कश्मीरी आतंकी यासीन मलिक की पत्नी बनी पाक पीएम की विशेष सलाहकार
-पाकिस्तान में बैठकर मुशाल हुसैन अक्सर देती है भारत विरोधी बयान
– आतंकी फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है यासीन
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में शहबाज सरकार ने अपना कार्यकाल खत्म होने के तीन दिन पहले ही राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को अर्जी भेज कर पाकिस्तानी संसद भंग करा दी थी। वहीं संसद भंग होने के बाद पाकिस्तान को केयरटेकर प्रधानमंत्री नियुक्त करना था। पाकिस्तान के केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर के रूप में अनवार-उल-हक काकड़ को चुना गया। वहीं, गुरुवार को उन्होंने अपने कैबिनेट का भी ऐलान किया। इसके बाद 16 मंत्रियों और 3 सलाहकारों को शपथ दिलाई गई।
चैंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान के टीवी चैनल ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक कश्मीर के आतंकी यासीन मलिक की पाकिस्तानी मूल की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक को स्पेशल एडवाइजर टू प्राइम मिनिस्टर के पद पर नियुक्त किया गया है। उनके अलावा चार और लोगों को स्पेशल एडवाइजर बनाए गए हैं। इनमें सीनियर जर्नलिस्ट मुर्तजा सोलंगी भी शामिल हैं। दरअसल, पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक दोहरी नागरिकता वाले व्यक्ति को सरकार में एडवाइजर बनाया जा सकता है, लेकिन उसे फुल टाइम मिनिस्टर नहीं नियुक्त किया जा सकता। सूत्रों के अनुसार मुशाल के पास पाकिस्तान के साथ ब्रिटेन की भी नागरिकता है।
पाकिस्तान में इसी साल होने हैं चुनाव
कैबिनेट मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ ही सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में केयरटेकर सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। केयरटेकर सरकार ही पाकिस्तान में आम चुनाव कराने की जिम्मेदारी निभाएगी। पाकिस्तान में इसी साल आम चुनाव होने हैं।
पाकिस्तान से कश्मीर पर देती है भड़काऊ बयान
मुशाल इससे पहले भी अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रह चुकी हैं। पाकिस्तान में बैठकर मुशाल अक्सर भारत विरोधी बयान देती रहती है। वहीं पिछले दिनों आई फिल्म कश्मीर फाइल्स पर उसने कहा था- “कश्मीर पूरी तरह से पाकिस्तान का है और हम इसे लेकर रहेंगे।” बता दें कि पाकिस्तान से वो अपने आतंकी पति की रिहाई की भी मुहिम चलाती रही है। इसमें उसका साथ उसकी बेटी भी दे रही है, जो इस वक्त ब्रिटेन में रहती है।
कौन है यासीन मलिक?
यासीन मलिक एक कश्मीरी आतंकी और अलगाववादी नेता है। वह जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का मुख्य चेहरा माना जाता है। अलगाववादी यासीन मलिक को पिछले साल 24 मई को एनआईए कोर्ट ने आतंकी फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। यासीन मलिक को ट्रायल कोर्ट ने यूएपीए की धारा 121 और धारा 17 (आतंकी फंडिग) के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
वहीं उसे दो अलग-अलग मामलों में उम्रकैद की सजा मिली है। उस पर युवाओं को आतंकवाद के लिए उकसाने और पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए फंडिंग और आतंकियों को हथियार मुहैया कराने से जुड़े कई केस दर्ज हैं।
मालिक ने कराया था वायुसेना के जवानों पर हमला
मलिक पर यहा भी आरोप है की उसने 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर में एयरफोर्स के जवानों पर आतंकी हमला करवाया था। इस घटना में 40 लोग घायल हुए थे, जबकि चार जवान शहीद हो गए थे। स्क्वॉड्रन लीडर रवि खन्ना इनमें से एक थे। यह सभी एयरपोर्ट जाने के लिए गाड़ी का इंतजार कर रहे थे, तभी आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया था।
गौरतलब है कि मलिक ने एक इंटरव्यू में हमले की बात कबूल की थी। इसके अलावा मलिक पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण के भी आरोप लगे थे। 1990 में कश्मीरी पंडितों की हत्या कर उन्हें घाटी छोड़ने पर मजबूर करने में भी यासीन को मुख्य आरोपी माना जाता है।
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