क्या हुआ था 14 अगस्त 1947 की रात?
– 14 अगस्त की रात डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में भारतीय विधान परिषद् का 5वां अधिवेशन हुआ था
– 12 बजते ही निर्धारित विधि से सदस्यों ने ग्रहण की थी शपथ
– लार्ड माउंटबेटन बने आजाद भारत के पहले गवर्नर जनरल
नई दिल्ली। 14 अगस्त, 1947 की इस तारीख को आधी रात में भारत ने नए युग में प्रवेश किया। इसी दिन ब्रिटिश शासन की दो दशक लंबी क्रूर अवधि से निकलकर भारत ने स्वतंत्रता का नया सूरज देखा था। तत्कालीन भारतीय विधान परिषद की आधी रात में बैठक हुई और भारत की आजादी का ऐलान हुआ। फिर परिषद के सदस्यों राजेंद्र प्रसाद, जवाहर लाल नेहरू समेत तमाम प्रमुख हस्तियां संविधान सभा भवन में शपथ ली।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में अधिवेशन की शुरुआत
नई दिल्ली के कॉन्सिट्यूशन हाउस में यह भारतीय विधान परिषद् का 5वां अधिवेशन था। रात केे 11 बजे परिषद के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में अधिवेशन की शुरुआत वन्दे मातरम् के गान से हुई। सुचिता कृपलानी ने वन्दे मातरम् गान का पहला पद गाया। इसके बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने आखिर में भारत के उन वीरों को श्रद्धांजलि प्रदान की, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण गवाएं।
जवाहरलाल नेहरू ने पेश किया प्रस्ताव
सबसे पहले अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू से सदस्यों के शपथ ग्रहण संबंधी प्रस्ताव पेश करने को कहा गया। अध्यक्ष के निर्देश पर नेहरू ने प्रस्ताव पेश करते हुए अपना लंबा वक्तव्य रखा।
12 बजते ही सदस्यों ने ली शपथ
डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा, अभी हमने यह निश्चय किया है कि 12 बजते ही हम प्रतिज्ञा ग्रहण करेंगे। पहले मैं अपनी भाषा में इसका एक-एक वाक्य पढ़ता जाऊंगा और आशा है कि वे सदस्य जो उस भाषा को जानते हैं, उसको दोहराते जाएंगे। प्रतिज्ञा ग्रहण करने के समय कृपया सदस्य खड़े हो जाएंगे, पर दर्शक बैठे रहेंगे। 12 बजने में ठीक आधा मिनट बाकी हैं। बस घड़ी के 12 की घंटी देने की मैं प्रतीक्षा ही कर रहा हूं। घड़ी के 12 बजाते ही अध्यक्ष और सदस्यगण खड़े हो गए और पूर्व निर्धारित विधि से शपथ ली। अध्यक्ष ने प्रतिज्ञा का एक-एक वाक्य पहले हिंदी में और फिर अंग्रेजी में पढ़ा और सदस्यों ने उसे दोहराया।
ब्रिटिश साम्राज्य का अंत
इसके साथ ही भारतीय विधान परिषद् ने ब्रिटिश साम्राज्य के हाथों से भारत की सत्ता अपने हाथों में ले ली। आजाद भारत की पहली सरकार ने लॉर्ड माउंबेटन को गवर्नर जनरल नियुक्त किए जाने का फैसला किया। अध्यक्ष बोले 15 अगस्त सन् 1947 ई. से लार्ड माउंटबेटन भारत के गवर्नर जनरल हों, और यह संदेश अध्यक्ष और जवाहरलाल नेहरू द्वारा माउंटबेटन के पास पहुंचाया जाए। मैं मान लेता हूं कि सभा इसे स्वीकार करती है। प्रस्ताव स्वीकृत हुआ।
सभा भवन में पहुंचा राष्ट्रीय ध्वज
इस प्रक्रिया के बाद संविधान सभा में भारत का राष्ट्रीय झंडा लाया गया। अध्यक्ष बोले, अब भारतीय महिला समाज की ओर से श्रीमती हंसा मेहता राष्ट्रीय पताका भेंट करेंगी। इस पर हंसा मेहता ने राष्ट्रीय झंडा भेंट कर उन महिलाओं की सूची सौंपी, जिन्होंने इस महोत्सव में सम्मिलित होने की इच्छा प्रकट की।
राष्ट्रगान के बाद 15 अगस्त तक सभा स्थगित
सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा… और जन-गण-मन अधिनायक जय हो… शीर्षक कविताओं की चंद पंक्तियां सुचिता कृपलानी द्वारा गाईं गई। उसके बाद सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने सभा को शुक्रवार 15 अगस्त सन् 1947 ई. को प्रातः 10 बजे के लिए स्थगित किया।
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