अमेरिका की चीन पर निर्भरता खत्म कर सकते हैं भारत-अमेरिका संबंध
-अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के दावेदार विवेक रामास्वामी का बड़ा बयान
-भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी रिपब्लिकन पार्टी के नेता हैं
-रामास्वामी ने कहा, पीएम मोदी भारत के लिए अच्छे नेता
-प्रेसिडेंशिअल डिबेट में विवेक रामास्वामी का दबदबा
अमेरिका। दुनिया में बढ़ते भारत के कद को देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के दावेदार विवेक रामास्वामी ने बड़ा बयान दिया है। अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे रिपब्लिकन नेता विवेक रामास्वामी भारतीय मूल के हैं। दरअसल, विवेक रामास्वामी इन दिनों अपने चुनाव प्रचार के लिए आयोवा राज्य के दौरे पर हैं।
आयोवा में मीडिया के साथ इंटरव्यू में विवेक रामास्वामी ने कहा कि भारत और अमेरिका के मजबूत संबंध, अमेरिका की चीन पर निर्भरता खत्म कर सकते हैं। अमेरिका अभी आर्थिक रूप से चीन पर निर्भर है लेकिन भारत के साथ संबंध मजबूत करके अमेरिका चीन पर निर्भरता से आजाद हो सकता है।
सैन्य संबंधों में मजबूती की जरूरत
रामास्वामी ने इंटरव्यू में आगे कहा कि अमेरिका को भारत के साथ अंडमान निकोबार के द्विपीय इलाके में भी सैन्य संबंध मजबूत करने की जरुरत है ताकि सही समय पर चीन को मलक्का स्ट्रेट में ब्लॉक किया जा सके। बता दें कि चीन, मध्य पूर्व के देशों से तेल की खरीदता है और उसके जहाज मलक्का स्ट्रेट से ही होकर गुजरते हैं। रामास्वामी मानना है की भारत के साथ इन क्षेत्रों में सैन्य ताकत को बढ़ाना अमेरिका के हित में होगा।
यूक्रेन युद्ध में अमेरिका के हस्तक्षेप के खिलाफ
इंटरव्यू में आगे बात करते हुए विवेक रामास्वामी ने यूक्रेन युद्ध पर अपने विचार स्पष्ट तौर पर रखते हुए कहा कि- ‘अमेरिका की विदेश नीति की सबसे बड़ी चुनौती है कि हम अपनी जमीन को सुरक्षित नहीं कर रहे हैं और हम जो लड़ाइयां लड़ रहे हैं, उनसे अमेरिका के हितों को फायदा नहीं होगा। मुझे लगता है कि अमेरिका लगातार यूक्रेन युद्ध में उलझकर गलती कर रहा है। इससे अमेरिका का कोई हित नहीं है। हमें वामपंथी चीन पर फोकस करना चाहिए और वही अभी अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा है।’
पीएम मोदी को बताया अच्छा नेता
अपने चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय मीडिया के साथ पहले संवाद में रामास्वामी भारत और अमेरिका के बढ़ते संबंधों के मजबूत समर्थक नजर आए। उन्होंने कहा कि- ‘‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लिए एक अच्छे नेता हैं और मैं भारत एवं अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्साहित हूं।’’
आर्थिक रूप से चीन पर निर्भर अमेरिका
दरअसल, चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अमेरिका में सबसे ज्यादा आयात भी चीन से ही होता है। बता दें कि बीते साल अमेरिका और चीन के बीच के व्यापार ने नए रिकॉर्ड बना दिए हैं। चीन और अमेरिका के बीच पिछले साल में सबसे ज्यादा 690 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ है। जहां अमेरिका ने चीन से बीते साल 536 बिलियन डॉलर का सामान आयात किया, वहीं अमेरिका ने भी चीन को 154 बिलियन डॉलर का निर्यात किया। अमेरिकी कंपनियां भी चीन में बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग कर रही है, जिससे अमेरिका की चीन पर निर्भरता काफी बढ़ गई है।
कौन हैं विवेक रामास्वामी?
अमेरिका में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के तरफ से विवेक रामास्वामी उम्मीदवार माने जा रहे हैं। गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति की दौड़ में रामास्वामी सबसे युवा उम्मीदवार हैं। दरअसल, 38 वर्षीय रामास्वामी एक अरबपति बिजनेसमैन हैं और वह रोइवंत साइंसेज नामक बायोटेक कंपनी के संस्थापक हैं। वहीं, बीती 23 अगस्त को मिलवाउकी, विंस्कोसिन में हुई पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद रामास्वामी की लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफा हुआ है और उन्हें ट्रम्प समर्थकों का भी समर्थन मिल रहा है।
पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान वह अन्य रिपब्लिकन उम्मीदवारों पर भारी पड़े और डिबेट के बाद रामास्वामी को चुनाव प्रचार के लिए मिलने वाले चंदे में भी उछाल आया है। फिलहाल रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से लोकप्रियता के मामले में ट्रंप के बाद दूसरे नंबर पर रामास्वामी ने मजबूत उम्मीदवार के रूप से अपनी पहचान बनाई हैं।
प्रेसिडेंशिअल डिबेट में विवेक रामास्वामी का दबदबा
गौरतलब है कि रिपब्लिकन पार्टी अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन में लगी हुई है। इसी के चलते 24 अगस्त को पार्टी ने अपने आठों उम्मीदवारों की लाइव प्रेसिडेंशिअल डिबेट कराई। इस डिबेट में विवेक रामास्वामी ने सभी उम्मीदवारों को पछाड़ दिया, जिसके बाद उनकी लोकप्रियता में काफी उछाल आया है।
डिबेट के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जल्द ही दौड़ में केवल दो उम्मीदवार रह जाएंगे, वह और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। बता दें कि रामास्वामी ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि अगर वह रिपब्लिकन पार्टी से नामांकन नहीं जीतते हैं तो वह ट्रंप के साथ संयुक्त टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
हमारा YOUTUBE चैनल- https://www.youtube.com/@VyasMediaNetwork