अमित शाह ने विधानसभा चुनाव में जीत के लिए बनाई रणनीति
– भोपाल में प्रदेश के नेताओं से पूछा- हम कहां बेहतर, कहां कमजोर
– बूथ स्तर से लेकर राज्य स्तर तक की चुनावी तैयारी की समीक्षा की
– दिग्गजों के साथ बीजेपी का चुनावी रोडमैप तय किया
– चुनाव में जनता के बीच जाने के लिए तय किए मुद्दे
– प्रभारी भूपेंद्र यादव तैयार करेंगे रिपोर्ट
भोपाल। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंगलवार देर शाम भोपाल पहुंचे। यहां उन्होंने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी के नेताओं के साथ अहम बैठक की। करीब दो घंटे चली बैठक में शाह ने सभी विधानसभा सीटों की रिपोर्ट मांगी। इसमें शाह ने इसी साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले चुनाव के लिए सफलता का मंत्र दिया। ये भी पूछा कि कहां बीजेपी बेहतर है और कहां कमजोर? ये जानकारी कारणों के साथ देने का कहा गया है।
इसकी जिम्मेदारी बीजेपी के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव को सौंपी गई है। शाह ने यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव को एक प्रारूप भी दिया है। इस प्रारूप के आधार पर हर विधानसभा क्षेत्र की जानकारी इकट्ठा की जाएगी। सूत्रों का दावा है कि शाह ने बूथ स्तर से लेकर राज्य स्तर तक अब तक की चुनावी तैयारी को लेकर समीक्षा की। बैठक में बाहरी राज्यों से आए विस्तारकों की रिपोर्ट पर भी मंथन हुआ।
फीडबैक रिपोर्ट के आधार पर बनाएंगे चुनावी रणनीति
बीजेपी के एक नेता के मुताबिक, चूंकि शाह की अगुवाई में यह पहली चुनावी बैठक हुई है इसलिए फिलहाल फीडबैक पर ही चर्चा की गई। बीजेपी ये भी देख रही है कि कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों खासकर मौजूदा विधायकों से कहां-कहां नाराजगी है? जुलाई के दूसरे सप्ताह तक इन सारी रिपोर्ट्स पर प्रदेश के नेता काम करेंगे और जब शाह दोबारा आएंगे तो इनकी समीक्षा होगी। बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष की फीडबैक रिपोर्ट के आधार पर आगे की चुनावी रणनीति बनाई जाएगी।
स्थानीय मसलों पर बातचीत की
शाह के नेतृत्व में बैठक में तय हुआ है कि आने वाले चुनाव में बीजेपी किन मुद्दों और किस अंदाज में जनता के बीच जाएगी। शाह कई तरह के फीडबैक पहले ही हासिल कर चुके हैं। उन्होंने प्रदेश के नेताओं से भी स्थानीय मसलों पर बातचीत की है।
बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, सांसद फग्गन सिंह और राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद रहे। बैठक के बाद शाह रात करीब 11.15 बजे दिल्ली रवाना हुए।
विजय संकल्प अभियान के लिए तारीखों का ऐलान जल्द
बैठक समाप्त होने के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बताया, श्प्रदेश की राजनीतिक परिस्थिति का गहराई के साथ सूक्ष्म विश्लेषण शाह के नेतृत्व में किया गया। मध्यप्रदेश चुनाव में विजय की रणनीति पर मंथन हुआ है। बीजेपी संगठन की सुदृढ़ता के साथ जिन कार्यक्रमों की हमने तैयारी की है, उनकी समीक्षा करने के बाद शाह ने ऐलान किया है कि मध्यप्रदेश में विजय संकल्प अभियान की शुरुआत की जाएगी। शर्मा ने कहा कि विजय संकल्प अभियान की तारीखों का ऐलान जल्द कर दिया जाएगा।
बैठक में शाह ने मध्यप्रदेश की क्षेत्रवार राजनीतिक स्थितियों की जानकारी ली। उन्होंने सियासी बयानबाजी और हालिया घटनाक्रमों को लेकर भी चर्चा की। किस तरह के राजनीतिक फैक्टर किस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, इन सब पर भी बारीकी से बात की। बता दें कि वर्ष 2023 में जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, उनमें से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की मुख्य जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंपी गई है, जबकि राजस्थान की बागडोर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा संभालेंगे।
इसलिए भूपेंद्र यादव बने मध्यप्रदेश के प्रभारी
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को प्रभारी नियुक्त किया है जबकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को सह प्रभारी बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री यादव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। पहले माना जा रहा था कि भूपेंद्र यादव को छत्तीसगढ़ का प्रभार मिल सकता है, लेकिन मध्यप्रदेश में गुटबाजी की खबरों के बीच उन्हें प्रभारी बनाया गया।
जानकार कहते हैं कि भूपेंद्र यादव ने भले ही मध्यप्रदेश की प्रत्यक्ष तौर पर पहले कोई जिम्मेदारी नहीं संभाली, लेकिन वे यहां के नेताओं से लगातार संपर्क में रहते हैं। केंद्रीय नेतृत्व को लगता है कि उनकी सियासी समझ से आपसी गुटबाजी को कंट्रोल करने में सफलता मिल सकती है। यादव को मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी देने की एक वजह यह भी मानी जा रही है कि वे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आते हैं। मध्यप्रदेश में ओबीसी वोटर्स की आबादी करीब 52 फीसदी है। बीजेपी संगठन ने इन्हीं वोटर्स को फोकस करते हुए यह अहम निर्णय लिया है।
आदिवासियों के लिए चलाएंगे खास कैंपेन
शाह ने कहा कि चुनाव में आदिवासियों पर फोकस होना चाहिए। एमपी में हाल ही में आदिवासियों के साथ हुई घटनाओं को लेकर शाह ने सतर्क रहने के निर्देश भी दिए। सूत्रों का कहना है कि शाह ने सीधी पेशाब कांड से लेकर प्रदेश के अन्य जिलों में हो रही घटनाओं के बारे में मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से जानकारी ली। शाह ने कहा कि चुनाव में आदिवासियों के लिए खास कैंपेन चलाया जाए।
बता दें कि आदिवासी बहुल इलाके में 84 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 84 में से 34 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2013 में इस इलाके में 59 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। 2018 में पार्टी को 25 सीटों पर नुकसान हुआ है। जिन सीटों पर आदिवासी मतदाता जीत और हार तय करते हैं, वहां सिर्फ बीजेपी को 16 सीटों पर ही जीत मिली है। 2013 की तुलना में 18 सीट कम है। अब सरकार आदिवासी जनाधार को वापस बीजेपी के पाले में लाने की कोशिश में जुटी है।
विजय संकल्प यात्रा निकालेंगे
केंद्रीय गृह मंत्री ने कोर ग्रुप के सदस्यों से पूछा कि वोट प्रतिशत कैसे बढ़ाओगे? इस पर बताया गया कि विजय संकल्प यात्रा निकालने पर विचार किया जा रहा है। इस पर शाह ने सहमति देते हुए इस यात्रा को सैद्धांतिक सहमति दी। यह यात्रा अलग-अलग जिलों से निकाली जाएगी। इस दौरान रैलियां, जनसभाएं और रोड शो होंगे।
राज्यपाल को राष्ट्रपति के कार्यक्रम के लिए न्योता दिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बैठक से पहले शाम को राजभवन पहुंचे। 25 मिनट तक राज्यपाल मंगूभाई पटेल के साथ सिंधिया की चर्चा हुई। राजभवन के सूत्रों के मुताबिक, सिंधिया ने राज्यपाल को 13 जुलाई को प्रस्तावित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यक्रम का निमंत्रण दिया। राष्ट्रपति ग्वालियर के आईआईआईटीएम कॉलेज के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। इस दौरान वे सिंधिया परिवार के साथ शाही भोज में भी शामिल होंगी।