पूर्व सीएम कमलनाथ के भांजे के सहयोगी पर ईडी ने कसा शिकंजा
-नितिन भटनागर पर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
-सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने की थी शिकायत
-कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी पर 354 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड का आरोप
-अभी जमानत पर बाहर हैं रतुल पुरी
नई दिल्ली। बैंक ऑफ सिंगापुर के पूर्व रिलेशनशिप मैनेजर नितिन भटनागर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया है। बता दें यह मामला चार साल पुराना है जब मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे और मोजर बेयर कंपनी के पूर्व निदेशक रतुल पुरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था।
ईडी की ओर से मोयर बेयर कंपनी के 354 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड मामले में पुरी पर कार्रवाई की जा रही है। अब इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने नितिन भटनागर को भी गिरफ्तार किया है। ईडी को शंका है कि मोयर बेयर कंपनी के 354 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड मामले में रतुल पुरी के साथ नितिन भटनागर का भी हाथ था।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने की थी शिकायत
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर सीबीआई ने रतुल पुरी समेत 4 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले में ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर पुरी को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, रतुल पुरी ने 2012 में मोजर बेयर के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके पिता दीपक पुरी और मां नीता पुरी अभी भी कंपनी के बोर्ड में बने हुए हैं। सीबीआई ने दीपक, नीता के अलावा मोजर बेयर से संबंधित संजय जैन और विनीत शर्मा के खिलाफ भी केस दर्ज किया था। सभी के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई भी की गई थी।
यूरोपीय देश माल्टा का नागरिक है भटनागर
जानकारी के अनुसार, भटनागर यूरोपी देश माल्टा का नागरिक है। भटनागर को ईडी ने स्थानीय अदालत में पेश किया, जहां से उसे 31 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया। पूरा मामला तब सामने आया जब सीबीआई ने अगस्त 2019 में एफआईआर दर्ज की। एफआईआर में लिखा था कि मोजर बेयर इंडिया लिमिटेड (एमबीआईएल) और उसके प्रमोटरों ने कथित तौर पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से लिए गए 354.51 करोड़ के ऋण में धोखाधड़ी की है। बैंक ने इसकी शिकायत सीबीआई से की थी।
जमानत पर बाहर हैं रतुल पुरी
बैंक द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद सीबीआई और ईडी ने रतुल पुरी, उनके पिता दीपक पुरी, उनकी मां नीता पुरी (कमलनाथ की बहन) सहित कुछ अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। ईडी में 2019 में पुरी को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह अबतक जमानत पर बाहर हैं। रतुल पुरी पर उनके पिता के खिलाफ एमबीआईएल के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक के रूप में मामला दर्ज हुआ था।
बता दें, कंपनी कॉम्पैक्ट डिस्क, डीवीडी और सॉलिड स्टेट स्टोरेज डिवाइस सहित अन्य उत्पादों का निर्माण करती थी। रतुल पुरी के खिलाफ फिलहाल तीन केंद्रीय एजेंसियों, ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जांच कर रही हैं। वहीं, कमलनाथ ने मामले में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है।
‘भांजे के कारोबार से संबंध नहीं’
कमलनाथ का कहना है कि भांजे के कारोबार से मेरा कोई संबंध नहीं है। यह कार्रवाई पूरी तरह दुर्भावनापूर्ण लग रही है। पूरा भरोसा है कि अदालत उचित फैसला करेगी। उधर, मोजर बेयर ने ईडी की कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कंपनी का कहना है कि उसने कानून के मुताबिक काम किया। उसका केस अभी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में है। ऐसे में गिरफ्तारी की कार्रवाई प्रायोजित है।
गलत जानकारी देने के भी आरोप
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने फोरेंसिक ऑडिट के बाद अप्रैल में मोजर बेयर के खाते को फ्रॉड घोषित किया था। बैंक का कहना था कि मोजर बेयर 2009 से लोन ले रही थी। कई बार कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग करवाई। आरोप हैं कि कंपनी के निदेशकों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक से फंड जारी करवाया। मोजर बेयर, इसके निदेशकों और प्रमोटरों ने कारोबारी लोन का निजी इस्तेमाल किया। कंपनी की बैलेंस शीट में भी गलत जानकारी दी।
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में भी रतुल पुरी पर आरोप
रतुल अगस्ता वेस्टलैंड मामले में भी जांच के घेरे में हैं। रतुल पर उनकी कंपनी के जरिए कथित तौर पर रिश्वत लेने का आरोप है। ईडी का आरोप है कि रतुल के स्वामित्व वाली कंपनी से जुड़े खातों का उपयोग रिश्वत लेने के लिए किया गया। 3600 करोड़ रुपए की अगस्तावेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील से जुड़े घोटाले में भी पुरी पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। इस मामले में रतुल की अग्रिम जमानत अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी।
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