अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते थे राजकुमार
– ‘जाॅनी‘ नाम से मशहूर अभिनेता राजकुमार की पुण्यतिथि आज
– ‘रंगीली‘ फिल्म से शुरू किया था अपना फिल्मी कॅरियर
मुंबई। बॉलीवुड में ‘जाॅनी’ के नाम से मशहूर अभिनेता राजकुमार की 3 जुलाई को पुण्यतिथि है। 1996 में आज ही के दिन उनका कैंसर के चलते निधन हो गया था। ‘रंगीली‘ फिल्म से अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत करने वाले राजकुमार अपनी बेहतरीन एक्टिंग, आवाज और बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते थे। वह पर्दे पर जितने बेबाक थे, असल जिंदगी में भी उतने ही मुंहफट थे।
ऐसे शुरू हुआ फिल्मी सफर
राजकुमार पुलिस विभाग में और जिस थाने में उनकी पोस्टिंग थी, वहां अक्सर फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों का आना-जाना लगा रहता था। एक बार फिल्म निर्माता बलदेव दुबे उनसे मिले तो उन्हें राजकुमार का बात करने का अंदाज काफी पसंद आया। इसके बाद बलदेव ने जब राजकुमार को अपनी फिल्म में काम करने का ऑफर दिया, तो उन्होंने तुरंत नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
डायलॉग सुनने के लिए सिनेमाघरों में जाते थे दर्शक
राजकुमार जितने बेहतरीन कलाकार थे उतना ही बढ़िया उनका बोलने का अंदाज भी था। उनके डायलाॅग सुनने के लिए ही लोग सिनेमाघरों में जाते थे। उनकी फिल्मों में कई डायलॉग ऐसे हैं, जिन्हें आज भी लोग पसंद करते हैं। साल 1965 में आई फिल्म ‘वक्त‘ का डायलॉग, जिसमें उन्होंने कहा था, ‘चिनॉय सेठ, जिनके अपने घर शीशे के हों वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते‘, को लोग आज भी खूब पसंद करते हैं। राजकुमार को अपनी करियर में असल पहचान ‘मदर इंडिया‘ फिल्म से मिली थी, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
दिलीप कुमार के साथ 33 साल तक नहीं किया था काम
साल 1958 में आई फिल्म पैगाम में राजकुमार ने दिलीप कुमार के साथ स्क्रीन शेयर की थी। फिल्म में राजकुमार ने बड़े भाई और दिलीप कुमार ने छोटे भाई का किरदार निभाया था। एक सीन में राजकुमार को दिलीप कुमार को थप्पड़ मारना था। शूटिंग के दौरान राजकुमार ने उन्हें जोरदार थप्पड़ मार दिया। दिलीप कुमार को लगा कि उन्होंने जान-बूझकर ऐसा किया। इस बात से दोनों का रिश्ता इतना बिगड़ गया कि उन्होंने 33 साल तक किसी फिल्म में साथ काम नहीं किया। 33 साल बाद दोनों ने फिल्म सौदागर में एकसाथ काम किया।
कैंसर के कारण चली गई थी आवाज
राजकुमार को गले का कैंसर हो गया था, जिस वजह से अपनी आवाज के लिए जाने जाने वाले अभिनेता की आवाज ही चली गई थी। उनकी इच्छा थी कि उनकी अंतिम यात्रा में बस उनके घर के लोग शामिल हों और हुआ भी ऐसा ही। जब उनका निधन हुआ, तो उनके अंतिम संस्कार के बाद ही मीडिया और फैंस को इस बात की सूचना दी गई थी।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुआ था जन्म
राजकुमार का जन्म 8 अक्टूबर 1926 को बलूचिस्तान में हुआ था। उस वक्त उनका नाम कुलभूषण पंडित था, जिसे उन्होंने बाद में बदलकर राजकुमार कर लिया। 1947 में देश का बंटवारा हुआ था, तो उनका पूरा परिवार भारत आकर मुंबई में बस गया था। मुंबई में आकर वह पुलिस की नौकरी करने लगे।