोगों ने अपने मोबाइल में कैद की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत से मामले की डिटेल जानकारी ली। उन्होंने पुल के सुपर स्ट्रक्चर के गिरने की घटना की जांच कराने के बाद दोषियों पर कठोर कार्रवाई की निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव ने देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हालात की जानकारी दी। बताया जा रहा है कि एक गार्ड लापता है। रविवार होने की वजह से पुल पर काम नहीं चल रहा था।
2019 में बनकर होना था तैयार
अगुवानी-सुल्तानगंज पुल 2019 में ही बनकर तैयार होना था। पिछले साल 29 अप्रैल की रात आंधी आने के कारण पिलर संख्या 4, 5 और 6 को जोड़ने वाला सुपरस्ट्र्क्चर गिर गया था। इसके बाद एक साल के लिए उेडलाइन को बढ़ा दिया गया। बाद में फाइनल डेडलाइन दिसंबर-2023 कर दी गई, लेकिन अब एक बार फिर से पुल का ढांचा गिर गया।
उत्तरी बिहार को दक्षिणी हिस्से से जोड़ेगा ये पुल
इस निर्माणाधीन पुल की लंबाई 3.16 किमी है। ये बिहार के उत्तरी भाग (NH 31) को दक्षिणी भाग से जोड़ने वाला एक और पुल होगा। भागलपुर में गंगा नदी पर बनने वाला ये दूसरा पुल होगा। इस पुल के बनने से सुल्तानगंज, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा और सुपौल के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
8 साल से बन रहा गंगा नदी पर पुल
– गंगा नदी पर सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का 8 साल से चल रहा निर्माण।
– पुल निर्माण का काम 2 मई 2015 से शुरू हुआ था।
– 29 अप्रैल 2022 को भी पुल का एक हिस्सा गिर गया था।
– फोरलेन पुल की लंबाई 3.16 किलोमीटर है।
– पुल की कुल लागत 1710.77 करोड़ रुपए है।
– पुल के पहुंच पथ का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।