इंदौर को बेस्ट स्मार्ट सिटी और मध्यप्रदेश को बेस्ट स्टेट का अवॉर्ड
-इंदौर को 7 कैटेगरी में मिले अवॉर्ड
-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सितंबर में करेंगी विजेताओं को सम्मानित
-कचरे से हर माह 4 करोड़ बना रहा इंदौर
-ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने की कैटेगरी में भोपाल को मिला दूसरा स्थान
दिल्ली। शहरी विकास मंत्रालय द्वारा हर साल आयोजित होने वाले सर्वेक्षण के 2023 के नतीजे की घोषणा की गई है। वहीं इस सर्वेक्षण में देशभर की स्मार्ट सिटी के बीच भी सर्वेक्षण किया जाता है। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने इसी के तहत इंडिया स्मार्ट सिटी अवॉर्ड 2022 की रैंकिंग जारी की। इसीमें इंदौर को बेस्ट स्मार्ट सिटी का अवॉर्ड मिला है। वहीं इंडिया स्मार्ट सिटी अवॉर्ड में मध्यप्रदेश को बेस्ट स्टेट का अवॉर्ड मिला है। इंदौर को 7 कैटेगरी में अवॉर्ड मिला है। इंदौर के अलावा भोपाल को वाटर सप्लाई सिस्टम और ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने के लिए अवॉर्ड मिला है।
ग्वालियर और सागर को इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के लिए अवॉर्ड मिला है। जबलपुर को 311 ऐप के लिए अवॉर्ड दिया गया है। 27 सितंबर को इंदौर में आयोजित होने वाले समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विजेताओं को सम्मानित करेंगी। दरअसल, मध्यप्रदेश के 7 शहरों में कई क्षेत्रों में 15,696 करोड़ की लागत से 779 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। जो यहां के लोगों की बुनियादी जरुरतों को पूरा कर उनकी जिंदगी को आसान बना रहे हैं।
इंदौर को मिले 7 अवॉर्ड
1. सैनिटेशन में पहला स्थान- गोवर्धन बायो सीएनजी प्लांट के लिए इंदौर को यह अवार्ड मिला।
2. अर्बन एनवायरन्मेंटल के लिए पहला स्थान- इंदौर की बेहतर एयर क्वालिटी इंडेक्स और अहिल्या वर्टिकल गार्डन के लिए यह अवार्ड मिला।
3. वाटर कैटेगरी में पहला स्थान- सरस्वती एवं कान्ह नदी प्रोजेक्ट (संकल्प), रेनवाटर हार्वेस्टिंग वाटर, वाटर सरप्लस, रेजुएशन आफ लेक्स, वेल्स एंड स्टेप वेल्स प्रिजर्वेशन के लिए इंदौर को प्रतम चुना गया।
4. इकाॅनामी के लिए दूसरा स्थान- वैल्यू कैप्चर फाइनेंसिंग के लिए मिला दुसरा स्थान।
5. बिल्ड एनवायरनमेंट के लिए दूसरा स्थान- रिवरफ्रंट डेवलपमेंट के लिए।
6. कॉविड इनोवेशन के लिए दूसरा स्थान- कोरोनाकाल में कोविड-19 की परिस्तिथि से निपटने के लिए।
कचरे से हर माह 4 करोड़ बना रहा इंदौर
इंदौर को बायो सीएनजी प्लांट कैटेगरी में पहला नंबर मिला है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शहर के घरों से पहले हर रोज 500 टन गीला कचरा यानी सब्जी, फल, जूठन को यूं ही फेंक दिया जाता था, लेकिन अब नगर निगम के योजनाओं के चलते इसी से रोजाना 17 हजार किलो बायो सीएनजी और 100 टन जैविक खाद बन रही है। इससे इंदौर नगर निगम को हर महीने 4 करोड़ रुपए की कमाई होती है। इस तरह देश में इंदौर इकलौता शहर है, जहां कूड़े से कमाई की जाती है। यहां एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट है।
महापौर और निगमायुक्त ने भी दी बधाईयां
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में नगर निगम द्वारा किए गए कार्यों को लेकर इंडिया स्मार्ट सिटी अवार्ड कांटेक्ट 2022 की जारी रैंकिंग में मध्यप्रदेश प्रथम स्थान और इंदौर शहर देश में प्रथम स्थान पर रहा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव और आयुक्त हर्षिका सिंह ने इंदौरवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। नागरिकों के सहयोग से निगम द्वारा किए जा रहे प्रयासों में दिए गए सहयोग के लिए नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी. ने भी बधाई देते हुए कहा कि इंदौर ने आज एक बार फिर से देश में अव्वल नंबर हासिल किया है।
भोपाल को मिले दो कैटेगरी में अवॉर्ड
मध्यप्रदेश का सिरिफ इंदौर ही एसा शहर नहीं है, जिसे अवार्ड्स मिले हंै। इस लिस्ट में भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड को वाटर सप्लाई के स्कॉडा सिस्टम के लिए राष्ट्रीय ई-गर्वनेंस अवार्ड-2023 मिला है। यह पुरस्कार शुक्रवार को इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्यम मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा द्वारा दिया गया। वहीं ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने की कैटेगरी में भोपाल दूसरे स्थान पर रहा।
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