इंदौर में परंपरा के अनुसार निकलेगा झिलमिलाती झांकियों का कारवां
इंदौर में झांकियां निकालने की परंपरा आज भी जारी हैं
इंदौर में झांकियां निकालने के साथ-साथ सांस्कृतिक प्रस्तुति भी
इंदौर में झांकियों को देखने के लिए लोगों में बेसब्री से इंतजार
इंदौर में दो दर्जन से अधिक मिलों की झांकियों का कारवां
इंदौर। परंपरा के अनुसार गणपति जी का विसर्जन 10 दिन बाद यानी अनंत चतुर्दशी पर किया जाता है। इस साल अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर 2023 को है। अनंत चतुर्दशी गणपति उत्सव का आखिरी दिन होता है। इस दिन झांकियां निकालने का कारवां पूरी रात चलता रहता है। मध्यप्रदेश के इंदौर में गणेश विसर्जन की झांकियां निकालने का सिलसिला लगभग आज भी जारी है।
इंदौर में सदियों से चली आ रही है झांकियां निकालने की परंपरा –
जैसा की हम सभी जानते है की इंदौर को मिलों का शहर भी कहा जाता है। इस परंपरा को 1924 में सेठ हुकमचंद ने झांकी निकालने की शुरुआत की थी। झांकियां को हुकमचंद मिल से लेकर किशनपुर पुल तक ले जाया जाता था, जहां पर खान नदी में गणपति जी का विसर्जन होता था।
32 साल पहले बंद हुई मिल के बाद, मजदूरों की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद भी मिल के मजदूरों ने झांकियां निकालने का सिलसिला जारी रखा। आज भी मजदूर एक दिन का वेतन काटकर झांकी निकालने के लिए मदद करते थे।
इंदौर में दो दर्जन से अधिक मिलों की झांकियों का कारवां –
इंदौर में स्वच्छता के साथ-साथ संस्कृति को आज भी कायम रखा गया है। आज भी अनंत चतुर्दशी पर निकलने वाली झांकियों को पूरी मेहनत के साथ मिल मजदूर काम करने में पीछे नहीं है। बंगाल से आए कारीगर आज भी इन झांकियां को बनाने में बेजोड़ तरीके से जुड़े हुए हैं। अधिक से अधिक अखाड़े जहां अपने करतब सड़क पर दिखाएंगे तो वहीं मिलों की झांकियां भी सड़कों पर दिखाई देगी।
इंदौर में राजकुमार मिल, हुकुमचंद मिल, भंडारी मिल, स्वदेशी मिल, मालवा मिल, कल्याण मिल आदि मिलकर अलग-अलग झांकियां निकाला करती है। मिलों की झांकियों के अलावा लगभग 12 से अधिक झांकियां अलग-अलग संस्थाओं द्वारा भी निकाली जाती है।
100 वां वर्ष चंद्रयान के साथ होगा –
इंदौर में गणेश विसर्जन की झांकियां निकालने की परंपरा लगभग 99 साल से आज भी जारी है। लेकिन इस साल 100 वां वर्ष चंद्रयान के साथ होगा। हुकमचंद मिल की एक झांकी चंद्रयान की सफलता पर रहेगी, जबकि दो धार्मिक रहेंगी। यहाँ हम आपको बतादे की कोलकाता के 20 कलाकार रात-दिन झांकियों के निर्माण में लगे हैं।
झांकियों के निर्माण के लिए निगम से मिले दो लाख रुपये के आर्थिक अनुदान के बाद निर्माण की गति बढ़ी है। झिलमिलाती झांकियों में 10 अखाड़े भी शामिल रहेंगे। तो वही कल्याण मिल की झांकी का यह 95वां वर्ष है। झांकियों में हनुमान कथा और कृष्ण लीला का चित्रण किया जाएगा। झांकियों का निर्माण इंदौर के ही कलाकार अकबर अली कर रहे हैं। झांकियों में 20 हजार से ज्यादा बिजली के बल्ब झिलमिलाएंगे।
जगमगाती झांकियों को देखने के लिए शहरवासियो में काफी उत्साह –
अनंत चतुर्दशी की रात झांकियों का यह झिलमिलाता कारवां शहर की सड़कों पर उतर जाएगा। इंदौर में झांकियां निकालने के साथ-साथ संस्कृतिक और करतब दिखने वाले कलाकार भी अपनी प्रस्तुती देते नजर आते है।
पछले साल भी कुछ मनमोहक रूप वाली झांकियां देखने को मिली जिस में ब्रज की होली, कालिया नाग, गणेश विवाह, शिव और भष्मासुर, के साथ-साथ और भी कही झांकियां शामिल थी। इस बार भी इंदौर विकास प्राधिकरण अपनी पूरी तैयारी के साथ तयार है। इंदौर शहर की लाखों आंखें इन झांकियों को निहारने के लिए कर रही है बेसब्री से इंतजार।
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