इसरो ने चौथी बार चंद्रयान-3 की ऑर्बिट बदली
-चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की अंतिम कवायद पूरी की
– अंतरिक्ष यान चंद्रमा की गोलाकार कक्षा में आया
– 17 अगस्त को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होगा लैंडर
– भारत के खाते में जुडे़गी एक और उपलब्धि
– चांद की सतह पर पानी की खोज करेगा लैंडर
भारत का चंद्रयान-3 अब चांद को चूमने के बिल्कुल करीब पहुंच चुका है। जी हां, एक हफ्ते बाद भारत का यान चांद पर होगा। बता दें कि चंद्रयान-3 ने बुधवार को चन्द्रमा की कक्षा में 5वें और अंतिम चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया है। जिससे यह चन्द्रमा की सतह से ओर भी करीब आ गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज यानी 16 अगस्त को चौथी बार चंद्रयान-3 की ऑर्बिट बदली है। यान अब चंद्रमा की करीब-करीब गोलाकार कक्षा में आ गया है। इसके लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने यान के थ्रस्टर पर कुछ देर के लिए फायर किए।
इसरो ने ट्वीट कर दी जानकरी
इसरो ने एक ट्वीट में बताया कि आज इंजन को सफलतापूर्वक ऑन करने के बाद उसने चांद की तरफ जाने वाली एक ऑर्बिट को पूरा कर लिया है। 17 अगस्त चंद्रयान-3 के लिए काफी अहम दिन होने वाला है। इस दिन चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर से अलग किया जाएगा। इसके बाद फिर इसे चांद की सतह पर लैंड किया जाएगा। यदि सब ठीक रहता है तो लैंडर 23 अगस्त को अपने तय समय के मुताबिक चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर जाएगा।
चंद्रयान ऐसी कक्षा में घूम रहा है जिसमें उसकी चंद्रमा से सबसे कम दूरी 153 किमी और सबसे ज्यादा दूरी 163 किलोमीटर है। गौरतलब है कि चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिन तक रिसर्च करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा वहीं, लैंडर और रोवर चांद पर पानी की खोज करेंगे।
5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था चंद्रयान-3
22 दिन तक पृथ्वी का चक्कर लगाने के पश्चात चंद्रयान-3, 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था। इसके पश्चात 6, 9 और 14 अगस्त को इसके ऑर्बिट को घटाया गया था। इसरो ने चंद्रयान-3 को चांद तक पहुंचाने के लिए 3 हिस्से तैयार किए हैं, जिसे मॉड्यूल कहा जाता है। इसका पहला हिस्सा प्रोपल्शन है, जो उड़ान भरने में चंद्रयान-3 की मदद करेगा। वहीं, इसका दूसरा हिस्सा लैंडर है, जिसकी मदद से चंद्रयान-3 चांद पर लैंड करेगा। इसके अलावा, चंद्रयान- 3 का तीसरा हिस्सा रोवर है, जो चांद पर घूमने और उसकी सतह से जानकारी हासिल करने में सहायता करेगा।
चंद्रयान ने चांद की तस्वीरें खींची
चंद्रयान ने जब पहली बार चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया तब उसके ऑनबोर्ड कैमरों ने चांद की तस्वीरें भी कैप्चर की थीं। इसरो ने अपनी वेबसाइट पर इसका एक वीडियो बनाकर साझा किया था। इन तस्वीरों में चंद्रमा के क्रेटर्स साफ-साफ दिख रहे हैं।
कुछ दिनों में चांद पर होंगे हम
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र प्रसाद ने कहा है कि हम चांद के काफी करीब पहुंच गये हैं। इसरो वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में उनका लैंडर चांद पर होगा। इस सफलता से चांद की यात्रा के लिए आगे के प्रवेश द्वार खुल जायेंगे।
मिशन पूरा होते ही भारत के नाम दर्ज होगी कई उपलब्धियां
यदि यह मिशन सफलतापूर्वक पूरा होता है तो भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। यही नहीं, भारत दुनिया का पहला ऐसा देश होगा जिसने बिना किसी हैवी रॉकेट के इस मिशन को पूरा किया है। इसके अलावा, भारत के खाते में एक और उपलब्धि आ जाएगी, जिसके अनुसार भारत सबसे कम दाम में इस मिशन को अंजाम देने वाले देश होगा।
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