पाकिस्तान में आत्मघाती हमले में 44 लोगों की मौत
-जेयूआई-एफ की पार्टी की रैली के दौरान हुआ धमाका
– आईएसआईएस ने ली बम धमाके की जिम्मेदारी
– हादसे में 100 से ज्यादा घायल, कई की हालत गंभीर
-प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दिए जांच के आदेश
कराची। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा राज्य के बाजौर में रविवार को एक राजनीतिक रैली में बम धमाका हुआ। धमाके में 44 लोगों की मौत हो गई वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिनमें कई की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना बाजौर की खार तहसील की है। यहां सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल जमीयत उलेमा इस्लाम फजल की रैली चल रही थी। धमाके की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली है।
पुलिस के मुताबिक धमाका शाम करीब 4.30 बजे हुआ। इस वक्त रैली में काफी लोग मौजूद थे। माना जा रहा है कि हमलावर पार्टी समर्थकों के बीच ही मौजूद था, इसलिए इसे आत्मघाती हमला माना जा रहा है। जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजल ने घटना के बाद प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से बातचीत की और उन्हें पूरी जानकारी दी। सरकार ने घटना की जांच के आदेश भी दे दिए हैं।
फजल ने समर्थकों से कहा- आप लोग फौरन अस्पताल पहुंचें और घायलों को खून मुहैया कराएं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी के मुताबिक यह हमला मुल्क को कमजोर करने की एक और साजिश है। सरकार आतंकियों से निपटने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
किसने करवाया धमाका?
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनवा में आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। शुरुआती जांच में पता चला कि इस्लामिक स्टेट ने हमले को अंजाम दिया। पाकिस्तान में इस्लामिक स्टेट बैन है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट अफगानिस्तान में तालिबानी टेकओवर के बाद काफी एक्टिव है।
वहीं, आईएसआईएस तालिबानी शासन के खिलाफ है। जेयूआई-एफ कट्टर इस्लामी संगठन है और इसके तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और अफगान तालिबान से करीबी रिश्ते हैं। लिहाजा इसी लिए जेयूआई-एफ की रैली को निशाना बनाया गया। दोपहर तक आईएसआईएस ने हमले की जिम्मेदारी ले ली।
कई लोगों के चिथड़े उड़ गए
समाचार एजेंसीस के अनुसार करीब 400 पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक इस रैली में हिस्सा लेने पहुंचे थे। 24 साल के सबी उल्लाह का एक हाथ धमाके में जख्मी हो गया। उन्होंने मीडिया को बताया, हम पार्टी के आला नेताओं का इंतजार कर रहे थे, अचानक वहां जोर से एक आवाज गूंजी। कुछ देर बाद होश आया तो देखा कि मैं एक अन्य व्यक्ति के पास गिरा हुआ हूं। उस व्यक्ति का हाथ कट गया था। मैं हवा में खून और गंध महसूस कर सकता था। घटनास्थल पर लोगों की लाशें बिखरी पड़ी थीं। कई के शव क्षतविक्षत हो गए थे।
हमले की गहराई से जांच हो- हाफिज
इस रैली को जेयूआई-एफ के वरिष्ठ नेता हाफिज हमदुल्लाह संबोधित करने वाले थे, लेकिन वो किसी वजह से यहां पहुंच नहीं सके। बाद में मीडिया से बातचीत में हाफिज ने कहा- हमारे करीब 44 कार्यकर्ता इस धमाके में मारे गए हैं। मैं इस घटना से बहुत आहत हूं और इसकी कड़ी निंदा करता हूं। हमारे हौंसले इस तरह के हमलों से कम नहीं होंगे। हाफिज ने आगे कहा कि इस तरह के हमले पहले भी होते रहे हैं। इनकी गहराई से जांच होनी चाहिए। हमें तो किसी तरह की सिक्योरिटी भी मुहैया नहीं कराई जाती। हम इस मसले को संसद में उठाएंगे।
जेयूएल-एफ के एक नेता की मौत
हमले में जेयूएल-एफ पार्टी के एक नेता जियाउल्लाह जान की मौत हो गई है। खैबर पख्तूनवा की मीटिंग में जेयूएल-एफ के वरिष्ठ नेता फजल-उर-रहमान मौजूद नहीं थे। जेयूएलएफ पाकिस्तान डेमोक्रेटिक अलायंस का हिस्सा है, जिसमें फजल-उर-रहमान की अहम भूमिका है। वह शहबाज शरीफ के करीबी माने जाते हैं।
पेशावर में भी हो चुका है ऐसा धमाका
30 जनवरी 2023 में पेशावर की एक मस्जिद में धमाका हुआ था, जिसमें 100 लोगों की जान गई थी। इस मस्जिद में ज्यादातर पुलिस और सिक्योरिटी फोर्स से जुड़े लोग नमाज पढ़ने आते थे। इस हमले के पीछे टीटीपी का हाथ बताया गया था।
घटना के दोषियों को बक्शेंगे- पीएम शरीफ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने धमाके की निंदा की है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने उन लोगों को निशाना बनाया है जो धर्म और देश के बारे में बात करते हैं। पीएम शरीफ ने पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान के दुश्मन हैं और हमें पाकिस्तान के दुश्मनों को खत्म करना है।
पीएम शरीफ ने इस मामले में गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और खैबर पख्तूनख्वा की प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है। वहीं, गृह मंत्री सनाउल्लाह ने कहा है कि घटना के दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा।
तालिबान ने की इस्लामिक स्टेट की निंदा
तहरीक-ए-तालिबान जिसने पाकिस्तान में पिछले कुछ सालों में दर्जनों हमलों को अंजाम दिया है, रविवार के हमले की निंदा की। आतंकी संगठन ने एक बयान में हमले से दूरी बनाई है। अफगान तालिबान ने भी हमले की आलोचना की। तालिबानी शासन के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद ने बयान में कहा कि इस तरह के हमलों को उचित नहीं ठहराया जा सकता। पाकिस्तान में तालिबानी भी एक्टिव हैं, जहां उनकी नजर पाकिस्तान की सत्ता पर है। इस्लामिक स्टेट भी एक्टिव है, जिसके स्थानीय विंग ने कई हमले किए हैं।
क्या है जेयूआई-एफ?
जमीयत उलेमा ए इस्लाम फज्ल (जेयूआई-एफ) पाकिस्तान की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी है। ये पार्टी शहबाज शरीफ की सरकार के साथ गठबंधन में शामिल है। पाकिस्तान में इस साल के आखिर में चुनाव हो सकते हैं। जेयूआई-एफ इसी की तैयारी में जुटी है और रविवार की रैली उनके लिए अपनी ताकत दिखाने का एक मौका मानी जा रही थी।
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