इस्काॅन ने स्पिरिचुअल और मोटिवेशनल स्पीकर अमोघ लीला दास पर लगाया बैन
– स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस पर की थी अपमानजनक टिप्पणी
– वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने मुकदमा दर्ज करने की मांग
– एक महीने का बैन लगने के बाद गोवर्धन की पहाड़ियों में रहेंगे अमोघ दास
नई दिल्ली। इस्कॉन ने इंजीनियर से संत बने अमोघ लीला दास पर बड़ी कार्रवाई की है। इस्कॉन ने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर अमोघ लीला दास पर एक महीने का प्रतिबंध लगा दिया है।
दरअसल, कुछ दिन पहले अमोघ लीला दास कोलकाता में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यहां उन्होंने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि मछली खाने वाला कोई भी इंसान सिद्धपुरुष कैसे हो सकता है। उनके दिल में तो दयाभाव होती है। ऐसे में कोई भी महान इंसान मछली कैसे खा सकता है। इतना ही नहीं, अमोघ लीला दास ने विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर भी गलत और अपमानजनक बयान दिया था।
वीडियो वायरल होने पर शुरू हुआ विरोध
इसी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर अमोघ लीला के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी। लोगों उनके इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की। वहीं बंगाल में भी अमोघ लीला का विरोध शुरू हो गया। इसके बाद इस्कॉन ने उन पर एक महीने का प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की। अमोघ दास एक महीने तक गोवर्धन की पहाड़ियों में रहेंगे और तत्काल प्रभाव से खुद को सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह अलग कर लेंगे।
इस्कॉन मंदिर प्रवक्ता ने दी सफाई
इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि संत अमोघ के बयान से हम सभी दुखी हैं। उनके बयानों से लोगों की भावना को ठेस पहुंची है, इसलिए उन पर एक महीने का बैन लगाया जा रहा है। उनका यह बयान बर्दाश्त के लायक नहीं है। इसे कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हम अमोघ द्वारा की गई टिप्पणी को पूरी तरह से गलत मानते हैं। हमें नहीं पता कि ऐसे बयान क्यों और किस संदर्भ में दिए गए हैं। हम सभी धर्मों, आस्थाओं और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर से संत बने अमोघ लीला दास
अमोघ दास लीला एक स्पिरिचुअल और मोटिवेशनल स्पीकर हैं। अमोघ लीला दास का असली नाम आशीष अरोड़ा है। उनका जन्म 1980 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था। आशीष अरोड़ा उर्फ अमोघ दास संत बनने से पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। उन्होंने 2004 में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद वह नौकरी के लिए अमेरिका चले गए। 2010 में वे कॉरपोरेट की दुनिया को छोड़ भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में आ गए।
29 साल की उम्र में इस्काॅन से जुड़े थे
अमोघ दास 29 साल की उम्र में वो इस्कॉन में शामिल हो गए और कृष्ण ब्रह्मचारी बन गए। वह 12 सालों तक इस्कॉन से जुड़े रहे। 43 वर्षीय दास इस समय इस्कॉन के द्वारका चैप्टर के वाइस प्रेसिडेंट हैं। संत अमोघ सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। उनके सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हैं। वह धर्म और मोटिवेशन से जुड़ी बातों को सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं।